Shivraj Singh Chauhan ने की Narendra Singh Tomar की तारीफ, कहा- इनके जैसा धीरज किसी में नहीं
मध्य प्रदेश में इस बार टक्कर है ज़ोरदार-- किसकी बनेगी सरकार-- एमपी में एक बार फिर शिवराज का राज लौटेगा-- या कमलनाथ का वनवास खत्म होगा--- जनता अपना फैसला ईवीएम में लॉक कर रही है..इस बीच नरेन्द्र सिंह तोमर ने इंडिया टीवी से बात की.
नरेंद्र सिंह तोमर फिलहाल बीजेपी के लिए एमपी में धुआंधार प्रचार कर रहे हैं-- केंद्रीय मंत्री ने इंडिया टीवी से बात की--वीडियो पर नरेंद्र सिंह तोमर का क्या रिएक्शन था-- केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस को क्यों राम मंदिर का विरोधी बताया..
बजट के बाद विपक्ष के सवाल ही सवाल हैं. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने बजट को ऐतिहासिक करार दिया है. सुनिए केंद्रीय कृषि मंत्री Narendra Singh Tomar का पूरा इंटरव्यू.#budget2023 #narendrasinghtomar #nirmalasitharaman
दिल्ली के जंतर मंतर पर कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को और तेज करने के लिए प्रदर्शन कर रहे किसानों को मीनाक्षी लेखी ने 'मवाली' कहा है।
कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए मंत्रिमंडल विस्तार के बाद केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने इसको लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जानकारी दी है। मनसुख मंडाविया ने कहा कि कोरोना को लेकर भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए पैकेज की घोषणा की गई है। कोरोना की तीसरी लहर और बच्चों के स्वास्थ्य को देखते हुए पूरी तैयारी की जा रही है। कोविड से लड़ाई के लिए हेल्थ पैकेज का ऐलान किया गया है। कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए 23 हजार 123 करोड़ रुपए का इमरजेंसी हेल्थ पैकेज की घोषणा की गई है।
शरद पवार ने कहा था कि किसान 6 महीने से आंदोलन कर रहे हैं और किसानों तथा केंद्र सरकार के बीच डेडलॉक हो चुका है, और वे अभी भी वहीं बैठे हुए हैं। शरद पवार ने कहा था कि केंद्र सरकार को किसानों के साथ बात करनी चाहिए। शरद पवार के इस बयान पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि वे शरद पवार के इस रुख का समर्थन करते हैं और सरकार इससे सहमत है कि किसी भी मुद्दे का हलबातचीत से होना चाहिए।
कृषि मंत्री ने कृषि कानून पर शरद पवार के बयान का स्वागत किया है l केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि शरद पवार ने कृषि क़ानूनों पर कहा है कि सभी क़ानून बदले जाने की आवश्यकता नहीं है। जिन बिंदुओं पर आपत्ति है उनपर विचार करके उन्हें बदला जाना चाहिए।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को कहा कि सरकार प्रमुख मुद्दों पर किसानों के साथ चर्चा के लिए तैयार है।
शरद पवार पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का निशाना, कहा - पवार सबकुछ जानते हुए भी किसानों के सामने गलत तथ्य रख रहे हैं
नए कृषि कानूनों को लेकर जारी किसान आंदोलन के बीच सरकार और किसान संगठनों के साथ 11वें दौर की वार्ता के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों के कंधे का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए किया गया। किसानों के साथ बातचीत बेनतीजा रही इसका दुख है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को कहा कि केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के बारे में किसानों के साथ बातचीत 'सही दिशा में आगे बढ़ रही है' और '22 जनवरी को एक प्रस्ताव खोजने की संभावना है।'
चर्चा के दौरान, हमने कहा कि सरकार एक या डेढ़ साल के लिए कृषि कानूनों को रोके रखने के लिए तैयार है। मुझे खुशी है कि किसान यूनियनों ने इसे बहुत गंभीरता से लिया है और कहा है कि वे कल इस पर विचार करेंगे और 22 जनवरी को अपना फैसला सुनाएंगे: केंद्रीय कृषि मंत्री एनएस तोमर
बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, "किसान यूनियन के साथ 9वें दौर की वार्ता समाप्त हुई। तीनों क़ानूनों पर चर्चा हुई। आवश्यक वस्तु अधिनियम पर विस्तार से चर्चा हुई। उनकी शंकाओं के समाधान की कोशिश की गई।"
किसान इस बात पर अड़े हैं कि बात तभी बनेगी जब कृषि कानून वापस लिए जाएंगे, वहीं केंद्र सरकार भी अपने कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं है। इससे पहले 4 जनवरी को सातवें दौरा की और 30 दिसंबर को छठे दौर की बातचीत हुई थी।
कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़ें किसान संगठनों और सरकार के बीच आज आठवें दौर की बातचीत हुई। बैठक में सरकार और किसानों के बीच कानून वापसी को लेकर सहमति नहीं बन पाई है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम चाहते थे कि किसान यूनियनें तीन कानूनों पर चर्चा करें। किसान यूनियन कानूनों के निरसन पर अड़े रहे | की बात-चीत में शायद कोई समाधान निकले |
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले 28 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। एक तरफ आज पूरा देश ‘राष्ट्रीय किसान दिवस’ मना रहा है तो दूसरी तरफ भारतीय किसान यूनियन ने ऐलान किया है कि आज हम एक टाइम का खाना नहीं खाएंगे।
कृषि कानून को लेकर जारी विरोध के बीच किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से की मुलाकात
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का आंदोलन जारी है। दिल्ली की सीमाओं पर किसान 20 दिनों से ज्यादा समय से जमे हुए हैं। किसानों के इस प्रदर्शन की वजह से दिल्ली के कई रास्ते बंद हो गए हैं।
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