गुजरात के नर्मदा नदी में 8 लोग डूब गए हैं, गोताखोरों और एनडीआरएफ की मदद से एक को बचा लिया गया है।
Gujrart News: गुजरात के सुरेंद्रनगर में बड़ा हादसा, भोगावो नदी का पुल गिरने से 10 लोग नदी में डूबे
शनिवार 16 अगस्त को सरदार सरोवर नर्मदा बांध के 23 गेट खोल दिए गए थे, जिसके बाद नदी में जलस्तर अचानक से बढ़ गया। जिससे कई जगहों पर बाढ़ आने का खतरा बना हुआ है। इसी क्रम में प्रशासन ने सावधानी रखते हुए यह फैसला लिया है।
आप लोग इस बात को तो जानते ही होंगे कि हमारे देश भारत में ज्यादातर सभी नदियों का बहाव एक ही दिशा में है यानी कि पश्चिम से पूर्व की तरफ। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में एक ऐसी नदी भी है जो अपनी धारा के विपरीत बहती है? आज हम आपको इस खबर के जरिए इसी बात के बारे में जानकारी देंगे।
ये वे लोग थे जो अलग अलग स्थानों से ओंकारेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए आए हुए ते। लेकिन अचानक बांध से पानी छोड़े जाने के कारण नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ गया और ये लोग वहीं फंस गए।
MP Bus Accident: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के खलघाट (Khalghat) के पास इस हादसे में अब तक 13 शव मिल चुके हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार बस इंदौर से अमलनेर की ओर जा रही थी, जो खलघाट के पुल पर से गुजरते वक्त ओवरटेकिंग करते वक्त पुलिस की रेलिंग से टकरा गई और रेलिंग तोड़ते हुए नीचे नर्मदा नदी में गिर गई।
देखिये इंडिया टीवी के रिपोर्टर निर्णय कपूर की रिपोर्ट सरदार सरोवर बांध से पानी छोड़ने के बाद भरूच के 21 गांव हाईअलर्ट पर |
देखिये इंडिया टीवी के रिपोर्टर निर्णय कपूर की रिपोर्ट "सरदार सरोवर बांध का पानी नर्मदा नदी में छोड़ा गया" |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने जन्मदिन की शुरुआत गुजरात में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी तथा नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध का अवलोकन करने के साथ की। वह 69 वर्ष के हो गए हैं। दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा कहे जाने वाले ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ का अनावरण पिछले वर्ष 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही किया था।
मध्यप्रदेश के मण्डला जिले में नारायणगंज के निकट नर्मदा नदी में बृहस्पतिवार सुबह एक नाव के पलट जाने से पांच लोग लापता हो गये हैं।
अगर आपकी लंबाई 5.6 फीट है तो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी आपसे 100 गुना बड़ा होगा
सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाए जाने से नर्मदा घाटी के डूब में आने वाले 40 हजार परिवारों के बेहतर पुनर्वास की मांग को लेकर आंदोलनरत नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर को बुधवार को उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ से जमानत मिल गई, मगर रिहाई गुरुवार को
आजादी की सालगिरह के मौके पर विभिन्न जेलों में बंद अपराधी और आरोपियों को अच्छे आचरण के चलते सजा में कटौती या माफी दी जाती है, मगर आपको यह जानकर हैरानी होगी कि गरीबों और विस्थापितों की लड़ाई लड़ने वाली नर्मदा बचाओ आंदोलन की मेधा पाटकर को आजादी...
नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर को आज धार जाते समय पीथमपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। इंदौर के एक निजी अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद मेधा फिर से चिखल्दा गांव में धरना दे रहे सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों से मिलने धार जिले की ओर जा रही थी।
सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र के प्रभावितों के लिए उचित पुनर्वास की मांग को लेकर मध्यप्रदेश के धार जिले के चिखल्दा गांव में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठी नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर (62) और उनके साथ उपवास पर बैठे अन्य लोगों को पुलिस ने 12वें
मेधा सहित अन्य की तबीयत बिगड़ने पर जिला प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए और चिकित्सकों का दल जांच के लिए भेजा, चिकित्सकों के दल ने पाया है कि मेधा सहित लगभग सभी का रक्तचाप काफी कम हो गया है, इतना ही नहीं शरीर में पानी की कमी है। इस स्थिति में उन्हें अस्पता
नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध (एसएसडी) के गेट बंद होने से मध्यप्रदेश के डूब में आने वाले 40,000 प्रभावित परिवारों के घरों में आज चूल्हा नहीं जला। वहीं डूब प्रभावितों के उचित पुर्नवास की मांग को लेकर बड़वानी जिले में नर्मदा बचाओ आंदोलन (एनबीए) ने
मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में नर्मदा नदी के तट पर स्थित राजघाट को तोड़ने की कार्रवाई को नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटकर ने महात्मा गांधी की दूसरी बार हत्या करार दिया है।
राजघाट का जिक्र आते ही नई दिल्ली की राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि की तस्वीर आंखों के सामने उभर आती है, मगर देश में एक और राजघाट है, जो मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में नर्मदा नदी के तट पर है। यहां बनाई गई समाधि में महात्मा गांधी ही नहीं, कस्तूरबा
Madhya Pradesh all set for 'record' plantation today | 2017-07-02 06:55:08
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