Universe Sound: जब हम टेलीस्कोप के साथ यूनिवर्स का पता लगाते हैं, तो हम पाते हैं कि यह सितारों की सुपरनोवा मौतों, ब्लैक होल और न्यूट्रॉन सितारों के विलय सहित प्रलयकारी विस्फोटों से भरा है, जो गुरुत्वाकर्षण तरंगें पैदा करते हैं, और तीव्र विस्फोट करते हैं।
NASA Moon Mission: नेशनल एअरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने चांद पर पार्किंग की जगह खोजी है। अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि जब चांद पर कोई रहता नहीं तो यहां पार्किंग करने की जरूरत भला किसको पड़ेगी।
Solar Storm: सौर तूफान को जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म और सोलर स्टॉर्म के नाम से भी पुकारा जाता है। यह सूर्य से निकलने वाला रेडिएशन होता है, जो पूरे सौर मंडल को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। यह धरती के चुंबकीय क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है।
Pink Light in Canada Sky: कनाडा में दक्षिण के कुछ हिस्सों में लोगों को आसमान में इस तरह की रोशनी दिखाई दी है। कनाडा में ये सौर तूफान या कहें, रोशनी वाला तूफान रविवार को देखा गया है। हालांकि ये रोशनी उतनी शानदार नहीं थीं, जितनी उत्तरी ध्रुव पर दिखाई देती है।
James Webb Space Telescope: जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को दो दशक की कड़ी मेहनत के बाद 25 दिसंबर, 2021 में लॉन्च किया गया था। इसे बनाने की लागत 10 बिलियन डॉलर थी। आज ये पृथ्वी से 1.6 मिलियन किलोमीटर दूर अंतरिक्ष में है।
Nasa: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने हाल ही में मंगल की सतह की कई अनोखी तस्वीरें जारी की हैं। इसमें इस मंगल ग्रह पर बने गड्ढे की तस्वीर लोगों का ध्यान खींचा है. दरअसल, यह क्रेटर देखने में इंसान के कान जैसा है।
NASA Mars: जब अंतरिक्ष से मंगल पर एयरक्राफ्ट उतरता है, तो उसकी गति 19,312 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। जो मंगल के वातावरण के कारण घर्षण की वजह से अत्यधिक गर्मी उत्पन्न करता है।
ये गैलेक्सी स्पाइरल गैलेक्सी की तुलना में दुर्लभ होती हैं। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की क्षमताओं ने खगोलविदों को नई उम्मीद दिखाई है। उन्हें पता चल पा रहा है कि कैसे गैलेक्सी के भीतर अलग-अलग सितारे और ब्लैक होल बनते हैं।
जेम्स वेब को किसी और काम के लिए बनाया गया था, लेकिन ठीक इसी समय उसने इस तरह की खोज की है। सुपरनोवा की बात करें, तो इन्हें ढूंढना मुश्किल काम है। क्योंकि इनमें विस्फोट कुछ सेकेंड तक ही रहता है।
ऐसी संभावना बहुत कम ही है कि मलब उस स्थान पर गिरे, जहां लोगों की बड़ी आबादी रहती है। लेकिन विशेषज्ञों को चिंता है कि चीन बेवजह दुनिया के लिए खतरा पैदा कर रहा है। चीन ने पिछले हफ्ते हैनान में वेनचांग लॉन्च साइट से एक रॉकेट को लॉन्च किया था।
न्यूयॉर्क में एक निलामी कार्यक्रम का आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में अपोलो से जुड़ी जैकेट की निलामी की गई है। जैकेट का दाम सुनकर आप हैरान हो जाएंगे, रिकॉर्ड तोड़ निलामी जैकेट का दाम लगभग 22 करोड़ लगा है।
साउदर्न रिंग प्लैनेटरी नेबुला पृथ्वी से 2500 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है, जो अभी तक एंस्ट्रोनॉमर्स से छिपा हुआ था। लेकिन अब जेम्स वेब टेलीस्कोप की मदद से वैज्ञानिकों ने नेबुला के केंद्र में मरते हुए सितारे को करीब से देखा है।
वैज्ञानिक गैलेक्सी की तस्वीर में इसलिए दिलचस्पी नहीं ले रहे कि यह बहुत खूबसूरत है। बल्कि इसलिए दिलचस्पी ले रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि इसके केंद्र में ब्लैक होल मौजूद है।
इस समय लैंडसैट 8 और लैंडसैट 9 ग्रह की परिक्रमा कर रहे हैं और अमेरिका के ‘नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ (नासा) और यूएस जियोलॉजिकल सर्वे एक नए लैंडसैट मिशन की योजना बना रहे हैं।
वैज्ञानिक का कहना है कि जिस गैलेक्सी की खोज की गई है, वह 13.5 बिलियन साल पहले मौजूद थी। इसका मतलब है कि जिस भी चीज की यूनिवर्स में पहचान की गई है, यह उससे लगभग 100 मिलियन साल पहले की है।
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप हमें यूनिवर्स के कोने-कोने तक का सफर कर रहा है। उन जगहों का भी, जो इससे पहले हमने कभी नहीं देखी हैं। आपको बता दें ये तस्वीरें क्लिक होने के बाद आपको सीधे नहीं दिखाई जाती हैं।
साल 1989 में भी ये घटना हुई थी। तब कनाडा के क्यूबेक शहर को इसने प्रभावित किया था। वहां इसकी वजह से 12 घंटे के लिए बिजली चली गई थी। जिसके चलते लोगों को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ी थीं।
Heat Wave Earth: नासा (NASA) ने धरती की एक तस्वीर जारी की है जिसमें बढ़ते तापमान को दिखाया गया है। यह तस्वीर 13 जुलाई 2022 की है। इस तस्वीर में अधिकांश पूर्वी गोलार्ध में सतही हवा के तापमान को दिखा रहा है।
जब आप चंद्रमा को देखते हैं, तो आप वास्तव में उसे वैसे ही देखते हैं जैसा वह 1.3 सेकेंड पहले था। यह समय में केवल एक छोटी सी झलक है, लेकिन यह अब भी अतीत है।
यूरेनस का केवल एक हिस्सा सूर्य की ओर रहता है। यह सूर्य से अधिक दूर नहीं है, फिर भी यह एक ठंडा ग्रह है। हालांकि 1986 में मानव निर्मित मशीन वोयागर-2 अंतरिक्ष यान इसके करीब से गुजरा था।
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