सिंह ने कहा, लोग इन कृषि कानूनों को लेकर किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं कि वे उनके हित में नहीं हैं। मैं एक किसान का बेटा हूं और मैंने खेतों में काम किया है।
आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने गुरुवार को आरोप लगाया कि वार्ता के लिए सरकार का नया पत्र कुछ और नहीं, बल्कि किसानों के बारे में एक दुष्प्रचार है ताकि यह प्रदर्शित किया जा सके कि वे बातचीत को इच्छुक नहीं हैं।
अनाज खरीद की ऐतिहासिक प्रवृत्ति को देखा जाए तो कुल गेहूं उत्पादन का केवल 25 से 35 प्रतिशत की ही खरीदी होती रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार द्वारा नए कृषि कानून रातों-रात नहीं लाए गये हैं, बल्कि राजनीतिक दल, कृषि विशेषज्ञ और यहां तक कि किसान भी लंबे समय से इनकी मांग कर रहे थे।
पीएम मोदी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की कृषि, भारत का किसान, अब और पिछड़ेपन में नहीं रह सकता। दुनिया के बड़े-बड़े देशों के किसानों को जो आधुनिक सुविधा उपलब्ध है, वो सुविधा भारत के भी किसानों को मिले, इसमें अब और देर नहीं की जा सकती
उत्तर प्रदेश में धान खरीद को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की देखरेख में तैयार हुई योजना असरदार साबित हुई है।
पीएम मोदी ने कहा कि कृषि सुधारों से जुड़ा एक और झूठ फैलाया जा रहा है APMC यानि हमारी मंडियों को लेकर। हमने कानून में क्या किया है? हमने कानून में किसानों को आजादी दी है, नया विकल्प दिया है।
किसान आंदोलन को लेकर रविवार को किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सिंघु बॉर्डर से किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि कल सारे संगठनों के मुखिया सुबह 8 बजे से शाम पांच बजे तक एक दिन के लिए भूख हड़ताल रखेंगे।
मौजूदा खरीफ विपणन सत्र में अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान की खरीद पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 22.5 प्रतिशत बढ़कर 368.7 लाख टन तक पहुंच गई है।
मिली जानकारी के मुताबिक सरकार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर लिखित गारंटी दे सकती है, इसके अलावा प्रस्ताव में यह भी भरोसा दिलाया जा सकता है कि कृषि उपज मंडियां (APMC) पहले की तरह काम करती रहेंगी
नए कृषि कानूनों के मुद्दे पर 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच विज्ञान भवन में पांचवें दौर की लगभग 5 घंटे चली बातचीत के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में कृषि मंत्री ने बताया कि बैठक में सरकार ने कहा है कि MSP जारी रहेगी। तोमर ने कहा, "MSP जारी थी, जारी है और जारी रहेगी।"
सरकार की तरफ से साफ किया गया है कि तीनों कानूनों को पूरी तरह वापस नहीं लिया जा सकता। हालांकि सरकार किसानों के सुझावों पर विचार करने, बातचीत करने और संशोधन करने को तैयार है। किसानों और सरकार के बीच बातचीत में केंद्र सरकार ने किसानों की कुछ मांगों पर विाचर करने के संकेत दिए हैं। केंद्र सरकार के साथ पांचवें दौर की बातचीत में मौजूद किसान नेताओं लंगर से आया खाना खाया।
किसान सरकार द्वारा तय एमएसपी पर फसलों की गारंटी की मांग कर रहे हैं। मगर, एमएसपी की गारंटी देने पर सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि सरकार को बजट का एक बड़ा हिस्सा एमएसपी पर ही खर्च होगा।
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के 35 नेताओं और सरकार बीच विज्ञान भवन में बैठक हुई। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने बैठक खत्म होने के बाद कहा कि किसान नेताओं के साथ तीसरे दौर बातचीत ठीक रही। अब परसों फिर बैठक होगी। सरकार की तरफ से इस बैठक में एक समिति बनाने का प्रस्ताव दिया गया था। सरकार की समिति बनाने के प्रस्ताव को किसानों ने खारिज कर दिया। किसान नेता चंदा सिंह ने बैठक खत्म होने के बाद कहा कि यह कानून वापस नही लिए जाने तक आंदोलन जारी रहेगा। सरकार बस बातचीत करना चाहती है हल नही निकालना चाहती। अब इस मुद्दे पर 3 दिसंबर को फिर से बैठक होगी।
उन्होंने कहा कि यदि इन कानूनों का क्रियान्वयन होता है, तो इस बात की काफी अधिक संभावना है कि किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी।
'दिल्ली चलो' मार्च के समर्थन में किसान गाजियाबाद-दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच गए हैं। एक किसान ने कहा कि हम एमएसपी की गांरटी चाहते हैं। हम अन्य किसान संगठनों के साथ बैठक करने जा रहे हैं और आगे की योजना बनाएंगे।
सब्जियों का आधार मूल्य, उनकी उत्पादन लागत से 20 प्रतिशत अधिक होगा। यहां तक कि अगर बाजार मूल्य इससे नीचे चला जाता है, तो किसानों से उनकी उपज को आधार मूल्य पर खरीदा जाएगा।
उत्तर प्रदेश में खरीफ सीजन में जारी धान की खरीदी में गड़बड़ी पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है।
चालू वर्ष के लिए, केंद्र ने सामान्य ग्रेड के धान का एमएसपी 1,868 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जबकि धान के ए ग्रेड किस्म का एमएसपी 1,888 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। 18 दिन में 10500 करोड़ रुपये की खरीद की गई
एफसीआई ने अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर 10 अक्टूबर तक 3.22 लाख किसानों से 37.92 लाख टन धान की खरीद की है, जिसकी कुल एमएसपी 7,159.39 करोड़ रुपये से अधिक है
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