देश के कई बैंक म्यूचुअल फंड के बदले 10 से 15 प्रतिशत की ब्याज दरों पर लोन मुहैया कराते हैं। बताते चलें कि अगर आपके पास इक्विटी म्यूचुअल फंड है तो आप उसकी वैल्यू का 50 प्रतिशत मार्जिन गिरवी रखना पड़ेगा।
कोटक महिंद्रा एएमसी के नेशनल हेड (सेल्स, मार्केटिंग और डिजिटल बिजनेस) मनीष मेहता ने कहा, ‘‘ एसआईपी (सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) और एनएफओ (न्यू फंड ऑफरिंग) के फ्लो के साथ नेट फ्लो लगातार उत्साहजनक बना हुआ है। एनएफओ के कारण स्कीम्स की थीमैटिक कैटेगरी में मजबूत फ्लो देखा गया।
लंबी अवधि में मोटा पैसा बनाने के लिए म्यूचुअल फंड एसआईपी को एक शानदार विकल्प माना जाता है। यहां हम जानेंगे कि 5,000 रुपये की एसआईपी से कैसे 2.63 करोड़ रुपये का फंड तैयार हो सकता है और इसमें कितना समय लगेगा।
लॉन्ग टर्म में मोटा पैसा बनाने में एसआईपी काफी मदद कर सकता है। यहां हम जानेंगे कि 20 साल के लिए अगर 10,000 रुपये की एसआईपी की जाए तो कितने रुपये मिलेंगे।
99 प्रतिशत म्यूचुल फंड इन्वेस्टर्स कोई शोध नहीं करते हैं और अपने दांव लगाने के लिए एक समूह के रूप में कार्य करते हैं, जिसके जोखिम भरे नतीजे सामने आ सकते हैं।
एसआईपी के जरिए ज्यादा से ज्यादा पैसा बनाने के लिए आपको ज्यादा से ज्यादा समय के लिए निवेश जारी रखना चाहिए। एसआईपी में कंपाउंडिंग का जबरदस्त फायदा मिलता है और ये फायदा तभी उठाया जा सकता है जब आप इसे लंबे समय तक जारी रखें।
यह फंड इक्विटी या फिक्स्ड इनकम में शून्य से 100 फीसदी तक निवेश करता है। फंड का फिलहाल लार्जकैप में 77.6 फीसदी निवेश है जबकि मिडकैप में 13.1 और स्माल कैप में 9.4 फीसदी का निवेश है।
कंपांउडिंग की असली ताकत देखनी हो तो म्यूचुअल फंड में ज्यादा से ज्यादा समय के लिए निवेश जारी रखना चाहिए। 5,000 रुपये की एसआईपी से कम समय में 10 करोड़ रुपये का फंड बनाने के लिए आपको स्टेप-अप फॉर्मूला का इस्तेमाल करना होगा।
म्यूचुअल फंड्स की कई कैटेगरी होती हैं और वैल्यू फंड भी उन्हीं कैटेगरी में से एक है। वैल्यू फंड उन फंड्स को कहा जाता है, जिसके तहत म्यूचुअल फंड्स कंपनियां उन कंपनियों के शेयरों में निवेश करती हैं, जिनकी वैल्यूएशन कम होती हैं।
म्यूचुअल फंड एसआईपी के जरिए अगर आप एक बड़ी राशि निवेश करते हैं और हर साल उसमें बढ़ोतरी (स्टेप-अप) करते हैं तो एक समय ऐसा आ जाता है जब आपकी संपत्ति में हर साल 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की बढ़ोतरी होने लगती है।
पैसिव फंडों में निवेश तेजी से बढ़ रहा है। इन फंडों के तहत पिछले तीन वर्षों में निवेशकों का निवेश 182 फीसदी बढ़कर लगभग 10 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
अगर किसी व्यक्ति की उम्र 40 के आसपास हो गई है और वह इस उम्र में भी निवेश शुरू करे तो रिटायरमेंट से पहले ही करोड़पति बन सकता है। 40 की उम्र में निवेश शुरू कर रिटायरमेंट से पहले करोड़पति बनने के लिए 15x15x15 का फॉर्मूला आपकी मदद करेगा।
तीन साल में इसका रिटर्न सीएजीआर 27.28 फीसदी रहा है। 10 हजार का निवेश 20,645 रुपये हो गया है जो दोगुना से भी ज्यादा है।
यहां हम बाजार पूंजीकरण यानी लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप में म्यूचुअल फंड स्म के बारे में बता रहे हैं, जिसने पिछले तीन वर्षों में प्रत्येक श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।
इस फंड ने एक साल में 10 हजार रुपये को 14,819 रुपये बना दिया है। पांच साल में यह रकम 19,971 रुपये हो गई है। यह फंड एग्जिट लोड स्ट्रक्चर भी प्रदान करता है।
यह जानना जरूरी है कि म्यूचुअल फंड स्कीम के पिछले रिटर्न उसके भविष्य के रिटर्न की गारंटी नहीं देते हैं। किसी भी फंड में निवेश करने से पहले ऑफर से जुड़े दस्तावेज़ों को ध्यान से पढ़ें और निर्णय लेने से पहले सेबी-पंजीकृत निवेश सलाहकार से बात करें।
म्यूचुअल फंड्स में निवेशकों को बाजार के आकर्षक रिटर्न के साथ-साथ कंपाउंडिंग का भी भरपूर लाभ मिलता है। आज हम यहां कुछ ऐसी कंपनियों के शेयरों के बारे में जानेंगे, जो जुलाई 2024 में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के पसंदीदा शेयर हैं।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया म्यूचुअल फंड ने इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट इंडिया में 3.92 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर 1.51 करोड़ शेयर खरीदे हैं। वहीं नॉर्गेस बैंक- गवर्नमेंट पेंशन फंड ग्लोबल और फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड ने इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट इंडिया के 99.41 लाख शेयर खरीदे हैं।
सिप के जरिये म्यूचुअल फंड में हमेशा लंबी अवधि के लिए निवेश करें। ऐसा कर आप कंपाउंडिंग का भरपूर फायदा ले पाएंगे।
एलआईसी म्यूचुअल फंड ने जुलाई 2023 में 133 करोड़ रुपये में आईडीबीआई म्यूचुअल फंड का अधिग्रहण किया था। रवि कुमार झा ने बिजनेस बढ़ाने के लिए कंपनी का प्लान बताते हुए कहा कि वे एक फंड हाउस पर विचार कर रहे हैं और फंड हाउस खरीदने के लिए कंपनी के पास पैसों की कोई समस्या नहीं है।
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