म्यांमार से लोकतंत्र के समर्थकों के लिए बड़ी खबर है। इस देश में साढ़े तीन साल से चल रहे गृहयुद्ध के बाद जुंटा आर्मी घुटनों पर आ गई है। अब उसने सशस्त्र समूहों को शांति के लिए बातचीत को आमंत्रित किया है।
म्यांमार में रोहिंग्याओं पर ड्रोन अटैक की खबर है। बताया जाता है कि इस हमले में दर्जनों रोहिंग्या मारे गए हैं। मरने वालों में कई परिवार और बच्चे शामिल हैं।
नगा पीपुल्स फ्रंट के एक विधायक ने दावा किया है कि म्यांमार के उग्रवादियों ने बॉर्डर पर बारूदी सुरंगे बिछाई हैं जिनकी चपेट में आने से लोगों की जान भी जा चुकी है।
म्यांमार और भारत की सीमा पर अस्थिरता बनी हुई है। म्यांमार में चल रहा आंदोलन राजनीतिक अस्थिरता पैदा कर रहा है। ऐसे में काफी संख्या में घुसपैठिये भारतीय सीमा में दाखिल होते हैं। इसके खिलाफ एनएसए अजीत डोभाल ने म्यांमार के पीएम से वार्ता की है।
लाओस में आज समुद्री सीमा विवाद और म्यांमार के संकट पर सबसे बड़ी बैठक होने जा रही है। इसमें भारत की भूमिका सबसे अहम मानी जा रही है। दक्षिण चीन सागर में चीन की दादागिरी से कई देश परेशान हैं। वहीं म्यांमार में गृहयुद्ध चल रहा है।
देश के नौजवानों को रोजगार का लालच देकर Fake Job Scam रैकेट में फंसाया गया। ये रैकेट म्यांमार से चलाया जा रहा है। फेक जॉब में फंसे युवाओं को भारत सरकार ने बड़ी संख्या में निकाला है।
राज्य के गृह विभाग के अनुसार, मिजोरम के विभिन्न हिस्सों में 12,901 बच्चों सहित कुल 33,835 म्यांमाई नागरिकों ने शरण ले रखी है। चम्फाई जिले में सबसे अधिक 14,212 म्यांमाई शरणार्थी रहते हैं।
म्यांमार के रखाइन हिंसा में रोहिंग्याओं के सिर कलम किए जाने का मामला सामने आने से यूएन भी हैरान है। संयुक्त राष्ट्र ने रखाइन हिंसा की कड़ी निंदा की है। साथ ही म्यांमार की सेना को इसके लिए सख्त चेतावनी भी दी है।
मिजोरम में लगातार म्यांमार से शरणार्थी आ रहे हैं और समस्या बनी हुई है। अब 36500 से ज्यादा शरणार्थियों ने मिजोरम में शरण ली है। मिजोरम के गृह विभाग ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पड़ोसी से देशों से भारत के राज्यों से बड़ी मात्रा में नशे की खेप आ रही है। हालांकि पुलिस लगातार इसके खिलाफ मुहिम चला रही है और नशे की खेप लाने वाले आरोपियों को पकड़ रही है। इसी कड़ी में मणिपुर पुलिस ने गुरुवार को कद्दू के अंदर छिपाकर रखी गई 3.5 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की।
म्यांमा में लोकतंत्र समर्थक समूहों ने राजधानी में कई जगहों को ड्रोन हमले से निशाना बनाया है। समूहों ने सेना के कई बेस पर भी हमले किए हैं। वर्ष 2021 से ही सेना ने जबरन तख्तापलट कर लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सां सू-की को जेल में डाल दिया था। तभी से सेना शासन कर रही है।
असम राइफल्स के जवानों ने मिजोरम के चंपई जिले में 9.6 करोड़ रुपये मूल्य की 1.3 किलोग्राम हेरोइन बरामद की और मादक पदार्थ रखने के आरोप में म्यांमा के एक नागरिक को गिरफ्तार किया।
लालदुहोमा ने गुरुवार को विधानसभा को यह जानकारी दी कि गृह मंत्रालय ने पिछले साल अप्रैल में राज्य सरकार को म्यांमार और बांग्लादेश के शरणार्थियों का बायोमेट्रिक विवरण एकत्र करने का निर्देश दिया था।
म्यांमार में सैन्य शासन जुंटा से जनता परेशान है। उनके एक ऐसे कदम से युवाओं में ऐसी दहशत फैल गई है कि वे देश छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
भारत और मिजोरम की सीमा पर बाड़बंदी के केंद्र सरकार के फैसले पर मिजोरम के सीएम ने एक बार फिर अपना विरोध जताया है। उन्होंने आशा जताई है कि दोनों देशों की सीमा पर बाड़बंदी नहीं की जाएगी।
म्यामांर सीमा के पास पुलिस और असम राइफल्स की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। दो जगहों पर की गई कार्रवाई में 1.75 करोड़ रुपये कीमत की हेरोइन जब्त की गई है।
मिजोरम से राज्यसभा के सांसद ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर म्यांमार सीमा पर हो रही बाड़बंदी के फैसले पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है। इसके साथ ही उन्होंने ऐसा होने पर मिजोरम के लोगों को होने वाली परेशानियों के बारे में भी जानकारी दी है।
म्यांमार में सशस्त्र समूह और सेना के बीच छिड़े संघर्ष ने अब और अधिक व्यापक रूप ले लिया है। इससे म्यांमार की स्थिति नाजुक हो गई है। इससे म्यांमार की सीमा से लगे भारत और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी राष्ट्र भी चिंतित हो उठे हैं। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ बांग्लादेश के विदेश मंत्री हसन महमूद ने बात की।
मोदी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा को अभेद्य करने के लिए बड़ा फैसला लिया है। इससे विरोधी संघठनों में खलबली मच गई है। सरकार ने भारत-म्यांमार बॉर्डर के 1643 किलोमीटर खुले क्षेत्र को बाड़ लगाकर सील करने का फैसला किया है। ताकि घुसपैठियों को भारतीय सीमा में बेरोकटोक आने से रोका जा सके।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों के लिए जरूरी एडवाइजरी जारी की है। म्यांमार में रहने वाले भारतीयों के लिए जारी इस एडवाजइरी में विदेश मंत्रालय ने कहा है कि म्यांमार के रखाइन प्रांत से भारतीय तुरंत बाहर निकलें, वहां रहना खतरनाक है।
संपादक की पसंद