बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल में आई तकनीकी खामियों की वजह से अंतरिक्ष में फंसी भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स की धरती पर सकुशल वापसी की लगातार दुआएं हो रही हैं। मगर अभी तक उन्हें वापस नहीं लाया जा सका है। अंतरिक्ष यात्रियों का कहना है कि उन्हें उम्मीद कि वह जल्द धरती पर लौटने में सफल होंगी।
मंगल ग्रह पर नासा के एक मिशन के चालक दल के सदस्य एक साल की यात्रा के बाद अपने यान से बाहर निकले। खास बात यह थी कि यान कभी पृथ्वी से बाहर गया ही नहीं। आप भी जानें आखिर पूरा मामला क्या है।
आसमान से धरती की तरफ आ रहे विशालकाय उल्कापिंड का नासा ने पता लगाया है। इसका नाम 2024 MT-1 रखा गया है, जिसका व्यासा लगभग 260 फीट है। नासा ने इसकी जानकारी दी है। चलिए बताते हैं कि क्या इससे पृथ्वी को कोई खतरा है या नहीं?
भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में फंस गई हैं। वो कब और कैसे धरती पर लौटेंगी, ये अभी तय नहीं है। आखिर कैसे वह अंतरिक्ष में फंस गईं और स्पेसक्राफ्ट में कैसे खराबी आ गई है। जानें पूरी डिटेल्स-
अंतरिक्ष में फंसे अमेरिकी वैज्ञानिकों की धरती पर वापसी की संभावनाओं को लेकर नासा ने बड़ा बयान दिया है। कुछ हफ्ते पहले अमेरिका का स्टारलाइनर कैप्सूल कई वैज्ञानिकों को लेकर अंतरिक्ष स्टेशन गया था। इसमें भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स भी शामिल हैं।
स्पेससूट से पानी का रिसाव होने के बाद अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर स्पेसवॉक निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार नहीं हो सका। नासा ने अंतरिक्ष में चहलकदमी की योजना रद्द कर दी है।
भारत और अमेरिका दोस्ती की नई इबारत लिखने को तैयार हैं। अंतरिक्ष के क्षेत्र में दोनों देश मिलकर काम करेंगे। नासा प्रशासक बिल नेल्सन ने भी दोनों देशो के सहयोग को लेकर बात कही है।
नासा के बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल ने सफलता पूर्वक अंतरिक्ष का सफर तय कर लिया है। इस दल के साथ जाने वाली भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स भी शामिल हैं। सुनीता ने अपने साथियों के साथ जैसे ही अंतरिक्ष में कदम रखा, वैसे ही वह खुशी के मारे झूमने लगीं।
अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने आखिरी वक्त में अंतरिक्ष की उड़ान को रद्द कर दिया है। स्टारलाइनर कैप्सूल में दोनों अंतरिक्ष यात्री सवार हो चुके थे और स्पेसक्रॉफ्ट की उलटी गिनती शुरू हो चुकी थी, लेकिन आखिरी 40 सेकेंड में कंप्यूटर में आई तकनीकी खामी के कारण इसे रद कर दिया गया।
नासा के वैज्ञानिकों ने धरती और शुक्र के बीच एक नई और बेहद दिलचस्प दुनिया का पता लगाया है। यहां जीवन की मौजूदगी और संभावना को लेकर वैज्ञानिक बेहद उत्सुक हैं।इस नई दुनिया के मिलने से वैज्ञानिक भी हैरान हैं। क्या यहां भी इंसान हो सकते हैं या रह सकते हैं, यह जानना भी काफी दिलचस्प होगा।
भारत और अमेरिका दोस्ती की नई इबारत लिखने को तैयार है। दोनों देश मिलकर अंतरिक्ष के क्षेत्र में काम करेंगे। इसे लेकर दोनों देशों के बीच अहम बैठक भी हुई है।
अंतरिक्ष में कई रहस्य छिपे हुए हैं, जिसमें से एक ब्लैक होल भी है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ब्रह्मांड की कई अद्भुत तस्वीरें जारी करता रहता है। अगर आप ब्लैक होल में गिर जाएं तो क्या होगा, देखें अद्भुत वीडियो-
भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स एक बार फिर से स्पेस में जाने को तैयार हैं। इससे पहले सुनीता साल 2006 और 2012 में दो बार अंतरिक्ष में जा चुकी हैं।
पूरा ब्रह्मांड कई रहस्य अपने भीतर छिपाए हुए है। ऐसे ही चंद्रमा के बारे में इसरो ने वो खुलासा किया है जिसे जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। चांद पर पानी का अथाह भंडार है जो छिपा हुआ है। जानिए इस रहस्य को-
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने जूपिटर यानी वृहस्पति ग्रह पर आने वाले आंधी-तूफान की तस्वीरें शेयर की हैं। इन तस्वीरों को देखकर आप हैरत में पड़ जाएंगे।
जल, थल और वायुसेना के बाद चीन ने अपनी अंतरिक्ष सेना भी तैयार कर दी है। इससे अमेरिका ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया है। ब्रिटिश अखबार द गार्जियन ने नासा चीफ बिल नेल्सन के हवाले अंतरिक्ष में चीन की स्पेस मिलिट्री मौजूद होने का दावा किया है। इस खबर ने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है।
सोमवार को दुर्लभ सूर्य ग्रहण लगने वाला है, लेकिन यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। आप इसे नासा की लाइवस्ट्रीम लिंक पर क्लिक कर देख सकते हैं। भारत का स्पेसक्राफ्ट आदित्य एलवन इसे नहीं देख पाएगा। जानिए क्या है वजह?
8 अप्रैल 2024 को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। सूर्य ग्रहण को लेकर दुनियाभर के लोग एक्साइटेड हैं। अगर आप इस सूर्य ग्रहण की फोटो क्लिक करना चाहते हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। दरअसल सूर्य ग्रहण की फोटोग्राफी को लेकर नासा ने स्मार्टफोन यूजर्स के लिए चेतावनी दी है।
हरियाणा में जन्मी कल्पना चावला भारतीय मूल की महान वैज्ञानिकों में से एक हैं। कल्पना चावल को उनके जीवन काल में न केवल एक बार बल्कि दो बार स्पेस में जाने का मौका मिला। लेकिन दूसरी बार जब स्पेस से उनका यान लौट रहा था, तो वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
धरतीवासियों के मंगल ग्रह पर बसने का सपना अब पूरा होने जा रहा है। नासा ने इसके लिए लोगों से आवेदन मांगा है। नासा अपने पहले मार्श मिशन में 1 वर्ष के लिए कुछ लोगों को मंगल ग्रहवासी बनाने जा रहा है। इसमें उसके रहने के लिए 3 डी घर और खाने-पीने की व्यवस्था होगी। मार्श वाक, फसल उत्पादन, व्यायाम कार्य विकसित होंगे।
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