आप अब म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए अपने वीज़ा डेबिट कार्ड से ट्रांजैक्शन लिमिट तय कर सकते हैं और उसे करेक्ट भी कर सकते हैं।
अपॉर्च्युनिटीज फंड उन कंपनियों में निवेश करता है जो किसी न्यूज के कारण गिरावट के दौर में हैं या गिरावट के करीब हैं। कुछ समय बाद हालात बदलने से उस कंपनी में अच्छी तेजी आती है, जिससे निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिलता है।
आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में बॉन्ड म्यूचुअल फंड से 25,872 करोड़ रुपये की निकासी हुई, जबकि इससे पिछले महीने इसमें 61,440 करोड़ रुपये डाले गए थे।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के एक सर्कुलर के मुताबिक, डीमैट या म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों के लिए नॉमिनी की डिटेल डालनी जरूरी है।
एडवाइजर खोज के को-फाउंडर द्वैपायन बोस कहते हैं कि लार्ज कैप फंडों में निवेश अच्छा आइडिया है क्योंकि ये फंड ट्रैक रिकॉर्ड, मजबूत बिजनेस मॉडल और अच्छी ग्रोथ योजना वाली बड़ी कंपनियों में निवेश करते हैं।
जब आप म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) में एसआईपी के जरिये निवेश करते हैं, तो आपको मार्केट के समय के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं पड़ती है।
मंथली एसआईपी आपके कई बड़े वित्तीय लक्ष्य को पूरा करने में मददगार साबित हो सकता है. आप चाहें तो करोड़पति भी बन सकते हैं.
हाइब्रिड फंड इक्विटी और डेट दोनों को बेहद आकर्षक बनाता है। इसलिए, इक्विटी और डेट का संयोजन निवेशकों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है।
Passive Funds: निवेश की दुनिया में हर रोज कुछ ना कुछ नया आम निवेशक के सामने आता रहता है। इन दिनों पैसिव फंड में पैसा लगाने की चर्चा काफी हो रही है। बड़े निवेशक पैसा लगाना भी शुरू कर दिए हैं। आइए इसके बारे में जानते हैं।
आप म्यूचुअल फंड का यूनिट भुनाना चाहते हैं तो यह काम काम किसी भी बिजनेस डे को आप इसकी प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।
Higher Return: पैसों को अलग-अलग स्कीम में निवेश कर इसे बढ़ाना ही एक बेहतर निवेदक की पहचान है। नए लोगों के लिए निवेश कर इसके जरिए प्रॉफिट कमा पाना काफी मुश्किल होता है। बैंक FD और म्यूचुअल फंड में से किसमें निवेश बेहतर है?
म्यूचुअल फंड निवेश में दूसरी जो बात गौर करने वाली है वह यह है कि कोई फंड हाउस कितनी अच्छी तरह जोखिम का प्रबंधन करता है।
Why Small Cap Funds: स्मॉल कैप फंड में निवेश बढ़ने के पीछे एक गणित है। अगर आप समझ गए तो आप भी अपना पैसा इसी फंड में लगाएंगे।
जून में एसआईपी के जरिये इक्विटी फंड में कुल 14,734 करोड़ रुपये का निवेश किया गया जबकि मई में यह आंकड़ा 14,749 करोड़ रुपये था।
आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में 1.43 करोड़ एसआईपी बंद किए गए या परिपक्व हो गए। यह संख्या वित्त वर्ष 2021-22 में 1.11 करोड़ एसपीआई की थी।
आंकड़ों के अनुसार, बीते वित्त वर्ष में नई योजनाओं के जरिये म्यूचुअल फंड उद्योग ने 62,342 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 42 प्रतिशत कम है।
वर्तमान में म्यूचुअल फंड में लगभग 6.36 करोड़ एसआईपी खाते हैं, जिनके माध्यम से निवेशक नियमित रूप से म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश करते हैं।
मार्च महीने में देश की करीब 10 बड़ी म्यूचुअल फंड कंपनियों ने कई नए स्टाॅक्स में पैसा लगाएं हैं।
इस फाइनेंशियल ईयर में अगर आप भी निवेश कर बेहतर रिटर्न लेने की उम्मीद में है तो HDFC MF Schemes एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है। किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले सभी डॉक्यूमेंट्स को ध्यान से पढ़ें। जानें HDFC MF Schemes में निवेश से जुड़ी सभी जानकारी।
दूसरी ओर 55 प्रतिशत सक्रिय प्रबंधकों ने इस अवधि में सूचकांक से कमतर प्रदर्शन किया। इसके अलावा, 2022 में एसएंडपी बीएसई छह प्रतिशत बढ़ा और 77 प्रतिशत भारतीय ईएलएसएस (इक्विटी से जुड़ी बचत योजनाएं) फंड ने सूचकांक को कमतर प्रदर्शन किया। एसएंडपी ‘इंडेक्स वर्सेज एक्टिव फंड इंडिया स्कोरकार्ड’ के अनुसार, 2022 में इंडियन कम्पोजि
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