समाजवादी पार्टी ने विधान परिषद के लिए 16 सीटों पर 12 यादव उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जहां आने वाले हफ्तों में चुनाव होने हैं। सपा ने युवाओं पर अपना दांव लगाया है, जिसमें लगभग 50 प्रतिशत उम्मीदवार पहली बार आए हैं।
2017 में शिवपाल सिंह यादव की ऐतिहासिक जीत हुई थी। शिवपाल को 1 लाख 26 हजार 834 वोट मिले थे। बीजेपी उम्मीदवार मनीष यादव पात्रे को 74 हजार 218 वोट मिले थे। बीएसपी उम्मीदवार दुर्वेश कुमार शाक्य को 24 हजार 509 वोट हासिल हुए थे।
मैनपुरी से लोकसभा सदस्य यादव ने जौनपुर में कहा कि गरीबों के लिए कोई विशेष सुविधा नहीं है, शिक्षित युवा बेरोजगार हैं।
अपनी फर्नीचर की दुकान शुरू करने वाले ज्ञानी जैल सिंह ने कहा, धीरे-धीरे मैं अपना कारोबार भी बढ़ाना चाहता हूं।
आरएसएस के पदाधिकारी इसे मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 'जनजागरण अभियान' का नाम दे रहे हैं। उल्लेखनीय है कि गोरखपुर क्षेत्र के 62 विधानसभा क्षेत्रों में 27,647 बूथ हैं जहां आरएसएस के 'ग्राम प्रमुखों' और अन्य कार्यकर्ताओं की सक्रियता बढ़ी है।
मुलायम सिंह यादव ने कहा कि देश के युवा बेरोजगार हैं, उनको नौकरी मिलनी चाहिए। योगी सरकार ये नहीं कर रही है। मैं विश्वास दिलाता हूं कि राज्य में सपा सरकार बनेगी तो युवाओं को नौकरी का इंतजाम किया जाएगा। नौजवानों को नौकरी मिलेगी, मैं विश्वास दिलाता हूं कि नौजवानों को नौकरी का इंजाम किया जाएगा।
समाजवादी पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए शिवपाल सिंह यादव को जसवंतनगर सीट से सपा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) गठबंधन का उम्मीदवार घोषित किया। मौजूदा समय में जसवंत नगर विधानसभा क्षेत्र से शिवपाल सिंह यादव विधायक भी हैं।
नेताजी को बाहर आता देख स्मृति ईरानी उनके पैर छूती हैं। मुलायम सिंह यादव ने भी स्मृति ईरानी के सिर पर हाथ रखकर उन्हें आशीर्वाद दिया। अब ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
उत्तर प्रदेश में सियासी दंगल जारी है। ऐसे में नेताओं का भी दल-बदल जारी है। हाल ही में मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई थीं। यहां उन्होंने हर मुद्दे पर बेबाकी से राय रखी।
सपा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में अपने प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए पहली लिस्ट तैयार कर ली है। सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव और अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत 30 प्रचारकों के नाम इस सूची में हैं।
अपर्णा यादव ने हाल ही में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। बीजेपी की सदस्यता लेने के बाद बाद लखनऊ आने पर शुक्रवार को उन्होंने अपने ससुर मुलायमसिंह यादव से आर्शीवाद लिया। हालांकि इसके कई मायने निकाले जा सकते हैं।
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को झटका लगा है। मुलायम सिंह यादव के साढू प्रमोद गुप्ता ने बीजेपी जॉइन कर ली है। प्रमोद ने बताया कि अखिलेश ने समाजवादी विचारधारा को किनारे कर दिया है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी इस बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। पार्टी सूत्रों ने न्यूज़ एजेंसी ANI को बताया कि इस बार समाजवादी पार्टी की तरफ से अखिलेश यादव भी चुनाव मैदान में नज़र आएंगे।
अपर्णा यादव आज 10 बजे दिल्ली में बीजेपी ज्वाइन करेंगी। अपर्णा यादव ने 2017 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर लखनऊ कैंट से चुनाव लड़ा था लेकिन वो रीता बहुगुणा जोशी से हार गई थीं।
नंदी गौशाला में शुक्रवार को चार गायें मृत मिली थी, जिनका पोस्टमॉर्टम करवाया गया है। आरोप है कि गायों की मौत प्रधान और पंचायत सचिव की लापरवाही के कारण हुई है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव चुनाव प्रचार कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने कहा कि उनके सपने में भगवान कृष्ण आए थे।
जहां एक तरफ कांग्रेस फोटो वायरके बाद समाजवादी पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए नजर आ रही है तो वहीं मोहन भागवत और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की तस्वीर को लेकर सपा के वरिष्ठ नेता और सांसद एसटी हसन ने कांग्रेस को कड़ा जवाब दिया।
मुलायम सिंह यादव ने कहा, ''आपने हमारा जन्मदिन मनाया है, स्वागत किया है उसके लिए आभारी रहूंगा। आपको विश्वास दिलाता हूं कि जो आशा हमसे करते हो, वह आशा पूरी करके रहूंगा।''
इटावा जिले के सैफई गांव में 22 नवंबर, 1939 को जन्मे मुलायम सिंह यादव ने शुरुआती जीवन शिक्षक के रूप में शुरू किया और 1967 में पहली बार विधानसभा के सदस्य चुने गये। वह 1977 में रामनरेश यादव के नेतृत्व वाली जनता पार्टी की प्रदेश सरकार में पहली बार मंत्री बने। 1989 में वह पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और 1996 में मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीतने के बाद संयुक्त मोर्चा नीत केंद्र सरकार में वह रक्षा मंत्री भी बने।
अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा कार्यकर्ता 22 नवंबर को सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन को प्रत्येक जनपद में सादगी से मनाएंगे। इस दौरान नेताजी के जीवन संघर्ष एवं समाजवादी विचारधारा के लिए सतत प्रतिबद्धता के विषय में परिचर्चा का भी आयोजन किया जाएगा।
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