केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में कहा कि कृषि कानून में काला क्या है यो कोई तब तो इसे ठीक करने की कोशिश करूं।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज राज्यसभा में बड़ा बयान दिया है। कृषि मंत्री ने कहा कि पानी से खेती होती है, खून से खेती सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है भाजपा नहीं।
तोमर ने लोकसभा में बताया कि सरकार किसान संगठनों के साथ अभी भी बातचीत जारी रखे हुए है।
नए कृषि कानूनों को लेकर संसद में आज हंगामा चलता रहा। राज्यसभा बार-बार स्थगित हुई और लोकसभा की कार्यवाही भी आगे नहीं बढ़ सकी। विपक्षी सांसदों के हंगामे पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार नए कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए तैयार है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को केंद्रीय बजट 2021-22 का स्वागत करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक कृषि ऋण और फसल उपरांत अवसंरचना उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित करके किसानों की आय दोगुनी करने को प्राथमिकता दी गई है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को एक बार फिर दोहराया कि नए कृषि सुधार से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और एपीएमसी मंडियों पर कोई असर नहीं होगा।
शरद पवार पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का निशाना, कहा - पवार सबकुछ जानते हुए भी किसानों के सामने गलत तथ्य रख रहे हैं
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर होने वाली किसानों की ट्रैक्टर रैली (Farmers tractor rally) से एक दिन पहले कहा कि किसानों का आंदोलन जल्दी खत्म होने वाला है।
विज्ञान भवन में शुक्रवार को हुई 11वें दौर की बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान नेताओं पर बातचीत के सिद्धांतों का पालन न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब किसी मुद्दे पर दो पक्षों में बातचीत चल रही हो, तब नए-नए तरह के आंदोलनों के ऐलान से बचना चाहिए।
नए कृषि कानूनों को लेकर जारी किसान आंदोलन के बीच सरकार और किसान संगठनों के साथ 11वें दौर की वार्ता के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों के कंधे का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए किया गया। किसानों के साथ बातचीत बेनतीजा रही इसका दुख है।
नए कृषि कानूनों को लेकर जारी किसान आंदोलन के बीच सरकार और किसान संगठनों के साथ 11वें दौर की वार्ता के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों के कंधे का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए किया गया।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को कहा कि केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के बारे में किसानों के साथ बातचीत 'सही दिशा में आगे बढ़ रही है' और '22 जनवरी को एक प्रस्ताव खोजने की संभावना है।'
चर्चा के दौरान, हमने कहा कि सरकार एक या डेढ़ साल के लिए कृषि कानूनों को रोके रखने के लिए तैयार है। मुझे खुशी है कि किसान यूनियनों ने इसे बहुत गंभीरता से लिया है और कहा है कि वे कल इस पर विचार करेंगे और 22 जनवरी को अपना फैसला सुनाएंगे: केंद्रीय कृषि मंत्री एनएस तोमर
बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कुछ समय के लिए कृषि सुधार कानूनों को स्थगित किया है। सरकार 1 से 1.5 साल तक भी कानून के क्रियान्वयन को स्थगित करने के लिए तैयार है।
नए कृषि कानूनों पर किसानों की आपत्तियों के समाधान को लेकर सरकार के साथ किसान यूनियनों की नौ दौर की वार्ताएं बेनतीजा रही हैं और अगले दौर की वार्ता में मसले का हल निकलने की उम्मीद की जा रही है।
नये कृषि कानूनों को लेकर 19 जनवरी को होने वाली दसवें दौर की वार्ता से पहले कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने रविवार को किसान नेताओं से फिर आग्रह किया कि वे नए कृषि कानूनों पर अपना ‘‘अड़ियल’’ रुख छोड़ दें और कानूनों की हर धारा पर चर्चा के लिए आएं।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए शुक्रवार को कहा कि उन्हें उनकी ही पार्टी में लोग गंभीरता से नहीं लेते और उनके बयानों पर हंसते हैं।
बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, "किसान यूनियन के साथ 9वें दौर की वार्ता समाप्त हुई। तीनों क़ानूनों पर चर्चा हुई। आवश्यक वस्तु अधिनियम पर विस्तार से चर्चा हुई। उनकी शंकाओं के समाधान की कोशिश की गई।"
बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, "किसान यूनियन के साथ 9वें दौर की वार्ता समाप्त हुई। तीनों क़ानूनों पर चर्चा हुई। आवश्यक वस्तु अधिनियम पर विस्तार से चर्चा हुई। उनकी शंकाओं के समाधान की कोशिश की गई।"
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को कहा कि प्रदर्शनकारी किसान संगठनों और सरकार के बीच नौवें दौर की वार्ता तय कार्यक्रम के तहत शुक्रवार (15 जनवरी) को होगी और केंद्र को उम्मीद है कि चर्चा सकारात्मक होगी।
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