पिछले साल के लिये धान खऱीद से 1.31 करोड़ किसानों को फायदा मिला और एमएसपी मूल्य पर कुल 1.68 लाख करोड़ रुपये की धान की खरीद की गयी।
पांडे ने कहा, ‘‘हम नुकसान को कम-से-कम करने के लिये मंडियों को आधुनिक रूप देने का प्रयास कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि भंडारण के दौरान नुकसान कम होकर 0.003 प्रतिशत पर आ गया है
किसानों के लिए जमीन का मालिक होना या न होना जरूरी नहीं है। अगर किसानों ने किसी भी जमीन पर खेती की है, तो उसे खरीद लिया जाएगा।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार सरसों के समर्थन मूल्य में 400 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है
मौजूदा रबी विपणन सत्र के दौरान 49.20 लाख किसानों को खरीदा का लाभ मिला है। इस दौरान किसानों को 85,603.57 करोड़ रुपये का न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान किया गया।
किसान नेता राकेश टिकैत ने उत्तर प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद में बड़े पैमाने पर अनियमितता का बृहस्पतिवार को आरोप लगाया और सीबीआई जांच की मांग की।
85,483.25 करोड़ रुपये की एमएसपी के साथ चालू रबी विपणन वर्ष की खरीद से लगभग 49.07 लाख किसानों को लाभ मिला है।
ओडिशा सरकार ने धान के लिये घोषित 1,940 रुपये क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर असंतोष जताया
केंद्र ने बुधवार को कहा कि उसने अप्रैल में शुरू हुए मौजूदा विपणन वर्ष में अब तक रिकॉर्ड 418.47 लाख टन गेहूं खरीदा है जिसपर 82,648 करोड़ रुपए खर्च हुये हैं।
खरीफ विपणन मौसम 2021-22 के लिए सभी खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने मंजूरी दे दी है।
गेहूं की खरीद 27 मई तक 400.45 लाख टन की हो चुकी है, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 353.09 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी।
केंद्र ने शुक्रवार को कहा कि उसने अप्रैल में शुरू हुए चालू विपणन वर्ष में रिकॉर्ड 400.45 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जिसकी लागत 79,088 करोड़ रुपये आई है।
हरियाणा में भी, एमएसपी का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में किया जा रहा है। अब तक 4,668 करोड़ रुपये हरियाणा के किसानों के खातों में डाले जा चुके हैं।
केन्द्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ लंबे विचार विमर्श के बाद बादल ने यह जानकारी दी।
केंद्र सरकार का कहना है कि एमएसपी पर फसलों की खरीद में किसानों की जमीन का रिकॉर्ड दाखिल करने और ऑनलाइन भुगतान होने से पारदर्शिता आएगी और असली किसानों को फायदा मिलेगा। लेकिन पंजाब सरकार आगामी रबी सीजन में जमीन के रिकॉर्ड दाखिल करने की अनिवार्यता लागू करने को तैयार नहीं है।
अधिकारी बताते हैं कि इससे असली किसानों की पहचान आसान होने के साथ-साथ MSP पर खरीद की व्यवस्था में पारदर्शिता आई है। केंद्र सरकार में खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने बताया कि MSP पर खरीद के लिए किसानों की बायोमेट्रिक पहचान उत्तर प्रदेश, ओडिशा, बिहार और राजस्थान में शुरू की गई है।
चालू खरीफ विपणन सीजन 2020-21 में देश के एक करोड़ से ज्यादा किसानों से सरकारी एजेंसियां अब तक 683 लाख टन से ज्यादा धान की खरीद कर चुकी हैं
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल सिंह ने केन्द्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का पक्ष लेते हुए रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से किसानों को नाराज नहीं करने की गुजारिश की है।
सीजन 2020-21 के दौरान आठ मार्च 2021 तक किसानों से 673.53 लाख टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है। ये बीते साल के मुकाबले 14 प्रतिशत ज्यादा है। वहीं इसमें से पंजाब से खरीदे गए धान की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत है।
उत्तर प्रदेश सरकार रबी विपणन वर्ष 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना (एमएसपी) के तहत किसानों से एक अप्रैल से 15 जून तक सीधे गेहूं की खरीद करेगी।
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