अमेरिका के नासा अंतरिक्षण स्टेशन में पॉवर कट होने से एक बड़ा हादसा होने से टल गया है। नासा स्टेशन में बिजली कट होने से 7 अंतरिक्ष यात्री कक्षा में फंस गए। इससे अमेरिका में अफरातफरी मच गई।
चंद्रयान-3 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के सतीश धवन स्पेस सेंटर से उड़ान भरेगा। इसरो के इस मिशन का बजट पूरी दुनिया में सबसे कम है। बता दें कि इससे पहले 2019 में इसरो का एक मिशन फेल हो चुका है।
चांद की सतह पर कदम रखने वालों के बारे में आपको तो पता ही होगा। चांद पर पहली बार नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने कदम रखा था। जिसके बाद कई लोगों ने चांद पर अपना कदम रखा। उनमें से दो लोगों का चांद पर कदम रखने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
वैज्ञानिकों ने एक ऐसे अनोखे ग्रह का पता लगाया है जहां एक साल मात्र 23 दिन में पूरे हो जाते हैं। इसके अलावा इस ग्रह की ऐसी कई खूबियां हैं जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
अगर आप बहुत देर तक सो सकते हैं, तो ये अनोखी नौकरी आपके लिए ही है। नासा और यूरोप की स्पेस एजेंसी रिसर्च कर रही है। इस रिसर्च के लिए शर्त रखी गई उसे जान हर कोई हैरान है....
इन दोनों का वजन और आकार हमारी पृथ्वी की तुलना में ज्यादा है। इसलिए इस ग्रह को सुपर अर्थ नाम दिया गया है। बता दें कि यह ग्रह अपने तारों से इतनी दूरी पर हैं कि यहां जीवन पनप सकता है।
मई के महीने में आपको आसमान में बेहद अद्भुत नजारे दिखेंगे जो आपने पहले कभी नहीं देखें होंगे। नासा ने इसे लेकर खास तारीखें जारी की हैं और बताया है किस दिन आप क्या देख सकेंगे। तो हो जाईए तैयार-
नासा ने चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की है, जो एक साथ चांद पर जाएंगे। इन चारों में अंतरिक्ष यात्री क्रिस्टीना कोच हैं, जो चंद्रमा पर जाने वाली पहली महिला होंगी।
नासा ने जुपिटर ग्रह को लेकर एक बड़ा दावा किया है। नासा ने दावा किया है कि उसके हबल टेलीस्कोप ने एक तस्वीर ली है, जिसमें बताया कि सौर मंडल के सबसे बड़े तूफान का आकार घट रहा है।
वैज्ञानिकों ने चंद्रमा में पानी का जो मैप तैयार किया है उसमें चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव यानी साउथ पोल पर फोकस किया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि चंद्रमा में पानी की खोज में इस मैप का बनना एक बड़ा कदम है।
इस वक्त नासा का ‘द वेब स्पेस टेलीस्कोप’ काफी ज्यादा चर्चा में बना हुआ है। ‘द वेब स्पेस टेलीस्कोप ने दम तोड़ने कगार पर पहुंचे एक तारे के दुर्लभ पलों को कैद किया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस सैटेलाइट को 2024 में आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किए जाने की उम्मीद है।
अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत का दबदबा लगातार बढ़ता जा रहा है। चंद्रयान के बाद भारत ने अब 2023 में गगनयान समेत कई अंतरिक्ष अभियानों की तैयारी शुरू कर दी है। इसरो 3 मानवों के साथ अंतरिक्ष में गगनयान भेजने की योजना तैयार कर रहा है।
This Asteroid Passed Close to The Earth: नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार गुरुवार को एक विशाल आकार का क्षुद्र ग्रह पृथ्वी के काफी करीब से गुजरा। इसे दूरबीन के जरिये देखा गया। इस ग्रह के धरती से टक्कर की आशंका जाहिर की जा रही थी। हालांकि यह काफी करीब से गुजर गया और टक्कर से बच गया।
अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की बढ़ती उपलब्धियों को देखते हुए अमेरिका ने भी हाथ मिला लिया है। भारत और अमेरिका एक ऐसे अंतरिक्ष मिशन पर सहमत हुए हैं कि जिसके बारे में सुनते ही चीन में चिंता छा गई है। भारत और अमेरिका की प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसी नासा और इसरो ने मिलकर इसी वर्ष "NASA-ISRO सिंथेटिक एपर्चर रडार सैटेलाइट" छोड़ेंगे।
खगोलविदों ने पहली बार इस हरे धूमकेतु को पिछले साल मार्च में देखा था और अब यह जल्द ही हमें नंगी आंखों से दिखाई देने वाला है।
भारतीय मूल के उद्योग विशेषज्ञ ए .सी चरानिया अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा मुख्यालय में प्रशासक बिल नेल्सन के प्रधान सलाहकार के तौर पर सेवाएं देंगे। वह प्रौद्योगिकी नीतियों और कार्यक्रमों पर सलाह देंगे। नासा ने सोमवार को एक बयान में कहाकि अपनी स्थिति में ए सी चरानिया छह मिशन निदेशालयों में काम करेंगे।
NASA's new Satellite: अंतरिक्ष के क्षेत्र में लगातार नई ऊंचाइयां छूते अमेरिका ने शुक्रवार को एक ऐसे उपग्रह का प्रक्षेपण किया है जो दुनिया के लगभग सभी महासागरों, झीलों और नदियों का मानचित्रण करेगा। कैलिफ़ोर्निया स्थित वैंडेनबर्ग अंतरिक्ष बल प्रतिष्ठान से स्पेसएक्स रॉकेट के जरिए आज तड़के इस उपग्रह प्रक्षेपण किया गया।
आर्टेमिस मिशन नासा के एकदम नए स्पेस लॉन्च सिस्टम का उपयोग कर रहा है, जो अब तक का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है।
NASA Moon Mission: अभी तक आपने मानवों के चांद पर उतरने का इतिहास ही पढ़ा रहा होगा, लेकिन क्या आप कभी चांद का चक्कर लगाने की परिकल्पना भी कर सकते हैं। शायद यह परिकल्पना बेहद रोमांचक है, लेकिन नामुमकिन सी लगती है। मगर मानव न ही सही, नासा के वैज्ञानिकों के कमाल से एक अंतरिक्ष यान चांद का चक्कर लगा आया है।
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