चंडीगढ़ में चौथे दौर की बातचीत में सरकार ने 4 फसलों पर 5 साल तक MSP गारंटी का प्रस्ताव दिया है...सरकार ने किसान संगठनों को प्रस्ताव दिया है कि सरकारी की एजेंसी NCCF और NAFED किसानों से दाल, मक्का, और कपास की खरीद करेंगी.
किसान आंदोलन ख़त्म हो रहा है। बातचीत शुरु हो रही है। अब किसान और मोदी सरकार एक लाइन पर दिख रही है। 7 दिसम्बर को Good न्यूज़ आ सकती है। किसान वापस जा सकते हैं। किसानों के खेमे से ख़बर आ रही है। कि अब ना तो मोदी के खिलाफ..न सरकार के खिलाफ और न बीजेपी के खिलाफ कोई रैली निकलेगी। और न कोई विरोध प्रदर्शन होगा। राहुल को इसकी भनक लग गई है। इसलिए वो अभी भी किसानों के बहाने मोदी मोदी कर रहे हैं।
किसानों की पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। जो अब सरकार से MSP समेत हर इश्यू पर बात करेगी। मतलब अब बातचीत से ही समाधान की तरफ बढ़ा जा रहा है। आज संयुक्त किसान मोर्चा की सिंघु बॉर्डर पर बहुत बड़ी बैठक हुई। इसी में कमेटी के पांच नाम तय हुए। आज इसी मुद्दे पर देखिए सबसे बड़ी बहस कुरूक्षेत्र।
आज संयुक्त किसान मोर्चा की सिंघु बॉर्डर पर बहुत बड़ी बैठक हुई। 40 से ज्यादा किसान संगठन इसमें शामिल हुए। सरकार से बात करने के लिए 5 लोगों की किसान कमेटी बनाने का फैसला हुआ। इसमें बड़ी बात ये कि किसान नेता राकेश टिकैत का नाम इस कमेटी में नहीं है| देखिए मुक़ाबला मीनाक्षी जोशी के साथ।
दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसान आंदोलन अभी जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि कानून वापस लिए जाने की घोषणा के बाद भी प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली की सीमा से हटने को राजी नहीं है। किसान आंदोलन का 1 साल पूरा होने पर इंडिया टीवी ने बात की किसान नेता राकेश टिकैत से।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस ले लिए लेकिन किसान आंदोलन खत्म नहीं हुआ। अब लोगों के मन में सवाल है कि आखिर अब संयुक्त किसान मोर्चे के नेताओं को क्या चाहिए? अब आंदोलन खत्म क्यों नहीं हो रहा है? लेकिन किसान नेता अब MSP को इश्यू बनाकर दिल्ली के बॉर्डर्स का घेराव कर रहे हैं। क्या किसान अपने आंदोलन से यूपी पर दांव लगाना चाह रहे हैं? देखिए आज की बात रजत शर्मा के साथ।
शरद पवार पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का निशाना, कहा - पवार सबकुछ जानते हुए भी किसानों के सामने गलत तथ्य रख रहे हैं
पीएम मोदी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की कृषि, भारत का किसान, अब और पिछड़ेपन में नहीं रह सकता। दुनिया के बड़े-बड़े देशों के किसानों को जो आधुनिक सुविधा उपलब्ध है, वो सुविधा भारत के भी किसानों को मिले, इसमें अब और देर नहीं की जा सकती
किसान आंदोलन को लेकर रविवार को किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सिंघु बॉर्डर से किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि कल सारे संगठनों के मुखिया सुबह 8 बजे से शाम पांच बजे तक एक दिन के लिए भूख हड़ताल रखेंगे।
नए कृषि कानूनों के मुद्दे पर 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच विज्ञान भवन में पांचवें दौर की लगभग 5 घंटे चली बातचीत के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में कृषि मंत्री ने बताया कि बैठक में सरकार ने कहा है कि MSP जारी रहेगी। तोमर ने कहा, "MSP जारी थी, जारी है और जारी रहेगी।"
सरकार की तरफ से साफ किया गया है कि तीनों कानूनों को पूरी तरह वापस नहीं लिया जा सकता। हालांकि सरकार किसानों के सुझावों पर विचार करने, बातचीत करने और संशोधन करने को तैयार है। किसानों और सरकार के बीच बातचीत में केंद्र सरकार ने किसानों की कुछ मांगों पर विाचर करने के संकेत दिए हैं। केंद्र सरकार के साथ पांचवें दौर की बातचीत में मौजूद किसान नेताओं लंगर से आया खाना खाया।
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के 35 नेताओं और सरकार बीच विज्ञान भवन में बैठक हुई। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने बैठक खत्म होने के बाद कहा कि किसान नेताओं के साथ तीसरे दौर बातचीत ठीक रही। अब परसों फिर बैठक होगी। सरकार की तरफ से इस बैठक में एक समिति बनाने का प्रस्ताव दिया गया था। सरकार की समिति बनाने के प्रस्ताव को किसानों ने खारिज कर दिया। किसान नेता चंदा सिंह ने बैठक खत्म होने के बाद कहा कि यह कानून वापस नही लिए जाने तक आंदोलन जारी रहेगा। सरकार बस बातचीत करना चाहती है हल नही निकालना चाहती। अब इस मुद्दे पर 3 दिसंबर को फिर से बैठक होगी।
'दिल्ली चलो' मार्च के समर्थन में किसान गाजियाबाद-दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच गए हैं। एक किसान ने कहा कि हम एमएसपी की गांरटी चाहते हैं। हम अन्य किसान संगठनों के साथ बैठक करने जा रहे हैं और आगे की योजना बनाएंगे।
सरकार किसान की फसल के लिए एक न्यूनतम मूल्य निर्धारित करती है, जिसे MSP कहा जाता है।
केंद्र सरकार ने किसानों के लिए बड़ी घोषणा की है, खरीफ मार्केटिंग सीजन 2018-19 के लिए खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य की घोषणा कर दी गई है जिसके तहत धान का समर्थन मूल्य 200 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ा दिया गया है।
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