सेबी ने अपने कंसल्टेशन पेपर में कहा है कि न्यूनतम अनिवार्य निवेश राशि को 20 प्रतिशत से घटाया जा सकता है और कर्मचारियों के कुल वेतन के आधार पर स्लैब के हिसाब से इसे लागू किया जा सकता है।
म्यूचुअल फंड निवेश न सिर्फ आपको बाजार की जोखिम से बचाता है, बल्कि आपको शानदार रिटर्न भी देता है। इस रिटर्न को आप कुछ बातों का ख्याल रखकर और बढ़ा भी सकते हैं।
फाइनेंशियल एक्सपर्ट का कहना है कि बिना सोचे समझे किसी भी NFO में पैसा लगाना सही नहीं है। निवेश से पहले कुछ जानकारी जरूर जुटानी चाहिए।
अगर आप आरडी खाता चलाना चाहते हैं तो देश के किसी भी बैंक या डाकघर आरडी अकाउंट खुलवाया जा सकता है। डाकघर 5 साल की आरडी पर 6.7 प्रतिशत का सालाना ब्याज दे रहा है।
कई म्यूचुअल फंड स्कीम्स ऐसी भी हैं जिन्होंने लंबी अवधि में बहुत फीका रिटर्न दिया है। अगर आपको म्यूचुअल फंड स्कीम्स के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है तो बेहतर होगा कि आप अपने वित्तीय सलाहकर से किसी अच्छे फंड के बारे में जानकारी प्राप्त कर लें।
म्यूचुअल फंड स्कीम का चुनाव ही आपको बंपर रिटर्न दिलाने की कुंजी है। अगर आप सही फंड चुनेंगे तो ही वह बंपर रिटर्न देगा।
अपने सामने आने वाली हर म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करने का लालच न करें। इससे आपका रिटर्न कम हो सकता है और आप एक अच्छा पोर्टफोलियो बनाने से चूक सकते हैं।
म्यूचुअल फंड एसआईपी में निवेश करने से पहले इस बात का खास ध्यान रखें कि इसमें किया जाने वाला निवेश पूरी तरह से शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। इसके अलावा, म्यूचुअल फंड एसआईपी से मिलने वाले रिटर्न पर आपको कैपिटल गेन्स टैक्स भी चुकाना पड़ता है।
अगर आप 5000 रुपये से एसआईपी शुरू करते हैं और हर साल अपनी एसआईपी में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी यानी स्टेप-अप करते हैं तो लक्ष्य को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।
म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय आपको इस बात का खास ध्यान रखना होगा कि इससे मिलने वाला रिटर्न कैपिटल गेन्स के तहत आता है और इसके लिए आपको 12.5 प्रतिशत से 20 प्रतिशत तक का कैपिटल गेन्स टैक्स चुकाना होता है।
म्यूचुअल फंड हाउस, ईएलएसएस फंड्स में किए जाने वाले निवेश का 80 प्रतिशत हिस्सा इक्विटी में निवेश करते हैं। ईएलएसएस फंड्स में लगाया जाने वाला पैसा अलग-अलग सेक्टरों से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में निवेश किया जाता है, ताकि जोखिम को कम किया जा सके।
देश के कई बैंक म्यूचुअल फंड के बदले 10 से 15 प्रतिशत की ब्याज दरों पर लोन मुहैया कराते हैं। बताते चलें कि अगर आपके पास इक्विटी म्यूचुअल फंड है तो आप उसकी वैल्यू का 50 प्रतिशत मार्जिन गिरवी रखना पड़ेगा।
यह फंड इक्विटी या फिक्स्ड इनकम में शून्य से 100 फीसदी तक निवेश करता है। फंड का फिलहाल लार्जकैप में 77.6 फीसदी निवेश है जबकि मिडकैप में 13.1 और स्माल कैप में 9.4 फीसदी का निवेश है।
कंपांउडिंग की असली ताकत देखनी हो तो म्यूचुअल फंड में ज्यादा से ज्यादा समय के लिए निवेश जारी रखना चाहिए। 5,000 रुपये की एसआईपी से कम समय में 10 करोड़ रुपये का फंड बनाने के लिए आपको स्टेप-अप फॉर्मूला का इस्तेमाल करना होगा।
म्यूचुअल फंड्स की कई कैटेगरी होती हैं और वैल्यू फंड भी उन्हीं कैटेगरी में से एक है। वैल्यू फंड उन फंड्स को कहा जाता है, जिसके तहत म्यूचुअल फंड्स कंपनियां उन कंपनियों के शेयरों में निवेश करती हैं, जिनकी वैल्यूएशन कम होती हैं।
पैसिव फंडों में निवेश तेजी से बढ़ रहा है। इन फंडों के तहत पिछले तीन वर्षों में निवेशकों का निवेश 182 फीसदी बढ़कर लगभग 10 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
अगर किसी व्यक्ति की उम्र 40 के आसपास हो गई है और वह इस उम्र में भी निवेश शुरू करे तो रिटायरमेंट से पहले ही करोड़पति बन सकता है। 40 की उम्र में निवेश शुरू कर रिटायरमेंट से पहले करोड़पति बनने के लिए 15x15x15 का फॉर्मूला आपकी मदद करेगा।
तीन साल में इसका रिटर्न सीएजीआर 27.28 फीसदी रहा है। 10 हजार का निवेश 20,645 रुपये हो गया है जो दोगुना से भी ज्यादा है।
म्यूचुअल फंड्स में निवेशकों को बाजार के आकर्षक रिटर्न के साथ-साथ कंपाउंडिंग का भी भरपूर लाभ मिलता है। आज हम यहां कुछ ऐसी कंपनियों के शेयरों के बारे में जानेंगे, जो जुलाई 2024 में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के पसंदीदा शेयर हैं।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि लंबी अवधि में म्यूचुअल फंड्स एसआईपी निवेशकों को औसतन 12 प्रतिशत का रिटर्न देता है। हालांकि, इसमें उतार-चढ़ाव भी देखने को मिल सकता है। म्यूचुअल फंड एसआईपी में सिर्फ 500 रुपये से निवेश शुरू किया जा सकता है।
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