पैसिव फंडों में निवेश तेजी से बढ़ रहा है। इन फंडों के तहत पिछले तीन वर्षों में निवेशकों का निवेश 182 फीसदी बढ़कर लगभग 10 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
अगर किसी व्यक्ति की उम्र 40 के आसपास हो गई है और वह इस उम्र में भी निवेश शुरू करे तो रिटायरमेंट से पहले ही करोड़पति बन सकता है। 40 की उम्र में निवेश शुरू कर रिटायरमेंट से पहले करोड़पति बनने के लिए 15x15x15 का फॉर्मूला आपकी मदद करेगा।
तीन साल में इसका रिटर्न सीएजीआर 27.28 फीसदी रहा है। 10 हजार का निवेश 20,645 रुपये हो गया है जो दोगुना से भी ज्यादा है।
म्यूचुअल फंड्स में निवेशकों को बाजार के आकर्षक रिटर्न के साथ-साथ कंपाउंडिंग का भी भरपूर लाभ मिलता है। आज हम यहां कुछ ऐसी कंपनियों के शेयरों के बारे में जानेंगे, जो जुलाई 2024 में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के पसंदीदा शेयर हैं।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि लंबी अवधि में म्यूचुअल फंड्स एसआईपी निवेशकों को औसतन 12 प्रतिशत का रिटर्न देता है। हालांकि, इसमें उतार-चढ़ाव भी देखने को मिल सकता है। म्यूचुअल फंड एसआईपी में सिर्फ 500 रुपये से निवेश शुरू किया जा सकता है।
अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं और एक बेहतर विकल्प की तलाश कर रहे हैं तो म्यूचुअल फंड एसआईपी एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
सेबी ने मूल्य से संबद्ध अप्रकाशित संवेदनशील जानकारी तक पहुंच रखने वाले कर्मचारियों को नामित व्यक्तियों के रूप में चिह्नित किये जाने को जरूरी किया है। इसके जरिये सेबी भेदिया कारोबार को लेकर व्यवस्था का चाक-चौबंद बना रहा है।
मजबूत आर्थिक माहौल, सरकार की अनुकूल राजकोषीय नीतियां, निवेशकों का भरोसा और शेयर बाजारों में तेजी के बीच इक्विटी म्यूचुअल फंड को लेकर आकर्षण बढ़ा है।
वर्तमान में, शेयरों और म्यूचुअल फंड की स्कीम की बिक्री 12 महीने या उससे कम समय पर करने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता था। धारा 111 ए के तहत एलटीसीजी फ्लैट 15% की दर से लगाया जाता है।
संदीप टंडन के स्वामित्व वाली इस म्यूचुअल फंड के पास ₹93,000 करोड़ की प्रबंधनाधीन संपत्ति (एयूएम) है और इस पर फ्रंट-रनिंग का संदेह है। दो ठिकानों- मुंबई और हैदराबाद- पर सेबी ने तलाशी ली गई है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक यूजर ने सोशल मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया कि ग्रो ऐप ने पैसे लेने के बावजूद म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश नहीं किया। साथ ही दावा किया कि ग्रो ने एक गलत फ़ोलियो नंबर बनाया जो वास्तव में मौजूद नहीं था।
एम्फी ने सोमवार को जारी आंकड़ो में बताया कि यह इक्विटी फंड में शुद्ध निवेश का लगातार 39वां महीना है। इसके अलावा, व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) से मासिक योगदान बढ़कर मई में 20,904 करोड़ रुपये हो गया, जो अप्रैल में 20,371 करोड़ रुपये था।
फाइनेंशियल एक्सपर्ट का कहना है कि 18x15x12 फॉर्मूला का उपयोग करते समय महंगाई, जोखिम और पोर्टफोलियों का रीबैलेंसिंग का ख्याल रखना जरूरी है।
म्यूचुअल फंड कंपनी पैसे के प्रबंधन के लिए कुछ तय शुल्क वसूल करती हैं, जिनमें एक एग्जिट लोड भी शामिल है। यह चार्ज कंपनियां तब लगाती हैं जब निवेशक स्कीम से बाहर निकल रहा होता है। एग्जिट लोड चार्ज तब भी देना होता है, जब आप म्यूचुअल फंड यूनिट बेचते समय नुकसान में भी क्यों न हों।
अगर आप प्रति माह 5,000 रुपये का निवेश करेंगे तो 26 साल (317 महीने) से थोड़ा अधिक समय में 1 करोड़ रुपये बचा लेंगे। अगर आप हर महीने 7,500 रुपये यानी अपने वेतन का 30% निवेश करते हैं, तो आप 23 साल या 276 महीनों में 1 करोड़ रुपये बचा लेंगे।
बहुत सारे एसआईपी निवेशकों की शिकायत रहती है कि उसने सिप में निवेश किया लेकिन मनचाहा रिटर्न नहीं मिला। अगर आप भी उनमें शामिल हैं तो कुछ बातों का ख्याल रखकर शानदार रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
सुंदरम मल्टी कैप फंड अक्टूबर 2000 में आम निवेशकों के लिए लॉन्च किया गया था। फंड का प्रबंधन दो फंड मैनेजर- सुधीर केडिया और रतीश बी वारियर करते हैं। यह स्कीम कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स और फाइनेंस पर ओवरवेट है।
जब आप विभिन्न श्रेणी में निवेश करते हैं तो आपकी रिस्क भी कम हो जाती है। जैसे कि अगर आप तीन स्कीम्स में निवेश करने का सोच रहे हैं तो लार्ज कैप स्कीम का चयन करें। उसके बाद मल्टी या मिड कैप को चुनें।
छोटे निवेशकों के बीच म्यूचुअल फंड तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इसकी वजह एमएफ पर मिलने वाला तगड़ा रिटर्न है। आज हम तीन ऐसे ही म्यूचुअल फंड स्कीम के बारे में बता रहे हैं, जिसने निवेशकों को लखपति से करोड़पति बनाया है।
जब कोई ब्रोकर या निवेशक गोपनीय जानकारी के आधार पर किसी कारोबार में शामिल होता है, उसे ‘फ्रंट रनिंग’ कहते हैं। यह ऐसी संवेदनशील जानकारी होती है, जिससे शेयर की कीमत प्रभावित होती है।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़