Mutual Fund Tips: म्यूचुअल फंड में पैसा लगाकर हर कोई अधिक रिटर्न बनाने की चाहत रखता है। कम ही लोगों को सफलता मिल पाती है। अगर आप भी ऐसा करने की सोच रहे हैं तो ये खबर आपके लिए है।
निवेशक बिना किसी प्रीपेमेंट या फोरक्लोजर चार्ज के अपने लोन का भुगतान कर सकते हैं। निवेशक द्वारा खर्च की गई रकम पर लोन की अवधि का ही ब्याज लिया जाएगा।
Mutual Fund Updates: किसी भी कंपनी को अपना म्यूचुअल फंड प्लान शुरू करने के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से अंतिम मंजूरी लेनी होती है। इसके बिना संचालन करना संभव नहीं होता है।
आमतौर पर निवेशक टैक्स की बचत करने के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। इसमें निवेश करते समय कुछ लोग बाजार की टाइमिंग, जोखिक और एक्सपेंस रेश्यो के ऊपर ध्यान नहीं देते हैं। टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड से लंबे समय के लिए निवेश कर अच्छा रिटर्न ले सकते हैं।
Mutual Funds: दो तरह के फंड होते हैं। पहला एक्टिव म्यूचुअल फंड और दूसरा पैसिव म्यूचुअल फंड। दूसरे वाले फंड को हम इंडेक्स फंड भी कहते हैं। इंडेक्स फंड में कोई फंड मैनेजर नहीं होता, इसलिए आपको बाकी फंड की तरह ब्रोकर का चार्ज नहीं देना पड़ता। ये नए निवेशकों के लिए काफी फायदेमंद है।
अगर आप टैक्स छूट पाने के लिए एफडी में निवेश करते हैं तो कम से कम आपको 5 साल के लिए निवेश करना होगा।
Good News for Mutual Fund Investor: म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों के लिए एक अच्छी खबर आई है। अभी तक म्युचुअल फंड इकाइयां निवेशकों को उनके बैंक खाते में पैसा यूनिट भुनाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद तीन दिन के भीतर भेजती हैं। यह नियम अब बदल जाएगा।
अगर आप विदेशी बाजारों में पेसा लगाने वाले म्यूचुअल फंड का रिकॉर्ड देखें तो कई फंड्स का रिकॉर्ड बहुत अच्छा है। कुछ गोल्ड और कमोडिटी-लिंक्ड फंड्स से 50 से 70 फीसदी तक रिटर्न मिला है।
आज के समय में म्यूचुअल फंड में कई बड़े निवेशक भी इन्वेस्ट कर रहे हैं। अगर आप भी नए साल में बेहतर रिटर्न के लिए निवेश प्लान की तलाश कर रहे हैं तो यह एक शानदार विकल्प हो सकता है। आइए इसके बारे में पूरी डिटेल जानकारी लेते हैं।
सेंसेक्स सालाना आधार पर (25 दिसंबर तक) सिर्फ 1.12 प्रतिशत ऊपर है, लेकिन अभी भी यह दुनिया का सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला बड़ा बाजार है।
म्यूचुअल फंड में निवेश करना हमेशा एक बेहतर निवेश के रूप में देखा जाता है, क्योंकि इसमें जोखिम की संभावनाएं कम होती है, और एक्सपर्ट के मुताबिक, रिटर्न अधिक मिलता है। यहां डायरेक्ट म्यूचुअल फंड स्कीम के बारे में जानिए।
साधारण भाषा में SIP का मतलब ये है कि हर महीने आपके एकाउंट से एक निश्चित राशि एक फिक्स तारीख को निकलेगी और आपके द्वारा चुने गए mutual fund में ऑटोमेटिक जमा हो जाएगी। और दूसरी तरफ आप lumpsum में अपने हिसाब से पैसे लगाते हैं।
दुनियाभर में मंदी की आशंका के बीच भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन शानदार बना हुआ है। इसके चलते विदेशी निवेशक एक बार फिर से यहां पैसा लगा रहे हैं।
आज के समय में किसी भी म्यूचुअल फंड से 12% का रिटर्न पाना आम बात है। लेकिन कुछ बात ध्यान में रखकर 15 फीसदी या उससे भी ऊपर रिटर्न जेनरेट कर सकते हैं।
WhiteOak Capital Mutual Fund की SIP Analysis Report से पता चला है कि किसी भी निवेशक को कम से कम तीन साल के लिए एसआईपी के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश करनी चाहिए।
बाजार के जानकारों का कहना है कि किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करते वक्त निवेशकों को पता होना चाहिये की वह किस फंड में निवश कर रहा है।
जब भी कोई नया SIP शुरू करें तो डेट का जरूर ख्याल करें। आपके रिटर्न पर तारीख बहुत बड़ा असर डालता है।
बीते एक साल से शेयर बाजार में बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। हालांकि, इसके बावजूद भी निवेशकों का भरोसा डगमगाया नहीं है।
Mutual Funds: आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्यूचुअल फंड, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड और निप्पन इंडिया म्यूचुअल फंड ने सिल्वर ईटीएफ शुरू किया है।
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