आपको बता दें कि साल 2017 में सैन्य कार्रवाई के चलते म्यांमार से 740,000 रोहिंग्या मुसलमान भागकर बांग्लादेश पहुंचे थे।
आपको बता दें कि म्यांमार के एक हाई लेवल डेलिगेशन ने कॉक्स बाजार में रोहिंग्या शिविरों का दौरा किया और उनके प्रतिनिधियों से बात की।
भारत में अवैध रूप से रह रहे म्यामां के चार नागरिकों को सोमवार को शामली जिले से गिरफ्तार किया गया ।
पूर्वोत्तर के राज्य त्रिपुरा में भारत-बांग्लादेश बॉर्डर के पास से 2 रोहिंग्या मुसलमानों को गिरफ्तार किया गया है।
म्यांमार में हुए अत्याचारों के बाद पड़ोसी देश बांग्लादेश में शरण लिए हुए रोहिंग्याओं की दिक्कतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
म्यांमार के लाखों रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों ने इस समय पड़ोसी देश बांग्लादेश में शरण ले रखी है।
म्यांमार से भागकर बांग्लादेश में शरण लेने वाले लोगों की उम्मीदों को गहरा धक्का लगा है।
ताजा हिंसा के ज्यादातर शिकार म्यांमार के बहुसंख्यक बौद्ध और हिंदू समुदाय के लोग हैं।
बांग्लादेश में 400 हिंदू शरणार्थियों को अलग करके रखा गया है। उन्हें हिंदू कैंप नामक एक अलग इकाई में रखा गया है, जिसकी कड़ी सुरक्षा की जा रही है।
संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने बताया कि म्यांमार के रखाइन राज्य में एक बार फिर हिंसा भड़कने से पिछले सप्ताह हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।
बांग्लादेश ने रोहिंग्याओं की घर वापसी की तैयारी कर ली है। उन्हें आज से वापस उनके वतन म्यांमार भेजे जाने का काम शुरू हो जाएगा।
रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थी उन्हें इस हफ्ते के मध्य में वापस म्यामांर भेजे जाने से बचने के लिए बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों से भाग रहे हैं
सामाजिक क्षेत्र से जुड़ी दुनिया की सबसे बड़ी संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने सोमवार को आंग सान सू ची से अपना सर्वोच्च सम्मान रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ म्यामार की सेना द्वारा किये अत्याचारों पर उनकी ‘‘उदासीनता’’ को लेकर वापस ले लिया।
आंकड़ों के मुताबिक म्यांमार में हिंसा फैलने के दौरान करीब 7 लाख रोहिंग्या शरणार्थी सीमा पार करके बांग्लादेश चले गए थे
नितिन गडकरी शुक्रवार को दिल्ली के रोहिणी में चल रहे अंतरराष्ट्रीय आर्य सम्मेलन के दौरान बोल रहे थे
संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं की मानें तो आज भी म्यांमार में रहने वाले रोहिंग्या मुसलमानों का जीवन खतरे में है।
भारतीय सेना ने द्विपक्षीय संबंध मजबूत करते हुए म्यांमार सेना को 15 प्रशिक्षित घोड़े सौंपे हैं
पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद 2012 से ही ये लोग असम के सिलचर जिले के कचार केन्द्रीय कारागार में बंद थे।
असम में अवैध तरीके से रह रहे सात रोहिंग्या को म्यांमार वापस भेजने के केन्द्र के फैसले को चुनौती देते हुए नई याचिका दायर की गई है। इन लोगों को गुरुवार को म्यांमार वापस भेजा जाना है।
7 रोहिंग्या मुस्लिमों को म्यांमार बॉर्डर पर भेजा गया है और वहां से उनको म्यांमार को सौंपा जाएगा
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