एवेरस्ट पर ट्रैफिक जैम बढ़ा रहा पर्वतरोहियों की जान का खतरा
आठ हजार आठ सौ अड़तालीस मीटर ऊंचे शिखर पर फिलहाल कई देशों के लोग चढ़ने की कोशिश में हैं। खबर के मुताबिक कई देशों के पर्वतारोहियों ने ये शिकायत की है कि उन्हें माउंट एवरेस्ट से उतरने के लिए कई घंटों तक का इंतजार करना पड़ा।
माउंट एवरेस्ट पर दो और भारतीय पर्वतारोहियों की ‘घंटे भर के यातायात जाम’ के चलते मौत हुई है। इसके साथ ही दुनिया की इस सबसे बड़ी चोटी पर इस मौसम में पर्वतारोहण के दौरान जान गंवाने वाले भारतीयों की संख्या आठ हो गयी है।
दुनिया की सर्वोच्च चोटी माउंट एवरेस्ट पर इस मौसम में चढ़ने के लिए भारत के करीब 80 पर्वतारोहियों को अनुमति मिली। इस चोटी पर चढ़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 381 लोगों को मंजूरी दी गई थी।
एक कृत्रिम पैर के सहारे एवरेस्ट फतह करने वाली दुनिया की एकमात्र महिला अरुणिमा अब तक कई चोटियों पर फतह हासिल कर चुकी हैं।
दुनिया की सबसे ऊँची माउंट एवरेस्ट को फतह करने के लिये बीएसएफ ने इस बार भी लवराज धर्मशक्तू को चुना। उन्होंने अपने दल के साथ 30 मार्च 2018 को भारत से नेपाल के लिए कूच किया था।
सीमा सुरक्षा बल (BSF) के असिस्टेंट कमांडेंट लवराज ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर सातवीं बार तिरंगा फहरा कर एक नया रिकॉर्ड बनाया है।
माउंट एवरेस्ट पर्वतारोहियों की बढ़ती संख्या के चलते धीरे-धीरे कचरे के ढेर में तब्दील होता जा रहा है...
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