प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने आज 2017-18 के लिए पूरी रबी की फसल के लिए MSP की मंजूरी दी।
कृषि मंत्रालय ने कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की सिफारिशों के आधार पर रबी फसलों यानि गेहूं, जौ, चना, मसूर, सरसों और सूरजमुखी के लिए एमएसपी का प्रस्ताव किया है।
गुलबर्गा में मंगलवार को तुअर का न्यूनतम भाव 3222 रुपए और अधिकतम भाव 3750 रुपए दर्ज किया गया। यानि किसानों को MSP के मुकाबले 1700-2228 रुपए कम मिले हैं
केंद्र सरकार जुलाई से शुरू हो रहे फसल वर्ष 2017-18 के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने पर विचार कर रही है। किसानों को 1550 रुपए का भाव मिलेगा।
कृषि मंत्रालय ने तुअर दाल के थोकबिक्री मूल्य में भारी गिरावट को रोकने और किसानों के मनोबल को ऊंचा रखने के लिए इसके आयात शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है।
खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय तुअर दाल पर आयात शुल्क 10 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किए जाने के पक्ष में है। इससे किसानों को सही कीमत मिल सकेगी।
किसानों को राहत देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सरकार ने दलहनों की सरकारी खरीद की अंतिम तिथि को एक सप्ताह के लिए बढ़ाने का फैसला किया है।
सरकार को कृषि उपज मूल्य निर्धारण के संदर्भ में सलाह देने वाली निकाय सीएसीपी ने रबी दलहन के MSP में 475 रुपए प्रति क्विंटल वृद्धि की सिफारिश की है।
केंद्र सरकार ने 2016 की खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों (एमएसपी) की घोषणा की है। ये समर्थन मूल्य इस साल एक सितंबर से लागू होंगे।
चालू वित्त वर्ष में दलहन और धान के मएसपी में बढ़ोतरी का महंगाई दर और सब्सिडी पर नाममात्र प्रभाव होगा। सीपीआई में 0.4 से 0.45 प्रतिशत तक का योगदान होगा।
कैबिनेट ने 2016-17 के खरीफ मौसम के लिए दालों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 425 रुपए बढ़ाकर 5,000-5,225 रुपए प्रति क्विंटल किए जाने को मंजूरी दे दी है।
सरकार ने 2016-17 के खरीफ सत्र के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 60 रुपए बढ़ाकर 1,470 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है।
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