म्यूचुअल फंड्स की कई कैटेगरी होती हैं और वैल्यू फंड भी उन्हीं कैटेगरी में से एक है। वैल्यू फंड उन फंड्स को कहा जाता है, जिसके तहत म्यूचुअल फंड्स कंपनियां उन कंपनियों के शेयरों में निवेश करती हैं, जिनकी वैल्यूएशन कम होती हैं।
म्यूचुअल फंड एसआईपी के जरिए अगर आप एक बड़ी राशि निवेश करते हैं और हर साल उसमें बढ़ोतरी (स्टेप-अप) करते हैं तो एक समय ऐसा आ जाता है जब आपकी संपत्ति में हर साल 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की बढ़ोतरी होने लगती है।
पैसिव फंडों में निवेश तेजी से बढ़ रहा है। इन फंडों के तहत पिछले तीन वर्षों में निवेशकों का निवेश 182 फीसदी बढ़कर लगभग 10 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
अगर किसी व्यक्ति की उम्र 40 के आसपास हो गई है और वह इस उम्र में भी निवेश शुरू करे तो रिटायरमेंट से पहले ही करोड़पति बन सकता है। 40 की उम्र में निवेश शुरू कर रिटायरमेंट से पहले करोड़पति बनने के लिए 15x15x15 का फॉर्मूला आपकी मदद करेगा।
तीन साल में इसका रिटर्न सीएजीआर 27.28 फीसदी रहा है। 10 हजार का निवेश 20,645 रुपये हो गया है जो दोगुना से भी ज्यादा है।
यहां हम बाजार पूंजीकरण यानी लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप में म्यूचुअल फंड स्म के बारे में बता रहे हैं, जिसने पिछले तीन वर्षों में प्रत्येक श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।
इस फंड ने एक साल में 10 हजार रुपये को 14,819 रुपये बना दिया है। पांच साल में यह रकम 19,971 रुपये हो गई है। यह फंड एग्जिट लोड स्ट्रक्चर भी प्रदान करता है।
यह जानना जरूरी है कि म्यूचुअल फंड स्कीम के पिछले रिटर्न उसके भविष्य के रिटर्न की गारंटी नहीं देते हैं। किसी भी फंड में निवेश करने से पहले ऑफर से जुड़े दस्तावेज़ों को ध्यान से पढ़ें और निर्णय लेने से पहले सेबी-पंजीकृत निवेश सलाहकार से बात करें।
म्यूचुअल फंड्स में निवेशकों को बाजार के आकर्षक रिटर्न के साथ-साथ कंपाउंडिंग का भी भरपूर लाभ मिलता है। आज हम यहां कुछ ऐसी कंपनियों के शेयरों के बारे में जानेंगे, जो जुलाई 2024 में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के पसंदीदा शेयर हैं।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया म्यूचुअल फंड ने इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट इंडिया में 3.92 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर 1.51 करोड़ शेयर खरीदे हैं। वहीं नॉर्गेस बैंक- गवर्नमेंट पेंशन फंड ग्लोबल और फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड ने इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट इंडिया के 99.41 लाख शेयर खरीदे हैं।
सिप के जरिये म्यूचुअल फंड में हमेशा लंबी अवधि के लिए निवेश करें। ऐसा कर आप कंपाउंडिंग का भरपूर फायदा ले पाएंगे।
एलआईसी म्यूचुअल फंड ने जुलाई 2023 में 133 करोड़ रुपये में आईडीबीआई म्यूचुअल फंड का अधिग्रहण किया था। रवि कुमार झा ने बिजनेस बढ़ाने के लिए कंपनी का प्लान बताते हुए कहा कि वे एक फंड हाउस पर विचार कर रहे हैं और फंड हाउस खरीदने के लिए कंपनी के पास पैसों की कोई समस्या नहीं है।
पिछले एक साल में करीब 201 म्यूचुअल फंड ने एनपीएस योजनाओं द्वारा दिए जाने वाले औसत रिटर्न से कम रिटर्न दिया है। पिछले एक साल में एनपीएस योजनाओं ने करीब 35.81% का औसत रिटर्न दिया है।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि लंबी अवधि में म्यूचुअल फंड्स एसआईपी निवेशकों को औसतन 12 प्रतिशत का रिटर्न देता है। हालांकि, इसमें उतार-चढ़ाव भी देखने को मिल सकता है। म्यूचुअल फंड एसआईपी में सिर्फ 500 रुपये से निवेश शुरू किया जा सकता है।
इंडस्ट्री के डाटा के मुताबिक इन्वेस्को इंडिया फोकस्ड फंड, महिंद्रा मनुलाइफ फोकस्ड फंड, जेएम फोकस्ड फंड और एचडीएफसी फोकस्ड 30 फंड जैसे कुछ फोकस्ड फंड्स ने पिछले साल 40-60 प्रतिशत तक का भारी-भरकम रिटर्न दिया है।
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिए निवेश लगातार बढ़ने के कारण एसआईपी एयूएम बढ़कर 13,09,385.46 करोड़ रुपये हो गया है। यह एसआईपी एयूएम का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
रेगुलर प्लान वाली म्यूचुअल फंड स्कीम्स का एक्सपेंस रेशो ज्यादा होता है। ज्यादा एक्सपेंस रेशो का निवेशकों के ओवरऑल रिटर्न पर प्रभाव पड़ता है क्योंकि फंड हाउस, डिस्ट्रिब्यूटर या एजेंट को दी जाने वाली फीस को निवेशकों पर डाल देता है।
एसआईपी में आए रिकॉर्ड निवेश की बदौलत जुलाई में म्यूचुअल फंड्स का कुल AUM भी 6 प्रतिशत बढ़कर 64.69 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो जून में 60.89 लाख करोड़ रुपये था।
लंबी अवधि में बड़ा कॉर्पस तैयार करने के लिए म्यूचुअल फंड को इसलिए सबसे प्रभावशाली इंवेस्टमेंट टूल माना जाता है क्योंकि इसके जरिए आपको न सिर्फ बाजार के आकर्षक रिटर्न मिलते हैं बल्कि इसमें आपको कंपाउंडिंग का भी जबरदस्त फायदा मिलता है।
क्रिएडोर ने 1,649.94 रुपये प्रति शेयर के औसत भाव पर 23,90,503 शेयरों की बिक्री है, जिससे इस डील की कुल वैल्यू 394.42 करोड़ रुपये हो गई। क्रिएडोर द्वारा शेयर बेचे जाने के बाद कोटक महिंद्रा म्यूचुअल फंड ने कंपनी के लाखों शेयर खरीद लिए।
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