जगजीत सिंह डल्लेवाल आंदोलनरत किसानों की MSP की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के वास्ते पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर 26 नवंबर से आमरण अनशन पर बैठे हैं।
किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल और प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि वह केंद्र को समिति की सिफारिश लागू करने के लिए कहे।
MSP समेत कई मांगों को लेकर किसानों का आंदोलन अब और तेज होगा। केंद्र पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत किसानों ने 30 दिसंबर को पंजाब बंद करने का ऐलान किया है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंजाब सरकार को घेरते हुए कहा कि हरियाणा में किसानों की फसलों की MSP पर खरीद हो रही है, और पंजाब सरकार को भी यह ऐलान करना चाहिए कि वहां भी MSP पर खरीदी होगी।
एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि रेपसीड और सरसों के लिए 300 रुपये प्रति क्विंटल और मसूर के लिए 275 रुपये प्रति क्विंटल की घोषणा की गई है।
यह योजना जमाखोरी और सट्टेबाजों को हतोत्साहित करने में मदद करेगी। जब भी बाजार में कीमतें एमएसपी से अधिक होंगी, तो बाजार मूल्य पर दालों की खरीद उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा की जाएगी।
केंद्र सरकार के सामने मध्य प्रदेश सरकार ने एक प्रस्ताव रखते हुए सोयाबीन की MSP बढ़ाने की मांग रखी थी जिसे 24 घंटे में ही केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पास कर दिया। अब मध्य प्रदेश में नई MSP पर सोयाबीन की खरीद होगी।
सचिव ने कहा कि वर्तमान सरकारी आंकड़े कृषि भूमि के टुकड़ों और राज्यों द्वारा प्रदान किए गए फसल के विवरण तक सीमित हैं, लेकिन इसमें व्यक्तिगत किसान-वार जानकारी का अभाव है। नई रजिस्ट्री का उद्देश्य इस अंतर को पाटना है।
हरियाणा के किसानों के लिए राज्य सरकार ने अपना पिटारा खोल दिया है। विधानसभा चुनाव से पहले सीएम ने एक रैली में ऐलान किया है कि अब उनकी सरकार किसानों से MSP पर सभी फसल खरीदेगी।
कल यानी 10 जुलाई को संयुक्त किसान मोर्चा की एक जनरल बॉडी मीटिंग हुई। इस मीटिंग में 17 राज्यों से आए लोग शामिल हुए। मीटिंग के बाद SKM ने कुछ फैसले लिए हैं।
चंद ने कहा कि अगर व्यापारियों को बिना मांग और आपूर्ति के समर्थन वाली कीमत पर गेहूं या चावल खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है, तो खरीदारी नहीं होगी। चंद ने कहा कि जब सरकार किसी चीज (गेहूं या चावल) को फिर से उस कीमत पर खरीदती है जो मांग और आपूर्ति पर आधारित नहीं है, तो इसका आर्थिक प्रभाव होता है।
सूत्रों के मुताबिक, अगर किसान ज्यादा पानी की खपत करने वाली धान की फसल से हटने का विकल्प चुनते हैं तो सरकार बिना किसी मात्रात्मक प्रतिबंध के एमएसपी पर दाल, मक्का और कपास की खरीद पर विचार कर सकती है।
किसानों के दिल्ली कूच के ऐलान को देखते हुए राजधानी की तमाम सीमाओं की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दिल्ली की सीमाओं पर पुलिस बलों की तैनाती कर दी गई है। पुलिस सूत्रों की मानें तो छोटे-छोटे ग्रुप में ट्रेन और बस से किसान दिल्ली पहुंच सकते हैं।
Farmers' protest : सरकार ने गन्ना किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को गन्ना खरीद की कीमत में 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने को मंजूरी दी है।
राकेश टिकैत ने सरकार द्वारा दिल्ली जा रहे किसानों को रोकने के लिए रास्ते में कीलें बिछवाये जाने से जुड़े सवाल के जवाब में कहा, रास्ते में कीलें बिछाना किसी भी स्थिति में उचित नहीं है। वे अगर हमारे लिए कील लगाएंगे तो हम भी अपने गांव में कील लगा देंगे।
किसानों ने सरकार के प्रस्ताव पर विचार करने का फैसला किया। किसान 21 फरवरी से पहले सरकार को जवाब देंगे। वहीं, किसान संगठनों ने अभी आंदोलन खत्म करने का ऐलान नहीं किया है।
चंडीगढ़ में किसान नेताओं और केंद्र सरकार के मंत्रियों की तीसरे राउंड की बैठक जारी है। यह दोनों पक्षों के बीच तीसरे चरण की वार्ता है। केंद्रीय मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री भगवंत मान अलग-अलग 17 किसान संगठनों के नेताओं को लगातार समझा रहे हैं।
राहुल गांधी ने कहा है कि देश में किसानों को जो मिलना चाहिए, वो उन्हें नहीं मिल रहा है। इसलिए किसान दिल्ली की तरफ जा रहे हैं, लेकिन उन्हें रोका जा रहा है, उनके ऊपर आंसू गैस के गोले दागे जे रहे हैं।
किसान संगठनों द्वारा दिल्ली में 13 फरवरी को विरोध प्रदर्शन किया जाना है। इससे पहले चंडीगढ़ में किसान संगठनों और सरकार के बीच बैठक हुई। 5 घंटे चली यह बैठक बेनतीजा साबित हुई है। दरअसल किसान एमएसपी की गारंटी की मांग पर अड़े हैं।
किसानों ने अपनी मांगों को मंगवाने के लिए दिल्ली में आंदोलन करने का ऐलान किया है। पिछली बार की तरह इस बार भी किसानों की कई मांगें हैं, जिसमें MSP को कानून बनाना सबसे प्रमुख मांग है।
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