किसान सरकार द्वारा तय एमएसपी पर फसलों की गारंटी की मांग कर रहे हैं। मगर, एमएसपी की गारंटी देने पर सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि सरकार को बजट का एक बड़ा हिस्सा एमएसपी पर ही खर्च होगा।
उन्होंने कहा कि यदि इन कानूनों का क्रियान्वयन होता है, तो इस बात की काफी अधिक संभावना है कि किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी।
सब्जियों का आधार मूल्य, उनकी उत्पादन लागत से 20 प्रतिशत अधिक होगा। यहां तक कि अगर बाजार मूल्य इससे नीचे चला जाता है, तो किसानों से उनकी उपज को आधार मूल्य पर खरीदा जाएगा।
उत्तर प्रदेश में खरीफ सीजन में जारी धान की खरीदी में गड़बड़ी पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है।
चालू वर्ष के लिए, केंद्र ने सामान्य ग्रेड के धान का एमएसपी 1,868 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जबकि धान के ए ग्रेड किस्म का एमएसपी 1,888 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। 18 दिन में 10500 करोड़ रुपये की खरीद की गई
एफसीआई ने अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर 10 अक्टूबर तक 3.22 लाख किसानों से 37.92 लाख टन धान की खरीद की है, जिसकी कुल एमएसपी 7,159.39 करोड़ रुपये से अधिक है
कृषि सचिव ने कहा कि एमएसपी पर खरीद पहले भी की जा रही थी, अब भी की जा रही है और इसे भविष्य में भी किया जाएगा। किसानों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।
सरकार किसानों से खरीफ 2020-21 फसलों की खरीद पर मौजूदा योजनाओं के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) जारी रखेगी। तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और हरियाणा के लिए केएमएस 2020-21 के लिए 14.09 एलएमटी दालों और तिलहन की खरीद के लिए मंजूरी दी गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने 11 ऐसे मौके गिनाए जब देश हित की बात होते हुए भी कांग्रेस पार्टी ने विरोध प्रदर्शन किया। इन 11 मौकों में सर्जिकल स्ट्राइक, वन रैंक वन पेंशन (OROP), योग दिवस जैसे मौकों पर कांग्रेस पार्टी की प्रतिक्रिया और हाल में पास हो रहे कृषि बिल को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन शामिल हैं
सरकार ने चालू खरीफ सीजन में पंजाब से 113 लाख टन धान और हरियाणा से 44 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य तय किया है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बिल से किसान को उनकी फसल के दाम की गारंटी फसल बुआई के समय ही मिल जाएगी और इसके लिए किसान खरीदार से जो कॉन्ट्रेक्ट करेंगे उसमें सिर्फ कृषि उत्पाद की खरीद फरोख्त होगी, जमीन से खरीदार का कोई लेना-देना नहीं होगा।
कृषि विधेयकों के खिलाफ कांग्रेस ने राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करने का फैसला लिया है। पार्टी महासचिवों और प्रभारियों की बैठक के बाद के सी वेणुगोपाल ने इसकी घोषणा की है।
पिछले साल सरकार ने गेहूं के लिए 1925, चने के लिए 4875, जौ के लिए 1525, सरसों के लिए 4425 और मसूर के लिए 4800 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य (MSP) घोषित किया हुआ था।
पिछले साल सरकार ने गेहूं के लिए 1925, चने के लिए 4875, जौ के लिए 1525, सरसों के लिए 4425 और मसूर के लिए 4800 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य (MSP) घोषित किया हुआ था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि मैं पहले भी कह चुका हूं और एक बार फिर कहता हूं कि किसानों को मिनिमम सपोर्ट प्राइस की व्यवस्था जारी रहेगी। सरकार की अनाज की खरीद जारी रहेगी।
2013 में खुद राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी के शासन वाले 12 राज्य अपने यहां फल और सब्जियों को APMC एक्ट से बाहर करेंगे। अब कांग्रेस पार्टी ही APMC एक्ट में बदलाव का विरोध कर रही है।
विपक्ष आरोप लगा रहा है कि बिल के जरिए सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था को हटाना चाहती है। विपक्ष इन तीनों विधेयकों को किसान विरोधी बता रहा है।
मोदी सरकार ने किसानों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए विभिन्न फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी की है।
खाद्य तेल का उत्पादन बढ़ाकर आयत कम करने की भी योजना
कृषि लागत और मूल्य आयोग ने फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने के लिए जो सिफारिश की थी उसे सोमवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिली है और धान, कपास, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, तुअर, उड़द, मूंग, ज्वार, बाजरा और रागी का समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है
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