जम्मू एवं कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में 3 दशक बाद मुहर्रम का जुलूस निकाला गया और पूरा कार्यक्रम शांतिपूर्व संपन्न हुआ।
Muharram 2023: इस्लामिक कैंलेडर का पहला महीना महीना मुहर्रम आज से शुरू हो रहा है। मुसलमान इस महीने को मातम के तौर पर मनाते हैं। कहते हैं कि इसी दिन पैगबंर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की शहादत हुई थी।
Rajasthan News: अधिकारियों ने बताया कि पलटन मस्जिद के आखिरी ताजियों का जुलूस शहर के हाथीपोल इलाके में संकरी गलियों से गुजर रहा था। तभी 25 फुट ऊंचे एक ताजिये के ऊपरी हिस्से में मामूली आग लग गई।
Muharram News: मुहर्रम के इस जुलूस में डीजे पर संगीत भी बजाया जा रहा था जिसका दूसरे समुदाय के लोगो ने विरोध किया था।
Karnataka News: उत्तरी कर्नाटक के कई गांवों में भी यह परंपरा है जहां मुस्लिम और हिंदू मिलकर रस्मी तौर पर मुहर्रम मनाते हैं। इसे धार्मिक सद्भावना और भाइचारे के तौर पर देखा जाता है।
Gujarat News: अधिकारी ने बताया कि इमाम हुसैन के मकबरे की एक छोटी प्रतिकृति ताजिया के बिजली के तार से छू जाने के बाद उसमें करंट आ गया, जिसकी चपेट में 12 लोग आ गए।
Pakistan News:बाल्टिस्तान क्षेत्र में इस्लामिक महीना मोहर्रम की शुरूआत के दौरान दो धार्मिक समूहों के बीच टकराव हो गया। इस टकराव में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 17 अन्य घायल हो गए।
उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड-19 महामारी और सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए मोहर्रम के अवसर पर धार्मिक जुलूसों पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन घरों के अंदर 'ताजिया' और 'मजलिस' की अनुमति दी है।
श्रीनगर के बेमिना और जदीबाल क्षेत्रों में सुरक्षाबलों द्वारा मुहर्रम पर निकाले गए जुलूसों पर गोलियां चलाने और आंसू के गोले दागने के बाद कई लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आई है।
हैदराबाद में वार्षिक 'बीबी का आलम' मुहर्रम के जुलूस के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की धजियां उडाई गई। जुलूस में हजारों लोग शामिल हुए। इस दौरान पुलिस भी असहाय दिखी।
हैदराबाद में मुहर्रम के मौके पर लोगों ने सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ाकर रख दीं, जबकि कोलकाता में जुलूस नहीं निकाला गया।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने कोविड-19 के बीच कड़ी पाबंदियों के साथ मुहर्रम का जुलूस निकालने की अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति एस जे काठावाला और न्यायमूर्ति माधव जामदार ने स्थानीय शिया संगठन की याचिका पर सुनवाई के बाद इजाजत दे दी।
देशभर में कोरोना महामारी को देखते हुए मुहर्रम पर ताजिये के जुलूस नहीं निकाले जाएंगे और न ही सड़कों पर ढोल-नगाड़े बजेंगे। धर्मगुरुओं और प्रशासन ने भी लोगों से मुहर्रम का त्योहार घर पर ही कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए मनाए जाने की भी अपील की है।
दिल्ली में ताजिया रखने का सिलसिला मुगलकाल से ही चला आ रहा है, पर 700 वर्ष में ऐसा पहली बार होगा कि मोहर्रम पर ताजिये तो रखे जाएंगे, लेकिन इनके साथ निकलने वाला जुलूस नहीं निकल सकेगा।
वैश्विक कोरोना वायरस महामारी के चलते उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में इस साल मोहर्रम का जुलूस नहीं निकलेगा।
कर्नूल जिले के बी तांड्रापाडू गांव में मुहर्रम के जुलूस के दौरान मकान के छत की दीवार ढहने से 15 लोग घायल हुए।
कश्मीर में मुहर्रम का जुलूस निकालने से रोकने के लिए शहर और घाटी के कई हिस्सों में कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगाए गए हैं
मुहर्रम पर निकाले जाने वाले ताजिया जुलूसों की वजह से मंगलवार को राजधानी के कई इलाकों में ट्रैफिक पर असर पड़ने की संभावना है। ट्रैफिक पुलिस ने अडवाइजरी जारी कर लोगों को सलाह दी है कि अगर बहुत जरूरी ना हो, तो वे उन इलाकों से होकर न गुजरें, जहां से जुलूस निकलेंगे।
इस्लामी कैलेंडर के पहले महीने को 'मुहर्म' कहते हैं और महीने के 10वें दिन को यौम-ए-आशुरा के नाम से भी जाना जाता है।
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