संविधान के अनुच्छेद 14 के हिसाब से हम सब लोग एक समान हैं। कई ऐसे अनुच्छेद हैं जो जाति, धर्म, भाषा के नाम पर भेदभाव करने से रोकता है। समानता, समन अवसर और समान अधिकार भारतीय संविधान की आत्मा है। दो दिन पहले यही बात इलहाबाद हाईकोर्ट ने भी कही है, जिससे देश में नए सिविल कोड को लेकर बहस छिड़ गई है। वहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि समान नागरिक संहिता किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं होगी। देखिए कुरुक्षेत्र सौरव शर्मा के साथ।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने क्यों छेड़ा शरिया कोर्ट का शिगूफा ?
India TV chairman & Editor-in-Chief Rajat Sharma along with his team of leading India TV anchors are grilling the political big-wheelers at the mega conclave.
Triple Talaq Bill set to be introduced in the Parliament
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