म्यांमा में लोकतंत्र समर्थक समूहों ने राजधानी में कई जगहों को ड्रोन हमले से निशाना बनाया है। समूहों ने सेना के कई बेस पर भी हमले किए हैं। वर्ष 2021 से ही सेना ने जबरन तख्तापलट कर लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सां सू-की को जेल में डाल दिया था। तभी से सेना शासन कर रही है।
म्यांमार की सेना ने दुश्मनों के सामने हथियार डाल दिया है। म्यांमार की सरकार ने बताया है कि चीन सीमा से लगे उसके एक शहर पर दुश्मनों ने कब्जा कर लिया है। इसके बाद उसने अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है।
लगातार गोलीबारी के बीच म्यांमार सेना के 29 और सैनिक तियाउ नदी पार कर मिजोरम की तरफ भाग निकले हैं। उन्होंने मिजोरम के चम्फाई में शरण ली। तियाउ नदी भारत और म्यांमार के बीच सीमा का कार्य करती है।
Myanmar Army: लोगों के मकानों और चर्चों के आसपास बिछाई गईं बारूदी सुरंगों में कम से कम 20 लोग मारे गए और कई अन्य लोग दिव्यांग हो गए।
म्यांमार की सेना ने देश की राजधानी नेपीता में शनिवार को परेड के साथ वार्षिक सशस्त्र बल दिवस का अवकाश मनाया, वहीं पिछले महीने हुए सैन्य तख्तापलट के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों को दबाने के तहत देश के अन्य इलाकों में सैनिकों एवं पुलिसकर्मियों की कार्रवाई में कई लोगों की मौत हो गई।
म्यांमार के हिंदू ग्रामीणों ने बताया था कि रोहिंग्या मुसलमानों ने 25 अगस्त को उनके समुदाय पर हमला किया था और बहुत से लोगों को अपने साथ ले गए थे...
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें बांग्लादेश की सीमा पर बारूदी सुरंगों या अन्य विस्फोटकों से लोगों के घायल होने का पता चला है...
म्यांमार के राखिन प्रांत में सुदूरवर्ती सीमा चौकियों पर कथित रोहिंग्या उग्रवादियों के हमले में म्यांमार सुरक्षा बलों के 11 कर्मियों समेत कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई।
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