बिहार के मुजफ्फरपुर में श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (SKMCH) के पिछे मानव कंकाल के अवशेष मिलने से हड़कंप मच गया है। इस मामले के बाद अस्पताल प्रशासन एक बार फिर से सवालों के घेरे में आ गया है।
जिन कैमरों के जरिए अस्पताल का सच बाहर आया करता था उन कैमरों के लिए चारों तरफ अब पहरा बैठा दिया गया है। मुजफ्फरपुर में पत्रकारों से अस्पताल वालों को परहेज है और पटना में सरकार को।
बिहार के 16 जिलों में मस्तिष्क ज्वर से इस महीने की शुरुआत से 600 से अधिक बच्चे प्रभावित हुए हैं जिनमें से 136 की मौत हो गई। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
मुजफ्फरपुर में एईएस के कारण बच्चे मर रहे हैं। पिछले 20 दिनों में अबतक 118 बच्चों की मौत हो चुकी है।
बिहार इनसेफेलाइटिस (चमकी बुखार) से मरने वाले बच्चों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। राज्य के मुजफ्फरपुर और निकट के जिलों में अब तक 136 बच्चों की मौत हो चुकी है।
बिहार के मुजफ्फरपुर और आसपास के इलाकों में चमकी बुखार से मरनेवालों बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है। यहां अबतक 131 बच्चों की मौत हो चुकी है।
नीतीश ने मंगलवार को मुजफ्फरपुर का दौरा किया था और इसके बाद सरकार ने जिन ब्लॉकों और गांवों में सबसे ज्यादा मौतें हुईं हैं, उनमें प्रभावित परिवारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति और उनके जीवन-यापन की परिस्थितियोंका अध्ययन करने के लिए एक सर्वेक्षण शुरू किया था।
मुजफ्फरपुर के दो बड़े हॉस्पिटल SKMCH और केजरीवाल अस्पताल में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों का इलाज हो रहा है। इस बीच हैरान करने वाली बात ये है कि सूबे के सीएम से लेकर डिप्टी सीएम तक सबने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है।
बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार की वजह से हो रही बच्चों की मौत के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से जर्जर है, गांव में स्वास्थ्य केंद्रों का अभाव है और जहां केंद्र है, वहां डॉक्टर नहीं है।
बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार कहे जाने वाले अक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (AES) से से अभी तक 108 बच्चों की मौत की खबर है।
हालात से निपटने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीती शाम आला अधिकारियों और मंत्रियों के साथ एक हाई लेवल मीटिंग की। इस मीटिंग में कई बड़े फैसले लिए गए।
बिहार में लू के चलते पिछले दो दिनों में 113 लोगों की मौत हो गई है। गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज में हीटस्ट्रोक के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 35 हो गई। इनमें से 28 की इलाज के दौरान मौत हो गई जबकि 7 को मृत लाया गया। जबकि 106 मरीजों का इलाज चल रहा है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को मस्तिष्क ज्वर सहित अन्य अज्ञात बीमारी से अबतक 96 बच्चों की मौत को लेकर एक आंतरिक बैठक बुलाई है।
मुजफ्फरपुर जिले में हाइपोग्लाइसीमिया के कारण 83 बच्चों की मौत हो गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मरने वाले बच्चों के परिजनों को 4 लाख रुपए मुआवजे का ऐलान किया है।
बिहार के मुजफ्फरपुर में रहस्यमय 'चमकी बुखार' का कहर बढ़ता ही जा रहा है। चमकी बुखार से अब तक 66 बच्चों की मौत हो चुकी है।
बिहार का मुजफ्फरपुर कल रात गोलियों की गूंज से थर्रा गया। यहां राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) दो स्थानीय नेताओं को गोली मार दी गई। गंभीर हालत में दानों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बिहार में रहस्यमयी चमकी-तेज बुखार से अब तक 56 बच्चों की जान चली गई है। खास तौर पर उत्तरी बिहार में इस जानलेवा बिमारी को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। हालात इमरजेंसी जैसे बने हुए हैं।
यहां चुनावी सभा में आरएलएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को आना था लेकिन काफी इंतजार करने के बाद भी जब वो नहीं आए तब उनका इंतजार कर रहे कुछ लोग हंगामा करने लगे।
होटल में ईवीएम और वीवीपैट देखकर स्थानीय लोग चुनावी गड़बड़ी की आशंका जता रहे थे। आक्रोशित लोगों ने इस मसले को लेकर हंगामा भी किया।
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