देश के म्यूचुअल फंड हाउस के असेट अंडर मैनेजमेंट (प्रबंधन अधीन संपत्ति या एयूएम) में पिछले कुछ सालों से हुई अच्छी वृद्धि के बाद फंड हाउसों ने नए फंडों की पेशकश की है।
म्यूचुअल फंड कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में करीब 33 लाख नए फोलियो जोड़े हैं। इससे जून अंत तक कुल फोलियो की संख्या सर्वकालिक उच्च स्तर 7.46 करोड़ पर पहुंच गई।
अब आपको म्यूचुअल फंडों में निवेश करने के लिए किसी वेबसाइट या एजेंट की जरूरत नहीं रह गई है। आप फेसबुक मैसेंजर के जरिए भी म्यूचुअल फंडों में निवेश कर सकते हैं। भारत की प्रमुख स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी एचडीएफसी सिक्योरिटीज एशिया पैसिफिक क्षेत्र में फेसबुक मैसेंजर पर अपने वर्चुअल असिस्टेंट आर्या के माध्यम से म्यूचुअल फंड ट्रांजैक्शन शुरू करने वाला पहला ब्रोकर बन गया है।
भारत-22 एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के लिए सरकार को निवेशकों से 15,436 करोड़ रुपए की बोली मिली है। यह जुटाई जाने वाली राशि के दोगुना से भी अधिक है।
म्यूचुअल फंड के प्रति निवेशकों का आकर्षण बढ़ रहा है और ऐसे निवेशक खातों (फोलियो) की संख्या एक महीने में ही आठ लाख से अधिक बढ़कर अप्रैल 2018 के अंत में 7.22 करोड़ हो गई। वित्त वर्ष 2017-18 में 1.6 करोड़ निवेशक खाते तथा 2016-17 में 67 लाख खाते खुले।
निवेशकों ने अप्रैल महीने में इक्विटी म्यूचुअल फंडों में 12,400 करोड़ रुपए का भारी निवेश किया है। इस तरह उनके प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (AUM) रिकॉर्ड 8 लाख करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गई हैं।
निवेशकों ने अप्रैल महीने में म्यूचुअल फंड योजनाओं में 1.4 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है। इससे म्यूचुअल फंड कंपनियों के प्रबंधन के तहत प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति (AUM) बढ़कर 23.25 करोड़ रुपए पर पहुंच गयी, जो कि पिछले महीने से 9 प्रतिशत अधिक है।
SBI के जिन मौजूदा योजनाओं में बदलाव किया गया है , उनमें - मैगनम इक्विटी फंड , मैगनम मल्टीप्लायर फंड , इमर्जिंग बिजनेस फंड , एफएमसीजी फंड , आईटी फंड , फार्मा फंड और कॉर्पोरेट बांड फंड शामिल है
म्यूचुअल फंड से मार्च महीने में निवेशकों ने 50,000 करोड़ रुपए की निकासी की। एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के अनुसार लिक्विड और डेट फंडों से माह के दौरान बड़ी राशि निकाली गई।
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) से निवेशकों का बाहर निकलना जारी है। वित्त वर्ष 2017-18 में निवेशकों ने Gold ETF से 835 करोड़ रुपए और निकाले। इस तरह यह लगातार पांचवां वित्त वर्ष रहा जबकि Gold ETF में कुल मिला कर निवेश से ज्यादा निकासी हुई है।
हर तरह की म्युचूअल फंड योजनाओं का अतिरिक्त शुल्क 0.20 प्रतिशत से घटाकर 0.05 प्रतिशत किया जाएगा, इससे म्युचूअल फंड खरीदना सस्ता होगा
31 मार्च यानि कि मौजूदा वित्त वर्ष का अंत करीब आने वाला है। इस समय ज्यादातर वेतन भोगी टैक्स सेविंग के लिए निवेश की जल्दबाजी में होंगे। अक्सर लोग जीवन बीमा या फिर बैंक एफडी जैसे पुराने टैक्स सेविंग विकल्पों में निवेश करते हैं जो कि मौजूदा जरूरत
आज हम आपको बताएंगे कि म्यूचुअल फंड के यूनिटों को भुनाकर आप अपने पैसे कैसे निकाल सकते हैं। तरीका आसान है, मुश्किल नहीं।
खुदरा निवेशक म्यूचुअल फंडों में निवेश के लिए सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (सिप) को तरजीह दे रहे हैं। इसी वजह से दिसंबर, 2017 में म्यूचुअल फंडों ने 6,200 करोड़ रुपए से अधिक जुटाए हैं।
आइए, आज जानते हैं कि उन म्यूचुअल फंडों का चयन कैसे किया जाए जो आपको कम जोखिम में अच्छा रिटर्न दे सकते हैं। दरअसल, म्यूचुअल फंडों के चयन का कुछ पैमाना है। आज हम उन्हीं के बारे में जानेंगे।
2017 में बेहतरीन रिटर्न देने वाले फंडों में एसबीआई स्मॉल और मिडकैप फंड पहले स्थान पर रहा। इसने जनवरी से अबतक 80 फीसदी का रिटर्न दिया है जबकि इसके बेंचमार्क इंडेक्स एसएंडपी बीएसई स्मॉल कैप इंडेक्स ने इसी अवधि के दौरान 59 फीसदी का रिटर्न दिया।
कई म्यूचुअल फंड कंपनियां ऑनलाइन निवेश के लिए डायरेक्ट प्लान प्लांस पेश कर रही हैं, वहीं कुछ बड़े फंड मैनेजर्स भी आपको एक ही स्थान पर सभी निवेश विकल्प ऑनलाइन मुहैया करवा रहे हैं। इंडिया टीवी पैसा की टीम आज आपको बताने जा रही है इन्हीं तरीकों के
म्यूचुअल फंडों को लेकर भारत में निवेशकों का रुझान तेजी से बढ़ता जा रहा है। निवेशकों ने नवंबर महीने में म्यूचुअल फंड में 1.26 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है।
नवंबर अंत में कुल सक्रिय डीमैट खातों की संख्या 3,03,02,586 दर्ज की गई है। अकेले नवंबर में ही 3,92,880 ने लोगों ने डीमैट खाते खुलवाए हैं
निवेशकों ने अक्टूबर महीने में म्यूचुअल फंड योजनाओं में 51,000 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
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