मुजफ्फरनगर के भरतिया कॉलोनी में बैंक की नीलामी में मोहम्मद नदीम नाम के शख्स ने एक मकान खरीद लिया...आस-पास रहने वाले लोग विरोध करने लगे.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक जिला है.. मुजफ्फरनगर.. यहां हिंदू मुसलमानों की तादाद करीब-करीब बराबर है.. यहां करीब करीब 55 प्रतिशत हिंदू आबादी है तो वहीं 44 प्रतिशत मुस्लिम आबादी भी है.. इसलिए यहां हिंदुओं और मुस्लिमों में अक्सर तनाव देखा जाता है.. कुछ साल पहले की तस्वीर आपको याद होगी..
मुजफ्फरनगर की पुलिस ने कांवड़ यात्रा के रूट में खुली दुकानों... ढाबे...होटल...और रेहड़ी पटरी वालों को ये आदेश दिया है कि उन्हें अपनी दुकान या ठेले पर अपना असली नाम लिखना होगा....दुकान के बाहर साइन बोर्ड पर बड़े-बड़े अक्षरों में दुकानदार का नाम या प्रोपराइटर का नाम लिखकर लगाना होगा
AIMIM chief Asaduddin Owaisi ने Muzaffarnagar incident को लेकर आरोपी टीचर पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा- टीचर को नहीं पता क्या जहर बो रही हैं। देखिए पूरा बयान
मुज्जफरनगर की घटना को लेकर सारे नेता एक्टिव हो गए हैं. राहुल गांधी(Rahul Gandhi) ने इस पर ट्वीट किया.
Muzaffarnagar Teacher: क्लासरूम के थप्पड़ कांड को नेशनल इश्यू बनाने वाले गांव का नाम तक नहीं जानते होंगे स्कूल का नाम तक नहीं पता होगा...गली मोहल्ला नहीं पता होगा...हम आपको उस स्कूल उस गांव में लेकर चलते हैं...
यूपी के मुजफ्फरनगर में स्कूल के अंदर मासूम को थप्पड़ जड़ने पर अब प्रशासन ने सख्त हो गया है. डीएम से लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी सभी ने छानबीन तेज कर दी है.
Muzaffarnagar School Video: मुजफ्फरनगर में छात्र की पिटाई मामले पर क्या बोले BJP प्रवक्ता Rakesh Tripathi ?
Muqabla: मुजफ्फरनगर के एक प्राइवेट स्कूल में पहाड़ा याद न करने पर एक बच्चे को दूसरे बच्चों से पिटवाने का मामला तूल पकड़ गया है वैसे तो किसी भी बच्चे की पिटाई चाहे टीचर या पैरेंट्स ही क्यों न करे अमानवीय है और आपराधिक भी है..
Giriraj Singh On Muzaffarnagar Name Change: बीजेपी(BJP) के फायर ब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मुजफ्फरनगर का नाम बदलने की मांग की है. उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल हो गए हैं. अब मुजफ्फरनगर नाम अच्छा नहीं लगता है
उत्तर प्रदेश के Muzaffarnagar के अंतर्गत आती है बुढ़ाना विधानसभा सीट (Budhana Assembly Seat). बुढ़ाना विधानसभा सीट में सिसौली गांव पड़ता है. सिसौली को किसानों की राजधानी भी कहा जाता है. सिसौली वही गांव है जहां किसान नेता Mahendra Singh Tikait का जन्म हुआ था. महेंद्र टिकैत के बेटे Rakesh Tikait सिसौली गांव से ही है जिन्होंने नए कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल तक किसान आंदोलन (Farmer Protest) का नेतृत्व किया. इसके अलावा बुढ़ाना विधानसभा क्षेत्र यहां होने वाली गन्ने की पैदावार के लिए भी पहचाना जाता है. बुढ़ाना विधानसभा सीट 2012 में असित्व में आई. इस विधानसभा सीट पर मुस्लिम, दलित, जाट, कश्यप, त्यागी और पाल मतदाताओं की बहुलता है. 2012 में इस सीट पर पहली बार विधानसभा चुनाव हुए थे. जिसमें SP के नवाजिश आलम को जीत मिली थी. उन्होंने RLD के राजपाल बालियान को हराया था. लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में BJP के उमेश मलिक ने इस सीट पर जीत दर्ज की. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की तारीखों का एलान कर दिया गया है. बुढ़ाना विधानसभा सीट पर वोटिंग 10 फरवरी को होगी. जिसे देखते हुए सभी दलों ने अपनी चुनावी तैयारियों को तेज कर दिया है. इसी चुनावी समर के बीच 'इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम की मुजफ्फरनगर जिले की बुढ़ाना विधानसभा सीट की जनता के बीच पहुंचा. जहां लोगों ने आगामी चुनाव को लेकर अपने विचार हमारे साथ साझा किए.