छोटो निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड बेहतर विकल्प होता है। पिछले 5 वर्षों में तमाम उतार-चढ़ाव के बावजूद कई म्यूचुअल फंड ने शानदार रिटर्न दिया है।
डेली सिप वैसे निवेशकों के लिए बेहतर हो सकता है जो किसी कारोबार में हैं या किसी ऐसे पेशे में हैं जिसमें हर दिन आय होती है।
म्यूचुअल फंड ट्रैकिंग फर्म वैल्यू रिसर्च की एक ताजा रिपोर्ट के अुनसार, टेक्नोलॉजी या आईटी सेक्टर के फंडों ने 2021 में औसतन 67 फीसदी रिटर्न दिया।
व्हाइट ओक कैपिटल ने नियामक मंजूरी की खातिर इक्विटी म्युचुअल फंड पेशकश दस्तावेज दाखिल किए हैं।
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पिछले पांच साल में सिप एयूएम में सालाना आधार पर 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो म्यूचुअल फंड उद्योग के कुल संपत्ति आधार की वृद्धि का दोगुना है।
फ्रैंकलिन टेम्पलटन ने 23 अप्रैल, 2020 को अपनी छह डेट म्यूचुअल फंड योजनाओं को यह कहते हुए बंद करने की घोषणा की थी कि उसके ऊपर रिडम्पशन दबाव है और बांड मार्केट में तरलता की कमी है।
ऊंचे मूल्यांकन की वजह से भी कुछ निवेशक अभी बाजार में निवेश से कतरा रहे हैं।
इक्विटी म्यूचुअल फंड के एसेट अंडर मैनजमेंट सितंबर के अंत तक बढ़कर 12.8 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गईं। जून के अंत तक यह 11.1 लाख करोड़ रुपये थीं।
इक्विटी फंड्स को यदि आप 12 महीने तक या इससे अधिक अवधि के लिए होल्ड रखते हैं तो इसे लॉन्ग टर्म इनवमेंट माना जाता है।
आज इंडिया टीवी पैसा की टीम आपके लिए म्यूचुअल फंड से जुड़ी पूरी जानकारी लेकर आया है। यहां आपको म्यूचअल फंड में निवेश की शुरुआत करने से लेकर सभी जानकारियां आसानी से मिल जाएंगी।
आईबीएचएफएल ने एक नियामकीय सूचना में कहा है, ‘‘इसी समझौते पर आगे भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने नौ सितंबर 2021 को भेजे एक संदेश पत्र में सौदे को मंजूरी दे दी।’’
इक्विटी योजनाओं में जून में शुद्ध रूप से 5,988 करोड़ रुपये, मई में 10,083 करोड़ रुपये, अप्रैल में 3,437 करोड़ रुपये और मार्च में 9,115 करोड़ रुपये का निवेश आया था।
फ्रंटलाइन कैपिटल सर्विसेस, विजमार्केट्स एनालिटिक्स, यूनीफाई कैपिटल, अलकेमी कैपिटल मैनेजमेंट और हीलिओस कैपिटल मैनेजमेंट भी म्यूचुअल फंड कारोबार में प्रवेश करने की योजना बना रही हैं।
आप म्यूचुअल फंड का यूनिट भुनाना चाहते हैं तो यह काम काम किसी भी बिजनेस डे को आप इसकी प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।
जुलाई अंत तक म्यूचुअल फंड उद्योग के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (एयूएम) 35.32 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गईं, जो जून के अंत तक 33.67 लाख करोड़ रुपये थीं।
मौजूदा नियमों के तहत नई फंड पेशकश (एनएफओ) के तहत जुटाई जाने वाली राशि का एक प्रतिशत अथवा 50 लाख रुपये जो भी कम हो, निवेश करने की जरूरत होती है।
ब्रोकरेज कंपनियों ने पिछले साल अप्रैल से 31 मई 2021 तक हर महीने औसतन 13 लाख नए डीमैट खाते खोले हैं।
अगली किस्त के तहत एसबीआई यूनिटधारकों के खातों में कुल मिलाकर 2489 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर रहा है। एसबीआई एमएफ पहले ही निवेशकों को 12,084 करोड़ रुपए वितरित कर चुकी है
म्यूचुअल फंड इकाइयों के फोलियो का कुल आंकड़ा 9.78 करोड़ पर पहुंच गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि चालू वित्त वर्ष में भी म्यूचुअल फंड उद्योग के फोलियो में वृद्धि का सिलसिला जारी रहेगा।
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