पीएम नरेंद्र मोदी अगले 6 दिनों तक काफी व्यस्त रहेंगे। वे चार राज्यों में जहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, वहां रैली करेंगे। जानिए पीएम मोदी के छह दिनों का पूरा शेड्यूल-
शिवपुरी सीट से चौथी बार विधायक और ग्वालियर से दो बार पूर्व सांसद ने अपने फैसले से प्रदेश नेतृत्व को अवगत करा दिया है। राज्य नेतृत्व को लिखे पत्र में उन्होंने चुनाव न लड़ने की इच्छा के पीछे स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है।
जिस कांग्रेस नेता मनोज बागरी उर्फ बबलू पर विधायक से बदसलूकी और छेड़छाड़ का आरोप है वह काफी समय से रैगांव विधायक का विरोध करता आ रहा है। दरअसल दोनों एक ही विधानसभा के हैं और कांग्रेस की राजनीति करते हैं।
उम्मीदवारी तय होने के बाद कुछ नेताओं के ऐसे बयान आए हैं जो यह जाहिर करने के लिए काफी हैं कि उनकी इच्छा विधानसभा चुनाव लड़ने की नहीं थी, मगर पार्टी का निर्देश है और वह उसका पालन करेंगे।
भारतीय जनता पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव के लिए फुल एक्शन मोड में आ गई है। पार्टी ने टिकट बंटवारे में मंत्रियों व सांसदों के साथ जो एक्सपेरिमेंट किया है उससे केवल विपक्ष नहीं बल्कि खुद के नेताओं को भी एक बड़ा मैसेज दिया है।
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने उम्मीदवारों की तीन लिस्ट जारी कर दी है। मध्य प्रदेश के बाद अब राजस्थान की बारी है, अब यहां के लिए भी भाजपा उम्मीदवारों की लिस्ट जल्द जारी कर सकती है।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी कर दी है। इसे लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सभी सीनियर लीडर्स इसबार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। तो क्या सीएम शिवराज मायूस हैं?
भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में उनके तीन सहयोगियों- नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते को सूबे में नवंबर के दौरान संभावित विधानसभा चुनावों का उम्मीदवार घोषित कर दिया है।
इस साल के आखिर में होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। भाजपा ने इस लिस्ट में अपने कई दिग्गज सांसदों व केंद्रीय मंत्रियों को टिकट दिया है।
दिग्विजय सिंह ने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अब मध्य प्रदेश में कितनी भी रैली कर लें कांग्रेस को हरा नहीं पाएंगे। सिंह ने सवाल किया कि क्या पीएम मोदी को विश्वास है कि वह पिछले 18 वर्षों से मध्य प्रदेश में सत्ता में रही भाजपा सरकार और उसके मंत्रियों के "पाप धो सकते हैं?’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मध्य प्रदेश की राजधानी में भाजपा के कार्यकर्ताओं की एक विशाल बैठक को संबोधित कर रहे हैं। इसी रैली में शामिल होने के लिए सभी प्राइवेट बस से कार्यक्रम स्थल पर जा रहे थे।
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर की दो दिनी कथा के एक दिन पहले 22 सितंबर को वन मंत्री विजय शाह ने अपने वन विभाग के जरिये कथा पांडाल में ही मुख्यमंत्री का कार्यक्रम करवाया था। अब पंडित धीरेंद्र शास्त्री एक वाकया सुनाते हुए इसका खुलासा कर दिया है।
कमलनाथ ने शिवराज पर निशाना साधते हुए कहा, आपकी झूठ मशीन की डबल स्पीड से मध्य प्रदेश की जनता के साथ प्रधानमंत्री भी त्रस्त हैं। इसीलिए उन्होंने पूरे चुनाव अभियान से आपको बाहर कर दिया है। आप देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री बन गए हैं जो मुख्यमंत्री तो हैं, लेकिन मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं हैं।
12 ज्योतिर्लिंगों में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का चतुर्थ स्थान है। जहां नर्मदा नदी के तट पर भगवान ओंकारेश्वर तथा भगवान ममलेश्वर विराजमान है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सभी तीर्थ करने के उपरांत ओंकारेश्वर तीर्थ पहुंचकर मां नर्मदा में स्नान कर भगवान ओंकारेश्वर का जलाभिषेक करना अनिवार्य माना गया है।
भाजपा महासचिव से पूछा गया था कि भारत के विभिन्न हिस्सों में एक समय पर अलग-अलग मौसमी हालात होने के मद्देनजर देश भर में एक साथ चुनाव कराया जाना व्यावहारिक रूप से संभव है? इस पर उन्होंने जवाब दिया है।
सिंधिया परिवार से कभी किसी मुखिया या सदस्य ने आम लोगों से इस तरह की नजदीकी नहीं दिखाई है। लेकिन जबसे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी ज्वाइन की है वह हर समय कुछ न कुछ ऐसा कर जाते हैं जो सिंधिया घराने में अब तक किसी ने नहीं किया होता है।
मध्य प्रदेश के राजनीतिक हलकों और मीडिया में यह बात आम है कि कमलनाथ अक्सर किसी से भी मीटिंग के बाद 'चलो चलो' कहकर मीटिंग खत्म करते हैं। यही वजह है कि कांग्रेस ने जब थीम सॉन्ग बनाया तो जिस "चलो चलो 'बात से विपक्ष कमलनाथ को घेरता आया है, उसी लाइन को लेकर पूरा थीम सॉन्ग ही बना डाला।
स्मृति ईरानी ने मध्य प्रदेश के सीहोर में बड़ा बयान दिया है। ईरानी ने चुनाव को लेकर कहा कि इस बार का चुनाव सिर्फ चुनाव नहीं है, यह धर्म और अधर्म के बीच की लड़ाई है।
लगातार दो दिन स्क्रीनिंग समिति की बैठक में सर्वे रिपोर्ट के आधार पर उम्मीदवारी तय करने की बात हुई तो कई नेताओं ने उस पर सवाल उठाए। साथ ही यह भी जानना चाहा कि आखिर इस सर्वे रिपोर्ट में किन लोगों के नाम सामने आए हैं।
सीधी कांड के 3 महीने बाद ऐसी ही एक घटना सामने आई है और इस बार राज्य की राजधानी भोपाल से, जहां लोगों के एक समूह ने कोटवार की पिटाई की और उस पर पेशाब किया।
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