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) की तारीखों के एलान के साथ ही राजनीतिक दलों में सियासी हलचल तेज हो चुकी है. चुनाव के मद्देनजर सभी दलों ने अपनी कमर कस ली है. मुजफ्फरनगर विधानसभा सीट जिले की 6 सीटों में से एक है. फिलहाल इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कपिल देव अग्रवाल मौजूदा विधायक हैं. कपिल देव अग्रवाल योगी सरकार में राज्यमंत्री भी हैं. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए भाजपा ने पहली सूची जारी कर दी है. जिसमें मुजफ्फनगर की सभी छह सीट पर भाजपा ने प्रत्याशी घोषित किए हैं. भाजपा ने इनमें 4 सीटों पर वर्तमान विधायक को टिकट दिया है, जबकि दो नए चेहरों को भी टिकट बांटा गया है. भाजपा ने वर्तमान विधायक एवं राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल को फिर से मौका दिया है. 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने SP के गौरव स्वरूप बंसल को हराया था. इस बार मुजफ्फरनगर विधानसभा सीट पर 10 फरवरी को चुनाव होगा. इसी चुनावी समर के बीच 'इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम की मुजफ्फरनगर विधानसभा सीट की जनता के बीच पहुंचा. जहां लोगों ने आगामी चुनाव को लेकर अपने विचार हमारे साथ साझा किए.
India TV का खास प्रोग्राम ‘ये पब्लिक है सब जानती है की टीम लगातार हर विधानसभा क्षेत्र में वैक्सीन सेंटर पर जाकर वहां के मौजूदा हाल को समझ रही है. इसी सिलसिले में टीम Muzaffarnagar, Uttar Pradesh पहुंची जहां मुजफ्फरनगर के CMO महावीर फौजदार निरीक्षण करने पहुंचे थे. CMO ने बताया कि मुजफ्फरनगर में बूस्टर डोज लगनी शुरू हो गई है. 15 से 18 साल के बच्चों को बड़ी संख्या में वैक्सीन लगाई जा रही है.
मुजफ्फरनगर में धर्मांतरण की एक दर्दनाक कहानी सामने आई है. धर्मांतरण का किस्सा लगभग 2016 में शुरू हुआ जब रीना नाम की एक महिला अपने पति की मृत्यू के बाद ईंट भट्ठे पर काम करने गई. इस दौरान उसकी मुलाकात ‘अंसार’ नाम के शख्स के साथ हुई. कुछ समय बाद दोनों ने शादी कर ली, लेकिन शादी के बाद रीना को अंसार प्रताड़ित करने लगा. रीना का धर्म परिवर्तन कराया, उसका नाम बदलकर ‘रीना’ से ‘जैनब’ कर दिया. यहां तक कि मना करने पर रीना के साथ मारपीट भी करता था. इस खबर की सच्चाई जानने के लिए India TV का खास शो ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ की टीम मुजफ्फरनगर पहुंची और पीड़िता से बात की.
रिपोर्टर बाइक वाली ने राकेश टिकैत से की मुजफ्फरनगर का सियासी मिजाज जानने के लिए बातचीत।
मुजफ्फरनगर में रविवार को किसानों की महापंचायत हुई, जहां मंच से सियासी नारेबाजी हुई। किसान महापंचायत के मंच पर 'योगी भगाओ, यूपी बचाओ' और 'मोदी भगाओ, देश बचाओ' के नारे लगे। मंच से सतनाम सिंह ने यह नारा लगाया।
किसान महापंचायत में किसानों के मुद्दे से हटकर किसान नेता राकेश टिकैत ने पीएम मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जनता अब मोदी-योगी को बर्दाश्त नहीं करेगी।
किसान महापंचायत में किसानों के मुद्दे से हटकर किसान नेता राकेश टिकैत ने पीएम मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जनता अब मोदी-योगी को बर्दाश्त नहीं करेगी।
किसान महापंचायत का नेतृत्व कर रहे राकेश टिकैत ने इंडिया टीवी से ख़ास बातचीत की। उन्होंने कहा कि उनका मकसद लोगों तक अपनी बात पहुंचना है और आंदोलन चलता रहेगा।
आज मुज़फ्फरनगर में किसान महापंचायत चल रही है जिसमें देशभर से कई किसान संगठन शामिल हुए हैं। क्या यूपी चुनाव से पहले चलने वाले इस महापंचायत का एजेंडा योगी आदित्यनाथ के खिलाफ है? देखिए पूरी रिपोर्ट।
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