विपक्ष आरोप लगा रहा है कि बिल के जरिए सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था को हटाना चाहती है। विपक्ष इन तीनों विधेयकों को किसान विरोधी बता रहा है।
मोदी सरकार ने किसानों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए विभिन्न फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी की है।
खाद्य तेल का उत्पादन बढ़ाकर आयत कम करने की भी योजना
कृषि लागत और मूल्य आयोग ने फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने के लिए जो सिफारिश की थी उसे सोमवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिली है और धान, कपास, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, तुअर, उड़द, मूंग, ज्वार, बाजरा और रागी का समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है
केंद्रीय मंत्रीमंडल ने दालों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 325 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि करने को अपनी अनुमति दे दी है।
केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामले के राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को कहा कि सभी हितधारकों को ध्यान में रखते हुए कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए सुरक्षित व सुदृढ़ तंत्र की जरूरत है।
मानसून की प्रगति में शिथिलता के कारण देश में खरीफ फसलों की बुवाई की रफ्तार भी धीमी है।
फसल वर्ष 2019-20 के लिए तुअर, मूंग और उड़द दालों के न्यूनतम समर्थन मूल्य भी क्रमश: 215 रुपए, 75 रुपए और 100 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाए गए हैं।
2017-18 के दौरान देश में 17.635 करोड़ टन दूध का उत्पादन किया गया।
वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक आयात शुल्क को मौजूदा 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है
सरकार ने गेहूं का एमएसपी 1,840 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है, जो एक साल पहले 1,735 रुपए था।
खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि चीनी के न्यूनतम मूल्य को 29 रुपए प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 31 रुपए प्रति किलोग्राम कर दिया गया है।
नारियल उत्पादकों को राहत प्रदान करते हुए सरकार ने शुक्रवार को 2018-19 सत्र के लिए कोपरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,170 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाकर 9,521-9,920 रुपए प्रति क्विंटल करने की घोषणा की है।
किसानों द्वारा आंदोलन खत्म करने के कुछ घंटों बाद ही मोदी सरकार ने रबि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि करने की घोषणा की है।
जिस तरह से खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य को लागत का डेढ़ गुना घोषित किया गया है, उसी फार्मूले पर रबी फसलों के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की घोषणा हो सकती है
देश में उद्योग संगठन ASSOCHAM और वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की हाल में जारी हुई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है
पीएम मोदी के भाषण का मुख्य आकर्षण प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की शुरुआत है जिसके तहत देश की करीब 50 करोड़ आबादी तक 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ बीमा पहुंचाया जाएगा
RBI ने जून में हुई पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य ब्याज दर रेपो को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया था।
कृषि उपज का बढ़िया दाम मिलने की चाहत में देश के किसान इस बार सोयाबीन की बुवाई को काफी तरजीह दे रहे हैं। सोयाबीन को पीला सोना भी कहा जाता है।
शिअद और भाजपा पंजाब के मुक्तसर जिले बड़ी किसान रैली करने जा रहे हैं।
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