इसरो ने तीन सप्ताह से अधिक समय पहले चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के प्रयास के दौरान संपर्क से बाहर हुए ‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ से संपर्क कायम करने की कोशिशें अभी छोड़ी नहीं हैं।
भुवनेश्वर। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के.सिवन ने शनिवार को कहा कि देश दिसंबर 2021 तक मनुष्य को अंतरिक्ष में भेजने के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए आगे बढ़ रहा है।
‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ से पुन: संपर्क करने और इसके भीतर बंद रोवर ‘प्रज्ञान’ को बाहर निकालकर चांद की सतह पर चलाने की संभावनाएं हर गुजरते दिन के साथ क्षीण होती जा रही हैं।
डीआरडीओ के पूर्व वैज्ञानिक एवं ब्रह्मोस मिसाइल कार्यक्रम का नेतृत्व करने वाले ए शिवतनु पिल्लई ने दावा किया है कि भारत हीलियम-3 प्राप्त करने के लिए 10 साल में चंद्रमा की सतह पर एक बेस स्थापित करने में सक्षम हो जाएगा।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के तथ्यों के मुताबिक पिछले छह दशक में शुरू किए गए चंद्र मिशन में सफलता का अनुपात 60 प्रतिशत रहा है।
भारत का चंद्रयान-2 (#Chandrayaan2) चांद के दक्षिणी हिस्से की सतह पर लैंड करेगा।
चांद को सुंदरता से जोड़कर देखा जाता है। कभी चांद को अपनी इसी खूबसूरती पर बड़ा घमंड था और इस देवता ने चांद के घमंड को चकनाचूर कर दिया।
‘विक्रम’ शनिवार तड़के डेढ़ बजे से ढाई बजे के बीच चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करेगा। ‘विक्रम’ के अंदर रोवर ‘प्रज्ञान’ होगा जो शनिवार सुबह साढ़े पांच से साढ़े छह बजे के बीच लैंडर के भीतर से बाहर निकलेगा।
हनीमून में चांद का रोल बहुत खास है। शादी के बाद हनीमून पर जाना एक कर्म बन गया है। लेकिन सबसे पहला हनीमून किसने मनाया होगा?
एक दिन चांद को देखे बिना पानी तक नहीं पी सकते और दूसरे दिन चांद को देखना तक मना है।
चंद्रयान-2 मिशन लाइव अपडेट्स: ये इतिहास बनना इतना आसान नहीं होगा क्योंकि चांद की सतह पर उतरने में जो पंद्रह मिनट लगेगा वो बेहद अहम है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चंद्रयान-2 के ‘लैंडर’ विक्रम की शनिवार तड़के चंद्रमा की सतह पर ऐतिहासिक ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ देखने के लिए यहां मौजूद होंगे।
धरती और चांद पर मूल्यवान धातु की मौजूदगी के संबंध में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, पृथ्वी के इकलौते उपग्रह के गर्भ में मूल्यवान धातुओं का बड़ा भंडार छुपा हो सकता है।
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार आज चंद्र दर्शन निषेध है, आज चंद्र दर्शन करने से कलंक लगता है। जानें मान्यता।
अंतरिक्ष उत्साहियों के लिए चंद्रमा पर मानव मिशन भेजना हमेशा एक बड़ा सपना रहा है, और इस क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों स्पेस एक्स के सीईओ रलोन मस्क, ब्लू ऑरिजिन के सीईओ जेफ बेजोस और वर्जिन गैलेक्टिस के संस्थापक सर रिचर्ड ब्रानसन के साथ ही नासा का लक्ष्य मनुष्य को गहरे अंतरिक्ष में भेजना है, जिसके लिए चंद्रमा आने वाले सालों में एक पड़ाव का काम करेगा।
चंद्रयान-2 चांद की कक्षा में चक्कर लगा रहा है। इसी दौरान ''चंद्रयान-2'' ने पहली चांद की फोटो ली।
‘चंद्रयान-2’ बुधवार को धरती की कक्षा छोड़ देगा और फिर यह चांद पर पहुंचने के लिए ‘चंद्रपथ’ पर अपनी यात्रा शुरू कर देगा।
दुनिया इस साल मानव के चांद पर कदम रखने की 50वीं वर्षगांठ मना रही है, इसी आलोक में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि वह एक अन्य कार्यक्रम के तहत इस दिशा में एक बार फिर बड़ी उपलब्धि हासिल करने को तैयार है।
अनुसंधान ने स्पेस में भी युवाओं के लिए करियर के रास्ते खुल गए हैं।
इतिहास के पन्नों में 20 जुलाई की तारीख एक ऐसी घटना के साथ दर्ज है, जिसने चांद को कवियों की कल्पनाओं और रूमानियत के नफीस एहसास से निकालकर हकीकत की पथरीली जमीन पर उतार दिया।
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