Mutual Fund में SIP ने नवंबर में एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। सबसे ज्यादा निवेश स्मॉल और मिड कैप कैटेगरी में हुआ है।
Mutual Fund: लंपसम और एसआईपी म्यूचुअल फंड में निवेश करने के दो पॉपुलर तरीके हैं। आइए जानते हैं कि इनमें से कौन-सा तरीका बेस्ट हैं और क्या फायदे और नुकसान हैं।
Thematic funds ने एक ज्यादा रिस्क वाले फंड्स माने जाते हैं। 2023 के जनवरी से अक्टूबर अंत तक Thematic फंड्स में 22,871 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। कई थीम बेस्ड फंड्स ने मिडकैप, स्मॉलकैप और लार्जकैप म्यूचुअल फंड्स से ज्यादा रिटर्न दिया है।
Mutual Funds में लंबी अवधि के नजरिए से निवेश करना अच्छा माना जाता है, लेकिन निवेश करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, जो कि हम इस आर्टिकल में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
Mutual Funds: बच्चों के नाम पर आप आसानी से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। हालांकि, इससे होने वाली इनकम को माता-पिता की इनकम में जोड़ा जाता है।
सितंबर 2023 तिमाही में एफपीआई ने सेकेंडरी मार्केट में करीब 2.4 अरब डॉलर की इक्विटी खरीदी। एफपीआई ने वित्तीय, विद्युत उपयोगिताओं और आईटी सेवाओं के स्टॉक खरीदे और पूंजीगत सामान और परिवहन स्टॉक बेचे। सितंबर तिमाही में डीआईआई ने लगभग 5.1 बिलियन डॉलर की इक्विटी खरीदी।
SIP की शुरुआत करने से पहले कुछ बातों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए। इससे आपको बेहतर रिटर्न पाने में मदद मिलेगी।
म्यूचुअल फंड की मल्टी एसेट एलोकेशन में निवेशकों का आकर्षण तेजी से बढ़ा है। यह एक ऐसी स्कीम है जिसने लगातार बाजार के हर चक्र और अन्य परिसंपत्तियों में निवेश कर निवेशकों को बेहतर रिटर्न दिया है।
वित्तीय लक्ष्य पाने के लिए बहुत जरूरी है कि आप सही तरीके से निवेश करें। बहुत सारे लोग सिप तो कर रहे हैं लेकिन मनचाहा रिटर्न नहीं मिल पा रहा है। इसकी वजह क्या है? सही प्लानिंग की कमी।
इजरायल हमास के बीच चल रहे संघर्ष के जल्द समाप्त होने का कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं। ऐसे में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ गई हैं और यदि कमोडिटी की कीमतें बढ़ती रहती हैं, तो सोने की भी कीमतें बढ़ जाएंगी। इसलिए निवेशकों को शॉर्ट टर्म स्टेबिलिटी के साथ-साथ लॉन्ग टर्म में बेहतर रिटर्न के लिए अच्छे एसेट फंड में निवेश करना चाहिए।
Mutual Fund Tips: म्यूचुअल फंड में एसआईपी के जरिए आप बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं। इसके कुछ टिप्स हम अपने इस आर्टिकल में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
म्यूचुअल फंड पर बेहतर रिटर्न पाने के लिए जरूरी है कि सही फंड का चुनाव किया जाए। हालांकि, बहुत सारे निवेशक सही फंड का चुनाव नहीं कर पाते हैं और बाद में मायूस हो जाते हैं। इसलिए किसी भी फंड में निवेश से पहले उसका रिकॉर्ड जरूर चेक करें। ऐसा कर आप सही रिटर्न ले पाएंगे।
Types of SIP: एसआईपी के भी 7 प्रकार होते हैं। अगर आप भी एसआईपी शुरू करने जा रहे हैं तो इन्हें अच्छे से समझ लेना चाहिए।
रिटायरमेंट प्लानिंग में आप म्यूचुअल फंड्स को भी शामिल कर सकते हैं। बाजार में कई रिटायरमेंट केंद्रित म्यूचुअल फंड मौजूद हैं जो कि आपकी कैपिटल को सेफ रखने के साथ बाजार का भी फायदा देते हैं।
40:40:20 रूल एक ऐसा नियम है जिसकी मदद से आप उतार-चढ़ाव भरे बाजार में भी अपने निवेश पर रिटर्न कमाने के साथ अपनी कैपिटल को भी सेफ रख सकते हैं।
Regular vs Direct Mutual Fund: म्यूचुअल फंड स्कीम दो प्रकार की होती हैं। पहला - रेगुलर म्यूचुअल फंड और दूसरा - डायरेक्ट म्यूचुअल फंड। किसी भी प्रकार का निवेश करने से पहले इन दोनों की बारीकियों को समझ लेना चाहिए।
Zerodha की ओर से एक म्यूचुअल फंड स्कीम का ऐलान किया गया है। इसका सब्सक्रिप्शन 10 नवंबर तक खुला रहेगा। जीरोधा का एनएफओ ऐसे समय पर आया जब निवेशकों का रुझान म्यूचुअल फंड्स की ओर से बढ़ रहा है।
Power of compounding: म्यूचुअल फंड्स में सही प्लानिंग के साथ अगर लंबे समय के लिए निवेश किया जाए तो आप अपने निवेश पर काफी अच्छा रिटर्न कमा सकते हैं। आज हम एक ऐसे ही म्यूचुअल फंड स्कीम के बारे में बता रहे हैं, जिसने एक दशक में अपने निवेशकों का धन पांच गुना किया है।
मल्टी एसेट म्यूचुअल फंड वे होते हैं जो अपनी पूंजी को इक्विटी, डेट और कमोडिटी जैसे कई एसेट क्लास में निवेश करते हैं। यह फंड बाजार में उतार-चढ़ाव के समय निवेशकों को सही रिटर्न दिलान में मदद करता है। साथ ही निवेश पर जोखिम भी कम करता है। इसलिए लंबी अवधि में यह स्कीम शानदार रिटर्न देता है।
आप अब म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए अपने वीज़ा डेबिट कार्ड से ट्रांजैक्शन लिमिट तय कर सकते हैं और उसे करेक्ट भी कर सकते हैं।
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