एमएसएमई क्षेत्र के लिए आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना के माध्यम से 9.25 प्रतिशत की रियायती दर पर तीन लाख करोड़ रुपए तक के अतिरिक्त वित्त पोषण उपलब्ध कराया जा रहा है।
सर्वाधिक 1,910 करोड़ रुपये का आवंटन अहमदाबाद क्षेत्र में किया गया
सार्वजनिक क्षेत्र के पीएनबी ने कोरोना वायरस महामारी के कारण आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे एमएसएमई के लिये पेश तीन लाख करोड़ रुपये की आपातकालीन ऋण गारंटी योजना के तहत अब तक करीब तीन लाख खातों को ऋण की मंजूरी दी है।
पंजीकरण की प्रक्रिया पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन की जा सकती है। पोर्टल की जानकारी एक जुलाई 2020 से पहले सार्वजनिक कर दी जाएगी।
दबाब का सामना कर रहे छोटे और सूक्ष्म उद्योगों की मदद के लिए योजना
फिलहाल MSME को कर्ज देने में सरकारी बैंक निजी बैंकों से काफी आगे
कोरोना संकट की वजह से देश की जीडीपी में पांच प्रतिशत तक गिरावट आने का अनुमान
कर्ज गारंटी सुविधा के तहत 20,000 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर करने पर बैंकों की सराहना
एमएसएमई की मौजूदा परिभाषा और उनके मानदंड एमएसएमई अधिनियम 2006 पर आधारित हैं।
यह योजना पिछले महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत अभियान राहत पैकेज का सबसे बड़ा राजकोषीय घटक है।
लॉकडाउन की वजह से कर्ज मंजूरी और कर्ज वितरण में अंतर
गडकरी ने कहा कि सरकार ने वित्त पोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को सुदृढ़ करने के लिए योजना तैयार की है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीआईसी) ने कहा कि इस कठिन समय में करदाताओं को राहत देने के लिए तेजी से लंबित कर वापसी का निर्णय किया गया है।
13 मई, 2020 तक CPSE के ऊपर MSME का बकाया कुल खरीद का सिर्फ 3.44 प्रतिशत
एमएसएमई क्षेत्र के लिए मंजूर की गई तीन लाख करोड़ रुपए की यह आपात ऋण सुविधा केंद्र सरकार द्वारा घोषित 21 लाख करोड़ रुपए के पैकेज में शामिल दूसरी बड़ी घोषणा है।
बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर 322 कंपनियां, जबकि एनएसई के एमर्ज मंच पर 209 कंपनियां सूचीबद्ध हैं।
छोटी बड़ी मिलाकर उत्तर प्रदेश में 90 लाख एमएसएमई इकाईयां हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जबसे देश में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है, तभी से इस बात की चर्चा है कि किस सेक्टर को क्या मिलने जा रहा है।
लॉकडाउन की वजह से छोटे उद्योगों को कर्मचारियों का वेतन देने में मुश्किलें
भारत में निवेश की इच्छुक विदेशी कंपनियों को हर संभव मदद की तैयारी
संपादक की पसंद