एचडीएफसी डिफेंस फंड का मौजूदा एनएवी 21.33 रुपये और इसका मौजूदा फंड साइज 3996.82 करोड़ रुपये है। बताते चलें कि ये फंड डिफेंस सेक्टर की अलग-अलग कंपनियों में निवेश करती है।
म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले निवेशकों की रैंकिंग में उत्तर प्रदेश छठे स्थान पर है। उत्तर प्रदेश से 3,23,200 करोड़ रुपये का निवेश आया। वहीं, बिहार इस लिस्ट में 16वें स्थान पर है।
म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते समय आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना होगा कि इसमें शेयर बाजार का जोखिम शामिल है। अगर शेयर बाजार में लगातार लंबे समय तक गिरावट चलती है तो इसका सीधा असर आपके कॉर्पस पर पड़ेगा।
शेयर में निवेशक ज्यादा रिटर्न के लिए पैसा लगाते हैं। हालांकि, कई म्यूचुअल फंड स्कीम ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। अगर आप सही फंड का चुनाव कर लेते हैं तो आसानी से अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
म्यूचुअल फंड निवेश न सिर्फ आपको बाजार की जोखिम से बचाता है, बल्कि आपको शानदार रिटर्न भी देता है। इस रिटर्न को आप कुछ बातों का ख्याल रखकर और बढ़ा भी सकते हैं।
आनंद राठी वेल्थ के डिप्टी सीईओ फिरोज अजीज ने कहा कि ये शानदार ग्रोथ इन फंड्स में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी को दर्शाती है। वर्तमान में, बाजार में सिर्फ 16 बिजनेस साइकल से जुड़े फंड्स हैं, जिनमें से सिर्फ 3 फंड्स ने 3 साल का समय पूरा किया है।
वर्तमान में, बाजार में केवल 16 कारोबारी चक्र से संबंधित फंड्स हैं, जिनमें से केवल तीन ने तीन साल का कार्यकाल पूरा किया है। इस श्रेणी की प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (एयूएम) सितंबर, 2021 के 17,238 करोड़ रुपये से दोगुना से अधिक होकर 37,487 करोड़ रुपये हो गई हैं।
म्यूचुअल फंड में निवेश पर आपको एफडी के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिलता है। हालांकि, इसके लिए जरूरी है कि आप बाजार में जमे रहें।
आज हम आपको 8-4-3 इन्वेस्टमेंट रूल बता रहे हैं। यह रूल हर म्यूचुअल फंड निवेश को जरूर जानना चाहिए। इससे बड़ा फंड बनाने में आपको मदद मिलेगी और आप सही तरीके से निवेश कर मैक्सिमम रिटर्न ले पाएंगे।
सालाना आधार पर 2023 में निफ्टी 100 टीआरआई का रिटर्न 21 फीसदी रहा है जबकि निफ्टी मिडकैप 150 टीआरआई का रिटर्न 45 फीसदी रहा है। निफ्टी स्मॉलकैप 250 टीआरआी का रिटर्न 49 पर्सेंट रहा है।
फाइनेंशियल एक्सपर्ट का कहना है कि बिना सोचे समझे किसी भी NFO में पैसा लगाना सही नहीं है। निवेश से पहले कुछ जानकारी जरूर जुटानी चाहिए।
वेल्थ एडवाइजर अक्सर सुझाव देते हैं कि सेक्टोरल/थीमैटिक फंड जोखिम भरे होते हैं और किसी को अपने पोर्टफोलियो का केवल एक छोटा हिस्सा ही उनमें लगाना चाहिए।
SIP ने इतनी लोकप्रियता हासिल कर ली है कि कुछ म्यूचुअल फंड हाउस अब सिर्फ 250 रुपये प्रति माह पर माइक्रो SIP शुरू कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, LIC MF ने हाल ही में दैनिक SIP की न्यूनतम सीमा को 300 रुपये से घटाकर 100 रुपये करने की घोषणा की है।
भारत 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। इसके चलते दुनियाभर के निवेशकों का रुझान भारत की ओर बढ़ा है। इससे भारतीय बाजार में तेजी बनी हुई है। इसका फायदा छोटे निवेशक म्यूचुअल फंड के जरिये उठा सकते हैं।
जब बाजार ऊंचाई पर होते हैं, तो फंड में इक्विटी अच्छा रिटर्न देता है, जबकि डेट स्थिरता प्रदान करता है। ये फंड इक्विटी के माध्यम से लंबे समय में बेहतर रिटर्न और डेट के माध्यम से स्थिरता और नियमित इनकम देने में मदद करते हैं।
अगर आप आरडी खाता चलाना चाहते हैं तो देश के किसी भी बैंक या डाकघर आरडी अकाउंट खुलवाया जा सकता है। डाकघर 5 साल की आरडी पर 6.7 प्रतिशत का सालाना ब्याज दे रहा है।
इस फंड में निवेश के जरिए, निवेशक कैपिटल गुड्स, केमिकल्स, रियल एस्टेट और टेक्सटाइल जैसे सेक्टर में एक्सपोजर हासिल कर सकते हैं, जिनका निफ्टी 50 इंडेक्स में या तो बहुत कम प्रतिनिधित्व है या वे इंडेक्स में मौजूद ही नहीं हैं।
सिप से करोड़पति बनना मुश्किल नहीं है। आप छोटी रकम बचा कर पैसे वाले बन सकते हैं। हालांकि, इसके लिए आपको धैर्य रखना होगा। अगर ऐसा नहीं करेंगे तो फिर मोटा रिटर्न नहीं ले पाएंगे।
अगर किसी ने 25 साल तक इस स्कीम में सिर्फ 2000 रुपये का मासिक SIP किया होता, तो उसका फंड 1,03,71,769 रुपये हो जाता, जिसमें से 6,00,000 रुपये निवेश की गई राशि होती।
अगर आप 25 साल के लिए 9.5 प्रतिशत की ब्याज दर से 60 लाख रुपये का होम लोन ले रहे हैं तो आपको हर महीने करीब 52,422 रुपये की EMI चुकानी होगी।
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