कृषि कानूनों को लेकर जारी किसान आंदोलन के बीच किसानों के नाम केंद्रीय कृषि मंत्री के लिखे पत्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
किसान आंदोलन के बीच गुरुवार को मानवाधिकार दिवस के मौके पर टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन किया गया. इस दौरान किसानों के मंच पर एक पोस्टर लगाया गया, जिसमें उमर खालिद, शरजील इमाम, गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, वरवरा राव समेत अन्य लोगों की रिहाई की मांग की गई थी
आंदोलन से आम लोगों को भी परेशानी होती है। दिल्ली के लोग परेशानियों का सामना कर रहे हैं। इसलिए, उन्हें (किसानों को) आम लोगों के हित में अपना आंदोलन समाप्त करना चाहिए और वार्ता की मदद से मुद्दों को हल करने का प्रयास करना चाहिए: कृषि मंत्री
बीकेयू के वकील और समन्वयक एन के जीत ने कहा कि इन कार्यकर्ताओं की रिहाई पहले दिन से ही उनकी मांगों का हिस्सा है।
क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्होंने देशभर में रिलायंस और अडाणी के उत्पादों का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
क्रान्तिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि किसान कानूनों पर सरकार के प्रस्तावों को खारिज कर दिया जाए क्योंकि किसान नए खेत कानूनों को रद्द करने की अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।
नए कृषि कानूनों के मुद्दे पर 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच विज्ञान भवन में पांचवें दौर की लगभग 5 घंटे चली बातचीत भी बेनतीजा रही। अब 9 दिसंबर को छठे दौर की बाचतीच दोपहर 12 बजे होगी।
3 केंद्रीय मंत्रियों के साथ आंदोलनकारी किसानों के प्रतिनिधिमंडल की बैठक गुरुवार को बेनतीजा रही। लगभग आठ घंटे चली इस बैठक में किसान नेता नए कृषि कानूनों को रद्द करने पर जोर देते रहे। अगली बैठक 5 दिसंबर (शनिवार) को होगी।
नए कृषि कानून 2020 को लेकर जारी किसान आंदोलन के बीच किसान नेताओं के साथ 3 दिसंबर (गुरुवार) को होने वाली बैठक से पहले इंडिया टीवी संवादाता देवेंद्र पाराशर ने बुधवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से एक्सक्लूसिव बातचीत की। इंडिया टीवी संवाददाता ने कृषि कानून को लेकर फैलाए जा रहे सभी भ्रमों को लेकर किसानों के मन में उठ रहे सवालों को कृषि मंत्री के सामने रखा। किसानों के साथ बैठक से पहले किसान आंदोलन को लेकर कृषि मंत्री का बड़ा बयान देते हुए कहा कि कल (3 दिसंबर) समझाने पर किसान नहीं माने तो हम उनके कुछ सुझाव मान सकते हैं, सरकार जिद पर नहीं अड़ेगी। बातचीत के जरिए हम किसी नतीजे पर पहुंचेंगे। किसानों से खुले मन से बिंदुवार बातचीत होगी।
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के 35 नेताओं और सरकार बीच विज्ञान भवन में बैठक हुई। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने बैठक खत्म होने के बाद कहा कि किसान नेताओं के साथ तीसरे दौर बातचीत ठीक रही। अब परसों फिर बैठक होगी। सरकार की तरफ से इस बैठक में एक समिति बनाने का प्रस्ताव दिया गया था। सरकार की समिति बनाने के प्रस्ताव को किसानों ने खारिज कर दिया। किसान नेता चंदा सिंह ने बैठक खत्म होने के बाद कहा कि यह कानून वापस नही लिए जाने तक आंदोलन जारी रहेगा। सरकार बस बातचीत करना चाहती है हल नही निकालना चाहती। अब इस मुद्दे पर 3 दिसंबर को फिर से बैठक होगी।
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के नेताओं और सरकार बीच विज्ञान भवन में बैठक जारी है। इस बैठक में तीन केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, सोम प्रकाश और पीयूष गोयल इसमें मौजूद है। नरेंद्र तोमर ने किसानों के साथ बैठक शुरु होने से पहले बताया कि सोम प्रकाश जी, पीयूष गोयल जी और मैं बैठक में उपस्थित रहेंगे। हम जिन ऑफर को उन्हें देंगे वह किसान नेताओं की सटीक मांगों पर निर्भर करेगा जो वे प्रस्तुत करते हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार किसानों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है और दोहराया है कि मोदी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
बिहार चुनाव के बीच सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने महंगाई को मुद्दा बनाने की कोशिश की। इस दौरान तेजस्वी प्याज की माला लेकर लोगों के सामने पहुंचे |
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि यह बिल किसानों के लिए कितना फायदेमंद होगा। उन्होंने बताया कि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिलेगा। इससे उन्हें मदद मिलेगी।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि राहुल गांधी आपदा के समय भी राजनीति कर रहे हैं। आजादी के बाद सबसे ज्यादा समय कांग्रेस ने राज किया लेकिन गरीबों के लिए क्या कुछ किया ये सबके सामने हैं। गरीबी उन्मूलन को लेकर कांग्रेस की नीतियां पूरी तरह से असफल रहीं।
Union Minister Narendra Singh Tomar makes a controversial remark against rahul Gandhi
संपादक की पसंद