Mutual Fund Updates: किसी भी कंपनी को अपना म्यूचुअल फंड प्लान शुरू करने के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से अंतिम मंजूरी लेनी होती है। इसके बिना संचालन करना संभव नहीं होता है।
अपने रिटायर्मेंट प्लान और लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बहुत से लोग SIP म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। अगर आप भी ऐसे किसी फंड में निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो कुछ बातों को ध्यान में रख लीजिए।
आमतौर पर निवेशक टैक्स की बचत करने के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। इसमें निवेश करते समय कुछ लोग बाजार की टाइमिंग, जोखिक और एक्सपेंस रेश्यो के ऊपर ध्यान नहीं देते हैं। टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड से लंबे समय के लिए निवेश कर अच्छा रिटर्न ले सकते हैं।
म्यूचुअल फंड और स्टॉक्स में निवेश करने के बाद लोग इस पर नजर बनाकर रखना चाहते हैं। इसके लिए ज्यादातर लोग हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर जानकारी लेते हैं। वहीं दूसरी तरफ कई ऐप्स और वेबसाइट्स उपलब्ध हैं, जिसके जरिए एक ही स्थान पर स्टॉक म्यूचुअल फंड को ट्रैक कर सकते हैं।
आंकड़ों से पता चलता है कि बीते साल कोष प्रबंधकों ने निश्चित आय की श्रेणी पर ध्यान केंद्रित किया। पिछले साल की तुलना में 2022 में निश्चित आय की एनएफओ की संख्या दोगुना हो गई।
Mutual Funds: दो तरह के फंड होते हैं। पहला एक्टिव म्यूचुअल फंड और दूसरा पैसिव म्यूचुअल फंड। दूसरे वाले फंड को हम इंडेक्स फंड भी कहते हैं। इंडेक्स फंड में कोई फंड मैनेजर नहीं होता, इसलिए आपको बाकी फंड की तरह ब्रोकर का चार्ज नहीं देना पड़ता। ये नए निवेशकों के लिए काफी फायदेमंद है।
सही समय पर बगैर जानकारी होने की वजह से म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करने के बाद कई बार लोगों को निराशाएं मिलती है। अगर आप भी इसमें निवेश करने जा रहे हैं तो मुख्य तौर पर इन चार बातों का ख्याल जरूर रखें। इससे आप ज्यादा ब्याज दर के साथ मुनाफा कमा सकते हैं।
ज्यादातर लोग पैसे को सेविंग अकाउंट में जमा कर रखते हैं। वहीं दूसरी तरफ म्यूचुअल फंड की और भी कई लोग समय के साथ बढ़ रहे हैं। इसमें निवेश करने से पहले लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं। कितने वर्ष तक निवेश करें कि इससे आगे चलकर बढ़िया रिटर्न मिल सके इसके बारे में जरूर जान लें।
अगर आप टैक्स छूट पाने के लिए एफडी में निवेश करते हैं तो कम से कम आपको 5 साल के लिए निवेश करना होगा।
Good News for Mutual Fund Investor: म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों के लिए एक अच्छी खबर आई है। अभी तक म्युचुअल फंड इकाइयां निवेशकों को उनके बैंक खाते में पैसा यूनिट भुनाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद तीन दिन के भीतर भेजती हैं। यह नियम अब बदल जाएगा।
आपके पास होम लोन और म्यूचुअल फंड एसआईपी है। इस स्थिति में आपको किसे बढ़ाना चाहिए? आपके होम लोन पर ईएमआई या एसआईपी राशि? आइए जानते हैं।
अगर आप विदेशी बाजारों में पेसा लगाने वाले म्यूचुअल फंड का रिकॉर्ड देखें तो कई फंड्स का रिकॉर्ड बहुत अच्छा है। कुछ गोल्ड और कमोडिटी-लिंक्ड फंड्स से 50 से 70 फीसदी तक रिटर्न मिला है।
आज के समय में म्यूचुअल फंड में कई बड़े निवेशक भी इन्वेस्ट कर रहे हैं। अगर आप भी नए साल में बेहतर रिटर्न के लिए निवेश प्लान की तलाश कर रहे हैं तो यह एक शानदार विकल्प हो सकता है। आइए इसके बारे में पूरी डिटेल जानकारी लेते हैं।
वर्ल्ड बैंक ने अगले साल मंदी आने की चेतावनी दी है। ऐसे में अगर आप अपने बेहतर भविष्य के लिए सही निवेश की तलाश कर रहे हैं तो SIP एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है। चलिए आज आपको निवेश करने के पूरा प्रोसेस के बारे में बताते हैं।
सेंसेक्स सालाना आधार पर (25 दिसंबर तक) सिर्फ 1.12 प्रतिशत ऊपर है, लेकिन अभी भी यह दुनिया का सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला बड़ा बाजार है।
म्यूचुअल फंड में निवेश करना हमेशा एक बेहतर निवेश के रूप में देखा जाता है, क्योंकि इसमें जोखिम की संभावनाएं कम होती है, और एक्सपर्ट के मुताबिक, रिटर्न अधिक मिलता है। यहां डायरेक्ट म्यूचुअल फंड स्कीम के बारे में जानिए।
SIP में निवेश करने वालों के लिए खुशखबरी है। हाल ही में जारी की गई एक रिपोर्ट से पता चला है कि इस स्कीम से निवेशक से लेकर कंपनियां तक मालामाल हो रही हैं।
Mutual Funds Investing: SIP में निवेश करने के बारे में कई बार हम जैसे आम निवेशक सोचते हैं और निवेश करते भी हैं। ऐसे में हमें Top Up SIP के बारे में सबकुछ जान लेना चाहिए। यह तरीका हमें कई तरह का फायदा देता है।
अगर आप एक म्यूचुअल फंड यूनिट धारक है तो आपको अब कुछ बातों का ध्यान रखना होगा, वरना आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। SEBI ने नई गाइडलाइन जारी की है।
साधारण भाषा में SIP का मतलब ये है कि हर महीने आपके एकाउंट से एक निश्चित राशि एक फिक्स तारीख को निकलेगी और आपके द्वारा चुने गए mutual fund में ऑटोमेटिक जमा हो जाएगी। और दूसरी तरफ आप lumpsum में अपने हिसाब से पैसे लगाते हैं।
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