नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन ने सरकार के महात्वाकांक्षी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने के लिए तेजी से काम शुरू कर दिया है।
मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड ट्रेन कॉरीडोर अगले छह साल में बनकर तैयार होगा और इस ट्रेन का किराया हवाई जहाज के किराये से भी कम होगा।
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर राकेश मोहन ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को बेकार तथा धन की बर्बादी करार दिया है।
दूसरी बुलेट ट्रेन दिल्ली-वाराणसी के बीच चलेगी। इसके बाद दिल्ली से वाराणसी की 782 किलोमीटर की दूरी महज दो घंटे 40 मिनट में यात्री तय कर सकेंगे।
रेल मंत्रालय ने पहली बुलेट ट्रेन का किराया वातानुकूलित प्रथम श्रेणी के वर्तमान किराए से डेढ़ गुना ज्यादा रखने का प्रस्ताव दिया है।
मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलने वाली देश की पहली बुलेट ट्रेन का सफर यात्रियों के लिए बहुत रोमांचकारी होगा। यह ट्रेन समुद्र के नीचे बनी सुरंग से गुजरेगी।
बुलेट ट्रेन शुरू करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए रेलवे ने मुंबई-अहमदाबाद के बीच प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारने के लिए एक विशेष कंपनी (एसपीवी) स्थापित की है।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढि़या की अध्यक्षता में समिति गठित की है।
जमीन अधिग्रहण और लोगों को परेशानी से बचाने के लिए प्रस्तावित मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन को खंभों पर चलाई जा सकती है। हालांकि इससे खर्चा बढ़ जाएगा।
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