जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण की वोटिंग जारी है। इस चरण में पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती अपनी किस्मत आजमा रही हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि जम्मू-कश्मीर में पहले चरण में किस सीट पर किससे मुकाबला है?
पंपोर में, जानी मानी राजनीतिक हस्तियों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। यहां नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी का मुकाबला पीडीपी के जहूर अहमद मीर से होगा, जिन्होंने 2008 और 2014 में जीत हासिल की थी। अनंतनाग से पूर्व सांसद मसूदी मीर को हराने की कोशिश कर रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। राज्य में मुख्य मुकाबला कांग्रेस-NC, पीडीपी और भाजपा के बीच माना जा रहा है। हालांकि, विधानसभा चुनाव में एक और पार्टी सामने आई है जिसमें महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला की टेंशन बढ़ा दी है।
मनोज तिवारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस पर संज्ञान लेना चाहिए क्योंकि ये लोग सीएम की कुर्सी पर भी रह चुके हैं और देश विरोधी बयान दे रहे हैं।
जम्मू कश्मीर चुनाव में इस बार कई नए चेहरे दांव अजमा रहे हैं, इनमें से कुछ रसूखदार राजनीतिक घराने से हैं। आइए जानते हैं इनके नाम...
जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच गठबंधन हुआ है जिसमें NC के हिस्से में 51 और कांग्रेस के हिस्से में 32 सीटें आई हैं।
उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। आपको बता दें कि उमर अब्दुल्ला ने लोकसभा चुनाव भी लड़ा था लेकिन इसमें उन्हें हार मिली थी।
जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 18 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है। पार्टी अध्यक्ष डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला द्वारा इन नामों को अनुमोदित किया गया है।
जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों में से नेशनल कॉन्फ्रेंस 51 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस 32 सीटों पर फाइट करेगी, जबकि पांच सीटों पर फ्रेंडली फाइट होगी।
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के बहाली को लेकर भाजपा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी पर निशाना साधा है। भाजपा ने कहा कि वोटरों को अनुच्छेद 370 के नाम पर पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस मूर्ख बना रही है।
जम्मू कश्मीर में चुनाव की घोषणा होते ही कांग्रेस और फारूक अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने गठबंधन कर लिया है, इस पर बीजेपी ने करारा हमला बोला है।
कांग्रेस वही इंडिया गठबंधन वाली रणनीति यहां भी चाहती है। नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी इंडिया गठबंधन में शामिल होने की बात कही और कहा कि जल्द ही सीटों का बंटवारा किया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव से पहले ही नेशनल कॉन्फ्रेंस के मेनिफेस्टो पर बवाल शुरू हो गया है और कश्मीरी पंडितों ने पार्टी पर शंकराचार्य मंदिर और हरी पर्वत का नाम बदलने का आरोप लगाया है।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों से पहले सियासी गलियारों में अब इस बात की चर्चा तेज होने लगी है कि क्या भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के गठबंधन का ऐलान होगा।
जम्मू-कश्मीर में पिछला विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था और 2018 में विधानसभा भंग कर दी गई थी। आगामी चुनाव केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा के लिए पहला चुनाव होगा, जिसका गठन 2019 में तब हुआ था जब जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया गया था।
जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भारतीय जनता पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि वे ऐसे बात करते हैं मानों लोकसभा में उनके 400 सदस्य हैं, जबकि हकीकत में उनके पास सिर्फ 240 सांसद हैं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकर्ताओं ने कहा कि सभी दलों के लोगों ने अपने विचार और जाति-धर्म से अलग होकर निर्दलीय उम्मीदवार खड़ा किया है। उसकी जगह कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन नहीं किया जा सकता।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने राजनाथ सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सामान्य शिकायत है कि इस समय हम जिस दौर से गुजर रहे हैं वो 1975 के आपातकाल से भी खराब है।
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर तैयारियां जोरों पर है। इस बीच जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस मिलकर चुनाव लड़ने जा रहे हैं। इस बाबत सीटों का बंटवारा भी कर दिया गया है। दोनों ही पार्टियों के बीच 3-3 सीटों पर सहमति बन गई है।
लोकसभा चुनाव को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने पहले उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता मियां अल्ताफ को अनंतनाग लोकसभा सीट से नेशनल कॉन्फ्रेंस ने उम्मीदवर घोषित किया है।
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