नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध 8वें दौर की बातचीत में भी नहीं खत्म हो पाया। शुक्रवार को हुई 8वें दौर की बातचीत भी बेनतीजा खत्म हो चुकी है। इसपर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि तारीख पे तारीख देना उसकी रणनीति है।
किसान इस बात पर अड़े हैं कि बात तभी बनेगी जब कृषि कानून वापस लिए जाएंगे, वहीं केंद्र सरकार भी अपने कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं है। इससे पहले 4 जनवरी को सातवें दौरा की और 30 दिसंबर को छठे दौर की बातचीत हुई थी।
कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़ें किसान संगठनों और सरकार के बीच आज आठवें दौर की बातचीत हुई। बैठक में सरकार और किसानों के बीच कानून वापसी को लेकर सहमति नहीं बन पाई है।
कृषि मंत्री ने कहा कि किसान यूनियन और सरकार दोनों ने 15 जनवरी को दोपहर 12 बजे बैठक का निर्णय लिया है। मुझे आशा है कि 15 जनवरी को कोई समाधान निकलेगा।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम चाहते थे कि किसान यूनियनें तीन कानूनों पर चर्चा करें। किसान यूनियन कानूनों के निरसन पर अड़े रहे | की बात-चीत में शायद कोई समाधान निकले |
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल की 'लंच डिप्लोमेसी' ने बुधवार को किसान नेताओं और सरकार के रिश्तों के बीच जमी बर्फ पिघला दी। यही वजह रही कि अब तक विज्ञान भवन में बेनतीजा साबित हुईं पांच बैठकों से यह बैठक काफी अलग रही।
किसान संगठनों के साथ छठे दौर की वार्ता के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बैठक में किसान नेताओं ने जो 4 विषय रखे, उनमें से दो विषयों पर आपसी रजामंदी हो गई है।
नए कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध के बीच किसान नेताओं और सरकार के बीच बैठक खत्म हो गई है। अगली बैठक 4 जनवरी को होगी।
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले 28 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। एक तरफ आज पूरा देश ‘राष्ट्रीय किसान दिवस’ मना रहा है तो दूसरी तरफ भारतीय किसान यूनियन ने ऐलान किया है कि आज हम एक टाइम का खाना नहीं खाएंगे।
कृषि कानून को लेकर जारी विरोध के बीच किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से की मुलाकात
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के बारे में बातचीत की।
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का आंदोलन जारी है। दिल्ली की सीमाओं पर किसान 20 दिनों से ज्यादा समय से जमे हुए हैं। किसानों के इस प्रदर्शन की वजह से दिल्ली के कई रास्ते बंद हो गए हैं।
कृषि कानूनों को लेकर जारी किसान आंदोलन के बीच किसानों के नाम केंद्रीय कृषि मंत्री के लिखे पत्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
कृषि कानूनों को लेकर जारी किसान आंदोलन के बीच किसानों के नाम केंद्रीय कृषि मंत्री के लिखे पत्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
कृषि कानूनों को लेकर जारी किसान आंदोलन के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को किसानों के नाम एक खुला पत्र लिखा है। कृषि मंत्री ने 8 पन्नों के अपने पत्र में केंद्र के नए कृषि कानूनों की खूबियां गिनाई हैं।
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीजेपी मुख्यालय में केंद्रीय मंत्रियों नरेन्द्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला।
हरियाणा के सासदों और विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और तीन नए कृषि कानूनों का समर्थन किया, जिन कानूनों के खिलाफ हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर लगभग दो सप्ताह से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
हरियाणा के एक किसान प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को कृषि भवन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की।
तोमर ने ट्वीट कर कहा, ‘‘किसानों की आड़ में असामाजिक तत्व उनके आंदोलन का माहौल बिगाड़ने की साजिश कर रहे हैं। मेरी किसान भाइयों से अपील है कि वे सजग रहें एवं ऐसे असामाजिक तत्वों को अपना मंच प्रदान न करें।’’
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