एनपीएस और म्यूचुअल फंड के बीच चुनाव वित्तीय उद्देश्यों को देखते हुए करना चाहिए। एनपीएस वित्तीय सुरक्षा और टैक्स छूट का लाभ देता है। वहीं, म्यूचुअल फंड उच्च जोखिम, लंबी अवधि में बड़ा फंड और बड़े लक्ष्य को पाने में मदद करता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2023-24 के दौरान एसजीबी से जुटाई गई कुल राशि 27,031 करोड़ रुपये (44.34 टन) है। पिछले वित्त वर्ष में एसजीबी को चार चरणों में जारी किया गया था।
म्यूचुअल फंड कंपनी पैसे के प्रबंधन के लिए कुछ तय शुल्क वसूल करती हैं, जिनमें एक एग्जिट लोड भी शामिल है। यह चार्ज कंपनियां तब लगाती हैं जब निवेशक स्कीम से बाहर निकल रहा होता है। एग्जिट लोड चार्ज तब भी देना होता है, जब आप म्यूचुअल फंड यूनिट बेचते समय नुकसान में भी क्यों न हों।
अगर आप प्रति माह 5,000 रुपये का निवेश करेंगे तो 26 साल (317 महीने) से थोड़ा अधिक समय में 1 करोड़ रुपये बचा लेंगे। अगर आप हर महीने 7,500 रुपये यानी अपने वेतन का 30% निवेश करते हैं, तो आप 23 साल या 276 महीनों में 1 करोड़ रुपये बचा लेंगे।
बहुत सारे एसआईपी निवेशकों की शिकायत रहती है कि उसने सिप में निवेश किया लेकिन मनचाहा रिटर्न नहीं मिला। अगर आप भी उनमें शामिल हैं तो कुछ बातों का ख्याल रखकर शानदार रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
सुंदरम मल्टी कैप फंड अक्टूबर 2000 में आम निवेशकों के लिए लॉन्च किया गया था। फंड का प्रबंधन दो फंड मैनेजर- सुधीर केडिया और रतीश बी वारियर करते हैं। यह स्कीम कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स और फाइनेंस पर ओवरवेट है।
जब आप विभिन्न श्रेणी में निवेश करते हैं तो आपकी रिस्क भी कम हो जाती है। जैसे कि अगर आप तीन स्कीम्स में निवेश करने का सोच रहे हैं तो लार्ज कैप स्कीम का चयन करें। उसके बाद मल्टी या मिड कैप को चुनें।
जैसे-जैसे म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या बढ़ी है, उसी अनुपात में गलती करने वाले बढ़े हैं। इसके चलते निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
प्राइम डाटाबेस ग्रुप के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया ने कहा कि भारतीय बाजार ‘आत्मनिर्भरता’ की ओर बढ़ रहा है और अगली कुछ तिमाहियों में डीआईआई की हिस्सेदारी एफपीआई से आगे निकल जाएगी।
छोटे निवेशकों के बीच म्यूचुअल फंड तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इसकी वजह एमएफ पर मिलने वाला तगड़ा रिटर्न है। आज हम तीन ऐसे ही म्यूचुअल फंड स्कीम के बारे में बता रहे हैं, जिसने निवेशकों को लखपति से करोड़पति बनाया है।
How to check KYC status online : 'ऑन होल्ड' केवाईसी स्टेटस के कारण आवश्यक दस्तावेज जमा होने तक सभी वित्तीय और कुछ गैर-वित्तीय ट्रांजेक्शंस नहीं कर पाएंगे। इसका मतलब यह होगा कि एसआईपी लेनदेन, रिडेम्पशन लेनदेन आदि प्रभावित होंगे।
जब कोई ब्रोकर या निवेशक गोपनीय जानकारी के आधार पर किसी कारोबार में शामिल होता है, उसे ‘फ्रंट रनिंग’ कहते हैं। यह ऐसी संवेदनशील जानकारी होती है, जिससे शेयर की कीमत प्रभावित होती है।
Mutual Fund: म्यूचुअल फंड कंपनी की ओर से काटे जाने वाला चार्जेस को लेकर आपको हमेशा पूरी जानकारी होनी चाहिए।
वित्त वर्ष 2023-24 में स्मॉल-कैप फंड में 40,188 करोड़ रुपये का प्रवाह देखा गया, जो पिछले वित्त वर्ष में दर्ज 22,103 करोड़ रुपये से कहीं अधिक है।
Best mutual funds: पिछले कुछ वर्षों में भारतीय शेयर बाजार ने निवेशकों को काफी अच्छा रिटर्न दिया है। इसका असर म्यूचुअल फंड रिटर्न पर भी देखने को मिला है।
अगर आप Mutual Fund में निवेश करते हैं तो निवेश को लेकर स्पष्टता होनी चाहिए। पहले आपको तय करना होगा कि निवेश का मकसद क्या है, कितने समय के लिए और कितना निवेश करना है।
मार्च, 2024 में एसआईपी खातों की संख्या 8.4 करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। पिछले सात वर्षों में एसआईपी से म्यूचुअल फंड योगदान में चार गुना से अधिक की वृद्धि देखी गई है।
फ्लैक्सी कैप म्युचूअल फंड्स ने पिछले कुछ समय में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। क्वांट फ्लैक्सी कैप म्युचूअल फंड ने बीते तीन वर्षों में निवेशकों को सबसे अच्छा रिटर्न दिया है।
छोटे निवेशकों द्वारा पसंदीदा एसआईपी, मासिक आधार पर या नियमित अंतराल पर म्यूचुअल फंड योजनाओं में एक निश्चित राशि निवेश किया जाता है। एसआईपी का एक प्रमुख लाभ यह है कि यह निवेशकों को बाजार गिरने पर पर अधिक यूनिट्स खरीदने और तेज होने पर कम इकाइयां खरीदने में सक्षम बनाता है।
नए वित्त वर्ष की 1 अप्रैल 2024 से शुरुआत हो गई है। इसके साथ ही टैक्स, फास्टैग, बीमा, म्यूचुअल फंड्स सहित कई चीजों में आज से नए नियम भी लागू हो गए हैं। इन सभी में अब आपको नए प्रावधानों का पालन करना होगा।
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