गौरतलब है कि कश्मीर में आतंकियों ने लोगों से चुनावों का बहिष्कार करने को कहा है। हांलाकि नैशनल कान्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने भी चुनावों का बहिष्कार किया है।
जम्मू-कश्मीर में आठ अक्टूबर से शुरू हो रहे चार चरण के स्थानीय निकाय चुनावों में 16.97 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे, लेकिन अब तक यहां चुनाव प्रचार का रंग नहीं चढ़ सका है।
नेशनल कांफ्रेंस के प्रवक्ता जुनैद आजीम मट्टू ने स्थानीय निकाय चुनावी के बहिष्कार के नेकां के निर्णय से असहमति जताते हुए मंगलवार को पार्टी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे जम्मू कश्मीर में आगामी पंचायत एवं शहरी निकाय संस्था के चुनाव में हिस्सा लें।
नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी की ओर से घोषित बहिष्कार के बावजूद केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में पंचायत और शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव कराने की दिशा में आगे बढ़ सकती है।
तबादले के बाद एसपी वैद्य को जनरल एडमिनिस्ट्रेशन में भेजा गया है। उन्हें ट्रांसपोर्ट कमिश्नर का पद दिया गया है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जब प्रशासन के पास डीजीपी जैसे अहम पद के लिए एक फुलटाइम उम्मीदवार नहीं था तो अचानक एसपी वैद्य को तबादला क्यों किया गया।
35A पर डोवल के बयान से भड़के फारुक अब्दुल्ला,पंचायती चुनाव को किया बॉयकॉट
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य प्रशासन ने शहरी स्थानीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव कराने का फैसला जल्दबाजी में लिया।
2019 लोकसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी की कोशिश थर्ड फ्रंट को खड़ा करने की है। इसमें उन दलों को शामिल किया जाएगा जो भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही साथ नहीं है। कई अन्य क्षेत्रीय दल भी इसमें ममता बनर्जी के साथ हैं।
अब्दुल्लाह ने ट्वीट में भाजपा नेताओं को टैग करते हुए कहा, ‘‘राम माधव के दावे के विपरीत, प्रदेश भाजपा इकाई ने पीडीपी को तोड़ने के प्रयास पार्टी द्वारा किये जाने की बात स्वीकार की है। ऐसा लगता है कि किसी भी कीमत पर सत्ता दिशानिर्देशक सिद्धांत है।’’
भाजपा ने 19 जून को जम्मू-कश्मीर की गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। इसके ऐलान के समय पार्टी ने कहा था कि राज्य में बढ़ते कट्टरपंथ और आतंकवाद के कारण सरकार में बने रहना मुश्किल हो गया था...
कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद के उस ट्वीट और बयान का जवाब दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि राजग सरकार के शासनकाल में संप्रग सरकार की अपेक्षा ज्यादा आंतकवादी मारे गए।
जावेद राणा ने कहा है कि कश्मीर के पत्थरबाज़ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानि आरएसएस की पैदाइश है। पूर्व आर्मी चीफ और मौजूदा विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह का नाम लेते हुए जावेद राणा ने कश्मीर में आतंकवाद की समस्या के लिए भारतीय एजेंसियों को जिम्मेदार बता दिया।
नेशनल कांग्रेस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को उम्मीद जतायी कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कर्नाटक सरकार को लेकर बिना कोई कागज पढ़े 15 मिनट तक बोलने की चुनौती स्वीकार करेंगे।
भारत, पाकिस्तान और चीन के बीच में स्थित होने के कारण घाटी के लिए आजादी कोई विकल्प नहीं है।
एक दिन पहले ही कश्मीर के पुंछ में पाकिस्तान की तरफ से की गई गोलीबारी में पांच कश्मीरियों की मौत हो गई।
जम्मू-कश्मीर में आतंकी कैंप पर हुए हमले के विरोध में बीजेपी विधायक पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे तभी...
17 वर्षीय गालिब के लिए बधाईयों का तांता लग गया। बारामूला जिले के सोपोर कस्बे में स्थित उसके घर पर दोस्तों और परिजनों की कतारें लग गई...
पीडीपी विधायक के बयान पर विधानसभा में जमकर बवाल हुआ। नेशनल कांफ्रेंस ने भाजपा को लपेट लिया। पार्टी ने कहा पीडीपी की भाजपा सहयोगी है लिहाजा वो जवाब दे लेकिन भाजपा ने तुरंत साफ कर दिया कि आतंकवादी किसी के भाई नहीं हो सकते।
फारूक द्वारा आहूत बैठक में कांग्रेस व अन्य दलों ने शिरकत की। यह अनुच्छेद 35A को निरस्त किए जाने की स्थिति में होने वाले असर पर विचार के लिए बुलाई गई थी। यह धारा जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा को राज्य में स्थायी निवास और विशेषाधिकारों को तय करने का अधिकार
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