Surya Nakshatra: आज सूर्य हस्त नक्षत्र में गोचर करेंगे। इस गोचर से इन 3 राशियों को लाभ मिलेगा। तो आइए जानते हैं कि ये लकी राशियां कौनसी हैं।
Friday Remedies: आज शुक्रवार के दिन रेवती नक्षत्र रहेगा। ऐसे में इस दिन कुछ विशेष उपायों को करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा जीवन की अन्य समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है।
Shani Nakshatra Parivartan: शनि ग्रह शतभिषा नक्षत्र से निकलकर धनिष्ठा नक्षत्र में प्रवेश करने वाले हैं। शनि के इस नक्षत्र परिवर्तन से सभी 12 राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा। तो आइए ज्योतिषि चिराग बेजान दारूवाला से जानते हैं कि आपकी राशि पर क्या असर होगा।
रेवती नक्षत्र शुभ नक्षत्रों की श्रेणी में आता है। ये नक्षत्र 32 तारों का एक समूह है, जिसका अर्थ है- धनवान या धनी। अतः इस नक्षत्र को धन संपदा की प्राप्ति और सुखी जीवन के साथ जोड़कर देखा जाता है।
आकाशमंडल में स्थित 27 नक्षत्रों में से पूर्वभाद्रपद 25वां नक्षत्र है | पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं| बारह राशियों में से पूर्वभाद्रपद नक्षत्र के पहले तीन चरण कुम्भ राशि में और आखिरी एक चरण मीन राशि में आता है|
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति उत्साही होते हैं। यह हर कार्य को बहुत ही रूचि के साथ करते हैं। इसके साथ ही यह कर्मठ और पराक्रमी भी होते हैं। यदि इनको कोई काम बताया जाए तो यह मेहनत के साथ करते हैं।
ज्येष्ठा का अर्थ होता है- बड़ा. इसके नाम पर ही हिन्दी मास ज्येष्ठ पड़ा है। साथ ही तावीज़ को ज्येष्ठा नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह माना जाता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति की इच्छा शक्ति बहुत प्रबल होती है।
हस्त नक्षत्र शुभ नक्षत्रों की श्रेणी में से एक है। इस दौरान किये गये सभी कार्यों का शुभ फल प्राप्त होता है। हस्त नक्षत्र का अर्थ होता है- हाथ और इसी के अनुसार हस्त नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह हमारी हथेली को माना जाता है।
आकाशमंडल में स्थित 27 नक्षत्रों में से विशाखा 16वां नक्षत्र है। विशाखा का अर्थ होता है विभाजित या एक से अधिक शाखाओं वाला ।आदि के समय सजाये गए घर के द्वार को विशाखा नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह माना जाता है।
जिन लोगों का जन्म उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में हुआ हो उन लोगों को आज के दिन पाकड़ के पेड़ के दर्शन करने चाहिए और उसके सामने दोनों हाथ जोड़कर प्रणाम करना चाहिए।
मघा नक्षत्र का अर्थ है - बलवान या महान। इसका प्रतीक चिन्ह राज सिंहासन को माना जाता है, जो कि शासन, शक्ति और प्रभुत्व के साथ जुड़ा हुआ है।
जिन लोगों का जन्म मघा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी या हस्त नक्षत्र में हुआ हो और जिनके नाम का पहला अक्षर म, ट या प हो, उन लोगों को 19 फरवरी तक लाभ के बहुत सारे मौके मिलेंगे।
रोहिणी नक्षत्र के जातक बहुत ही सुंदर, बड़ी-बड़ी आंखों वाले, तेजस्वी, पद-प्रतिष्ठा से युक्त, संगीत कला में रुचि रखने वाले और मानसिक रूप से स्वस्थ होते हैं।
कृतिका नक्षत्र के जातक बड़े ही बुद्धिमान, तेजस्वी, ईमानदार, प्रेमी स्वभाव वाले, दयालु और प्रभावशाली होते हैं। ये लोग रचनात्मक कार्यों में रुचि रखते हैं और किसी भी कार्य की जड़ तक पहुँचने के लिए तत्पर रहते हैं।
रेवती एक पंचक नक्षत्र है। धनिष्ठा से लेकर रेवती तक के पांच नक्षत्रों को पंचक नक्षत्र कहा जाता है। पंचक की क्षेणी में रेवती नक्षत्र पांचवा पंचक है। पंचक के दौरान घर में लकड़ी का कार्य या घर में लकड़ी का काम नहीं कराना चाहिए और न ही लकड़ी इकट्ठी करनी चाहिए। अगर आप यह कार्य इस समय करेंगे तो यह अच्छा नहीं माना जाता।
पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं, अतः पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में जन्मे लोगों पर देव गुरुकी कृपा बनी रहती है।
इस नक्षत्र में जन्मे लोग सदाचारी, धार्मिक, चतुर, रहस्यमयी और आत्मविश्वास से भरपूर होते हैं। ये जो पाना चाहते हैं वो पाकर ही रहते हैं।
Dhanishta Nakshatra: इस नक्षत्र में जन्मे लोग ऊर्जावान, तेजस्वी, पराक्रमी, दान-धर्म में विश्वास रखने वाले, व्यावहारिक और मेहनती होते हैं। ये अपनी मेहनत से सफलता पाते हैं।
स्वाती नक्षत्र का अर्थ है - स्वतः आचरण करने वाला, यानी स्वतंत्र। अतः इस नक्षत्र में जन्मे जातक भी बहुत स्वतंत्र विचारों वाले होते हैं और खुलकर अपना जीवन व्यतीत करते हैं।
आकाशमंडल में स्थित कुल 27 नक्षत्रों में से दसवां स्थान मघा नक्षत्र का है। मघा नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह राज सिंहासन को माना गया है।
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