शेयर बाजारों में आए तेज उछाल से कंपनियां वित्त वर्ष 2021-22 में 3.17 करोड़ निवेशक खाते जोड़ने में सफल रहीं।
म्यूचुअल फंड यूनिट्स के बदले लोन लेने के लिए आपको बैंक या एनबीएफसी के साथ लोन एग्रीमेंट करना होता है। लोन की रकम के बदले आपकी म्यूचुअल फंड की यूनिट गिरवी रखी जाती हैं।
बीते वित्त वर्ष 2021-22 में इक्विटी से जुड़े कोषों में 1.64 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आया है।
इक्विटी म्यूचुअल फंड में मार्च महीने में शुद्ध रूप से 28,463 करोड़ रुपये का निवेश आया।
इंडिया टीवी पैसा की टीम ऐसे जरूरी काम की चेकलिस्ट लेकर आई है, जिन्हें आपको मार्च खत्म होने से पहले निपटाना ही होगा।
हम आपको यहां ऐसे 5 स्मॉल-कैप शेयरों की सूची दे रहे हैं जिसमें म्यूचुअल फंडों ने बीते तीन महीने के दौरान निवेश किया है। ऐसे में अगर आपके पास ये शेयर हैं तो बेहतर रिटर्न कमाने का मौका मिल सकता है।
एम्फी के बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, यह आंकड़ा जनवरी, 2022 में 14,888 करोड़ रुपये और दिसंबर, 2021 में 25,077 रुपये था।
आप म्यूचुअल फंड का यूनिट भुनाना चाहते हैं तो यह काम काम किसी भी बिजनेस डे को आप इसकी प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।
इक्विटी फंड्स को यदि आप 12 महीने तक या इससे अधिक अवधि के लिए होल्ड रखते हैं तो इसे लॉन्ग टर्म इनवमेंट माना जाता है।
इस कैलकुलेशन के हिसाब से 15 प्रतिशत के अनुमानित रिटर्न के साथ हर माह 15 हजार रुपये का निवेश करने पर कुल जमा राशि 27 लाख रुपये होगी और इस पर 74 लाख रुपये से ज्यादा का रिटर्न प्राप्त होगा
आइए जानते हैं कि म्यूचुअल फंड निवेश के मामले में बच्चे के व्यस्क होने के बाद आपको क्या प्रक्रिया अपनानी चाहिए।
छोटो निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड बेहतर विकल्प होता है। पिछले 5 वर्षों में तमाम उतार-चढ़ाव के बावजूद कई म्यूचुअल फंड ने शानदार रिटर्न दिया है।
फाइनेंशियल एक्सपर्ट का कहना है कि अगर कोई निवेशक 25 वर्ष की आयु में ही निवेश शुरू करता है तो वह आसानी से 50 की उम्र में 11 करोड़ रुपये का मालिक बन सकता है।
बीते कुछ वर्षों में शेयर बाजार और इसके अन्य उपकरणों में निवेश करने वालों की संख्या बढ़ी है। इसका एक कारण भारतीय शेयर बाजारों द्वारा दिया गया रिकॉर्ड रिटर्न है।
डेली सिप वैसे निवेशकों के लिए बेहतर हो सकता है जो किसी कारोबार में हैं या किसी ऐसे पेशे में हैं जिसमें हर दिन आय होती है।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में बड़ी गिरावट को देखकर म्यूचुअल फंड निवेशकों को घबराना नहीं चाहिए। अपने सिप को चालू रखना चाहिए। वहीं, अगर बाजार में बड़ी गिरावट आ गई और अब रिकवरी आने की बात विशेषज्ञ कर रहे हैं तो आप एकमुश्त रकम निवेश कर सकते हैं।
म्यूचुअल फंड ट्रैकिंग फर्म वैल्यू रिसर्च की एक ताजा रिपोर्ट के अुनसार, टेक्नोलॉजी या आईटी सेक्टर के फंडों ने 2021 में औसतन 67 फीसदी रिटर्न दिया।
व्हाइट ओक कैपिटल ने नियामक मंजूरी की खातिर इक्विटी म्युचुअल फंड पेशकश दस्तावेज दाखिल किए हैं।
इंडिया टीवी पैसा की टीम आपके लिए म्यूचुअल फंड से जुड़ी पूरी जानकारी लेकर आई है।
म्यूचुअल फंड नियमन में संशोधन के तहत सेबी कोष के लिये वित्त वर्ष 2023-24 से भारतीय लेखा मानकों (इंडिया एएस) का अनुकरण करने को अनिवार्य बनाएगा।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़