म्यूचुअल फंड/आरटीए से मिले कम्यूनिकेशन/अलर्ट की समीक्षा करें। जरूरतों के मुताबिक कार्य करें, अगर आपके फोलियो में कोई संदेहजनक लेनदेन/परिवर्तन हुआ है तो रिपोर्ट करें।
संदीप टंडन के स्वामित्व वाली इस म्यूचुअल फंड के पास ₹93,000 करोड़ की प्रबंधनाधीन संपत्ति (एयूएम) है और इस पर फ्रंट-रनिंग का संदेह है। दो ठिकानों- मुंबई और हैदराबाद- पर सेबी ने तलाशी ली गई है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक यूजर ने सोशल मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया कि ग्रो ऐप ने पैसे लेने के बावजूद म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश नहीं किया। साथ ही दावा किया कि ग्रो ने एक गलत फ़ोलियो नंबर बनाया जो वास्तव में मौजूद नहीं था।
अगर कोई व्यक्ति किसी म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए पेटीएम प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहा है, तो न्यूनतम दैनिक SIP राशि 21 रुपये है। वहीं एक दिन के लिए अधिकतम निवेश 1001 रुपये है। कई फंड ऐप और प्लेटफॉर्म हैं जिन्होंने न्यूनतम दैनिक SIP निवेश राशि 100 रुपये है।
बाजार नियामक ने कहा कि सूचीबद्ध कंपनियों या आरटीए द्वारा ‘नामांकन का विकल्प’ न देने की वजह से फिलहाल रोके जा चुके भुगतान को भी अब निपटाया जा सकेगा।
एम्फी ने सोमवार को जारी आंकड़ो में बताया कि यह इक्विटी फंड में शुद्ध निवेश का लगातार 39वां महीना है। इसके अलावा, व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) से मासिक योगदान बढ़कर मई में 20,904 करोड़ रुपये हो गया, जो अप्रैल में 20,371 करोड़ रुपये था।
कुछ निवेशक जो अधिक ऑटोमेटेड और उच्च-रिटर्न चाहते हैं, साथ ही ज्यादा रिस्क लेने को तैयार हैं, उन्हें स्मार्ट SIP उपयुक्त लग सकता है। स्मार्ट SIP बाज़ार की स्थितियों के आधार पर आपके निवेश की राशि को समायोजित करने के लिए एल्गोरिदम का उपयोग करते हैं।
फाइनेंशियल एक्सपर्ट का कहना है कि 18x15x12 फॉर्मूला का उपयोग करते समय महंगाई, जोखिम और पोर्टफोलियों का रीबैलेंसिंग का ख्याल रखना जरूरी है।
एनपीएस और म्यूचुअल फंड के बीच चुनाव वित्तीय उद्देश्यों को देखते हुए करना चाहिए। एनपीएस वित्तीय सुरक्षा और टैक्स छूट का लाभ देता है। वहीं, म्यूचुअल फंड उच्च जोखिम, लंबी अवधि में बड़ा फंड और बड़े लक्ष्य को पाने में मदद करता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2023-24 के दौरान एसजीबी से जुटाई गई कुल राशि 27,031 करोड़ रुपये (44.34 टन) है। पिछले वित्त वर्ष में एसजीबी को चार चरणों में जारी किया गया था।
म्यूचुअल फंड कंपनी पैसे के प्रबंधन के लिए कुछ तय शुल्क वसूल करती हैं, जिनमें एक एग्जिट लोड भी शामिल है। यह चार्ज कंपनियां तब लगाती हैं जब निवेशक स्कीम से बाहर निकल रहा होता है। एग्जिट लोड चार्ज तब भी देना होता है, जब आप म्यूचुअल फंड यूनिट बेचते समय नुकसान में भी क्यों न हों।
अगर आप प्रति माह 5,000 रुपये का निवेश करेंगे तो 26 साल (317 महीने) से थोड़ा अधिक समय में 1 करोड़ रुपये बचा लेंगे। अगर आप हर महीने 7,500 रुपये यानी अपने वेतन का 30% निवेश करते हैं, तो आप 23 साल या 276 महीनों में 1 करोड़ रुपये बचा लेंगे।
बहुत सारे एसआईपी निवेशकों की शिकायत रहती है कि उसने सिप में निवेश किया लेकिन मनचाहा रिटर्न नहीं मिला। अगर आप भी उनमें शामिल हैं तो कुछ बातों का ख्याल रखकर शानदार रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
सुंदरम मल्टी कैप फंड अक्टूबर 2000 में आम निवेशकों के लिए लॉन्च किया गया था। फंड का प्रबंधन दो फंड मैनेजर- सुधीर केडिया और रतीश बी वारियर करते हैं। यह स्कीम कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स और फाइनेंस पर ओवरवेट है।
जब आप विभिन्न श्रेणी में निवेश करते हैं तो आपकी रिस्क भी कम हो जाती है। जैसे कि अगर आप तीन स्कीम्स में निवेश करने का सोच रहे हैं तो लार्ज कैप स्कीम का चयन करें। उसके बाद मल्टी या मिड कैप को चुनें।
जैसे-जैसे म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या बढ़ी है, उसी अनुपात में गलती करने वाले बढ़े हैं। इसके चलते निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
प्राइम डाटाबेस ग्रुप के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया ने कहा कि भारतीय बाजार ‘आत्मनिर्भरता’ की ओर बढ़ रहा है और अगली कुछ तिमाहियों में डीआईआई की हिस्सेदारी एफपीआई से आगे निकल जाएगी।
छोटे निवेशकों के बीच म्यूचुअल फंड तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इसकी वजह एमएफ पर मिलने वाला तगड़ा रिटर्न है। आज हम तीन ऐसे ही म्यूचुअल फंड स्कीम के बारे में बता रहे हैं, जिसने निवेशकों को लखपति से करोड़पति बनाया है।
How to check KYC status online : 'ऑन होल्ड' केवाईसी स्टेटस के कारण आवश्यक दस्तावेज जमा होने तक सभी वित्तीय और कुछ गैर-वित्तीय ट्रांजेक्शंस नहीं कर पाएंगे। इसका मतलब यह होगा कि एसआईपी लेनदेन, रिडेम्पशन लेनदेन आदि प्रभावित होंगे।
जब कोई ब्रोकर या निवेशक गोपनीय जानकारी के आधार पर किसी कारोबार में शामिल होता है, उसे ‘फ्रंट रनिंग’ कहते हैं। यह ऐसी संवेदनशील जानकारी होती है, जिससे शेयर की कीमत प्रभावित होती है।
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