उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के पहले से चाचा शिवपाल सिंह यादव और भतीजे अखिलेश यादव की राहें जुदा हो गई थीं, लेकिन अब मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद दोनों एकसाथ आते हुए दिख रहे हैं।
कई लोगों का मानना है कि मुलायम सिंह के निधन के बाद डिंपल यादव जनता की सहानुभूति के चलते उनकी परंपरा को बरकरार रखेंगी। मैनपुरी उपचुनाव के लिए पांच दिसंबर को मतदान और 8 दिसंबर को मतगणना होगी।
सपा नेता धमेंद्र यादव का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह पूर्व यूपी सीएम मुलायम सिंह यादव को याद करके रोते हुए दिख रहे हैं। ये वीडियो मैनपुरी की एक पब्लिक रैली का है, जिसमें धमेंद्र यादव भावुक हो गए और फफक-फफक कर रोने लगे।
अखिलेश यादव ने मैनपुरी उपचुनाव के लिए लिए अपनी पत्नी को मैदान में उतारा है। डिंपल और अखिलेश को अब चाचा शिवपाल सिंह का भी साथ मिल गया है। चाचा शिवपाल ने डिंपल को चुनाव में विजयी बनाने की अपील की। साथ ही बीजेपी की आलोचना की।अखिलेश यादव ने मैनपुरी उपचुनाव के लिए लिए अपनी पत्नी को मैदान में उतारा है। डिंपल और अखिलेश को अ
उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के लिए 5 दिसंबर को वोटिंग होगी और 8 दिसंबर को मतगणना के बाद परिणामों का ऐलान होगा। बता दें कि सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव 10 अक्टूबर को निधन के बाद यह सीट खाली हो गई थी। जिसके बाद चुनाव आयोग यहां उपचुनाव करा रहा है।
मैनपुरी उपचुनाव से पहले चाचा शिवपाल यादव और अखिलेश यादव ने ट्विटर पर तस्वीर जारी की है। इस तस्वीर में यादव परिवार की एकजुटता को दर्शाया गया है। अखिलेश ने अपने चाचा का साथ मिलने की बात कही। कुछ घंटों बाद चाचा शिवपाल की ओर से भी ट्विटर पर वही तस्वीर जारी की गई।
समाजवादी पार्टी के गठन के बाद से मैनपुरी में ये पहला चुनाव होगा जब मुलायम सिंह नहीं होंगे। अखिलेश यादव के लिए यही सबसे बड़ी चनौती होगी क्योंकि वो पहले ही आजमगढ़ और रामपुर में उप चुनाव हार चुके हैं।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की याद में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में एक कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। इस प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान के दर्जनों पहलवान हिस्सा लेने जा रहे हैं।
Prateek Yadav: संगम तट पर प्रतीक यादव ने संवाददाताओं से कहा, आज पूरा देश मेरे पिता मुलायम सिंह यादव को याद कर रहा है। नेता जी की सियासी विरासत बहुत बड़ी है जिसे अखिलेश भैया आगे बढ़ा रहे हैं।
Sonia Gandhi: यह वाकया साल 1999 का है जब सोनिया गांधी नई-नई कांग्रेस अध्यक्ष बनी थीं। उस साल 17 अप्रैल को जब अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार ने लोकसभा में विश्वासमत खो दिया तब सोनिया ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था।
Mulayam Singh Asthi Visarjan: मुलायम सिंह के निधन के बाद अखिलेश यादव को शिवपाल यादव ने संबल दिया। अलग-अलग राजनीतिक राह पर चलने वाले चाचा-भतीजा (शिवपाल यादव और अखिलेश यादव) दुख के इस मौके पर एक दूसरे के साथ खड़े नजर आए।
Mulayam Singh: एक वीडियो में अखिलेश यादव से शिवपाल सिंह यादव कुछ कहते हुए दिखाई दे रहे हैं और परिवार के सदस्य विमान में बैठने से पहले आपस में गुफ्तगू करते देखे गए। दुख के इस मौके पर अलग-अलग राजनीतिक राह पर चलने वाले चाचा-भतीजा (शिवपाल सिंह यादव-अखिलेश यादव) एक दूसरे के साथ खड़े नजर आए।
Bihar Political News: तेजप्रताप यादव ने अपने किए हुए वादे के मुताबीक शनिवार को RJD ऑफिस में मुलायम सिंह यादव की तस्वीर लगाई और ट्वीटर पर शेयर भी किया।
UP Politics: यूपी की राजनीति यादव कुनबे के इर्द गिर्द घूमती है। यहां बीजेपी के बाद यदि कोई सबसे बड़ी पार्टी है तो वो समाजवादी पार्टी ही है। लेकिन मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद अब ऐसा कोई यादव परिवार का सदस्य नहीं बचा है, जो लोकसभा में सांसद हो। अखिलेश यादव ने भी कुछ माह पहले सांसद का पद छोड़ दिया था।
नीतीश कुमार बीजेपी से अलग होकर अब राजद के साथ सरकार बना चुके हैं। वहीं दूसरी ओर अब उन्होंने बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को लामबंद करने का प्रयास भी शुरू कर दिया। इसके लिए वह तमाम विपक्षी दलों के नेताओं से मिल रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अखिलेश और शिवपाल सिंह यादव फिर एकसाथ आएंगे?
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता आईपी सिंह ने स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव के लिए भारत रत्न की मांग की है। आईपी सिंह ने इसके लिए देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने मांग की है कि धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए।
शिवपाल यादव ने सैफई में कहा, "यह कोई निर्णय लेने का समय नहीं है। फिलहाल हम यह तय करने की स्थिति में नहीं हैं कि मुझे क्या करना है और क्या नहीं।" बदली हुई परिस्थितियों में अपनी भूमिका के बारे में लगातार पूछे गए सवालों के जवाब में उन्होंने कहा, ''देखते हैं (मुझे) क्या जिम्मेदारी दी जाती है।''
Mulayam Singh Yadav: मुलायम सिंह का अंतिम संस्कार मंगलवार को सैफई के मेला ग्राउंड में हुआ। उनके अंतिम संस्कार को लेकर मंच तैयार करने के लिए यहां रुक-रुक कर हो रही बूंदाबांदी के बीच कई लोग और मशीनें रात भर काम करती रहीं।
Mulayam Singh Yadav: धरतीपुत्र के नाम से विख्यात मुलायम सिंह ने अपने गांव में अंतिम संस्कार की इच्छा रही होगी इसलिए लाखों की भीड़ के बीच नेताजी के अंतिम संस्कार रीतिरिवाज से किया गया।
मुलायम सिंह यादव उस पीढ़ी के नेता थे जो अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से सीधा जुड़ाव रखते थे।
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