नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। 9 जून को शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया जाएगा। इसे लेकर खास तैयारियां की गई है। इस बीच दिल्ली पुलिस ने पूरी नई दिल्ली में नो फ्लाइंग जोन घोषित कर दिया है।
जेपी नड्डा के आवास पर एनडीए की अगली बैठक होने जा रही है। इस बैठक में भाग लेने के लिए सभी एनडीए नेताओं को बुलाया गया है। दरअसल इस बैठक में एनसीपी अजीत पवार गुट की हिस्सेदारी को लेकर भी चर्चा की जाएगी।
नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। एनडीए संसदीय दल की बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया है। इस बीच अब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर एनडीए के घटक दलों की बैठक होने जा रही है।
एनडीए को लेकर सवाल उठ रहे थे कि क्या गठबंधन के सभी दल एक साथ आ पाएंगे। इसके पीछे की वजह यह रही कि इस बार भाजपा को केवल 240 सीटें मिली है। जबकि 2014 में 282 और 2019 में 303 सीटें अकेले भाजपा ने अपने दम पर जीती थी, जो बहुमत के आंकड़े से ज्यादा थी।
राष्ट्रपति भवन में मोदी के तीसरे शपथ ग्रहण की तैयारियां तेज हो गई है। राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में मेहमानों के लिए कुर्सियां लग गई हैं। मोदी रविवार नौ जून को शपथ लेंगे, जिसमें कई पड़ोसी देशों के राजनेता उपस्थि रहेंगे।
नरेंद्र मोदी को भाजपा और एनडीए के संसदीय दल का नेता चुने जाने के साथ ही आज लोकसभा का भी नेता चुन लिया गया है। इसके बाद अब 9 जून को उनके तीसरी बार प्रधानमंत्री पद पर शपथ ग्रहण की तैयारी है। इसमें हिस्सा लेने नेपाल के पीएम प्रचंड समेत कई अन्य पड़ोसी देशों के नेता भी आ रहे हैं।
सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को गठबंधन दल का नेता चुन लिया गया है। दरअसल आज एनडीए संसदीय दल की पहली बैठक बुलाई गई थी। इस दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधा। साथ ही ईवीएम को लेकर भी विपक्ष पर कटाक्ष किया।
एनडीए के संसदीय दल की बैठक में नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर करारा हमला किया है. उन्होंने कहा कि 4 जून के पहले तक विपक्ष के नेता ईवीएम की अर्थी का जुलूस निकालने वाले थे। रिजल्ट देखने के बाद मुंह पर ताले लग गए।
नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी के पैर छूने की कोशिश की, लेकिन पीएम मोदी ने बीच में ही उन्हें रोक लिया और दोनों नेता गले लग गए।
LJP (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने NDA के संसदीय दल के नेता के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का समर्थन करते हुए कहा कि गठबंधन को जीत नरेंद्र मोदी की वजह से हासिल हुई है।
बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की सरकार बनाने के लिए आज बैठक हो रही है। इस बैठक में एनडीए के सभी नव-निर्वाचित सांसद शामिल हुए हैं। बैठक को संबोधित करते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने एनडीए के नेता के तौर पर नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव पेश किया।
तीसरी बार सरकार बनने से पहले आज एनडीए दल की बैठक हुई। इस बैठक में एनडीए दलों के सभी सांसद शामिल हुए। वहीं पीएम मोदी भी इस बैठक में शामिल हुए।
केंद्र में तीसरी बार नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने वाले हैं। मोदी 3.O की कैबिनेट में कौन-कौन से मंत्री होंगे? इसको लेकर अभी से चर्चा होने लगी है। जेडीयू में इसको लेकर दो फार्मूले पर मंथन हो रहा है।
BJP के नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा बहुमत के 272 सीटों के आंकड़े को पार करने के बावजूद विपक्ष इसे हार बताने में जुटा है। आइए जानते हैं कि विपक्ष के ऐसा करने के पीछे की रणनीति क्या है।
लोकसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद से ही मोदी 3.0 की कैबिनेट से लेकर शपथ ग्रहण समारोह को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नरेंद्र मोदी रविवार की शाम को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।
राष्ट्रपति भवन में नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण की तैयारियां करीब करीब पूरी हो गई हैं। 9 जून की शाम को शपथग्रहण में शामिल होने वाले मेहमानों की लिस्ट भी तैयार है। नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना, नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल उर्फ़ प्रचंड के शामिल होने की उम्मीद है।
तीसरे कार्यकाल में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार बनने जा रही है। कांग्रेस ने सबसे ज्यादा समय तक देश में शासन किया। लेकिन, चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी पिछले तीन दशकों में भाजपा के 240 के आंकड़े को भी नहीं छू पाई है।
नरेंद्र मोदी 9 जून को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। इसके बाद पीएम मोदी अपनी पहली विदेश यात्रा पर इटली रवाना होंगे। दरअसल यहां G7 की मीटिंग में भाग लेने के लिए पीएम मोदी इटली जाने वाले हैं। बात दें कि पीएम बनने के बाद यह उनकी पहली यात्रा होगी।
कांग्रेस के नेता चाहते हैं कि साम, दाम, दंड, भेद कुछ भी करके मोदी को प्रधानमंत्री बनने से रोका जाना चाहिए। लेकिन आंकड़े ऐसे हैं कि मोदी को तीसरे टर्म से रोक पाना असंभव है।
भूमि और श्रम कानूनों में बड़े सुधार नई सरकार के एजेंडे में बने रहेंगे क्योंकि यह भारत के विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ाने का प्रयास करती है, लेकिन ये लंबे समय से विवादास्पद रहे हैं और एनडीए का कमजोर जनादेश इन कानूनों को पारित करना और जटिल कर देगा।
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