नासा ने चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की है, जो एक साथ चांद पर जाएंगे। इन चारों में अंतरिक्ष यात्री क्रिस्टीना कोच हैं, जो चंद्रमा पर जाने वाली पहली महिला होंगी।
आज आसमान में अद्भुत नजारा दिखा। चमकीले चांद के नीचे आकर वीनस छुप गया। ऐसा नजरा आपने कभी नहीं देखा होगा। कई लोगों ने इसे कैमरे में कैद कर लिया।
Lunar New Year Celebrated in China: क्या आपने कभी चंद्र नववर्ष के बारे में सुना है, यह किस देश में, कब और क्यों मनाया जाता है। अगर आप नहीं जानते तो आइए आपको हम बताते हैं कि चंद्र नववर्ष कहां और कब मनाया जाता है? दरअसल चंद्र नववर्ष चीन में मनाया जाने वाला प्रमुख त्योहार है,जिसे कोविड के चलते कई वर्षों से रोक दिया गया।
NASA Moon Mission: नासा अपने मून मिशन के एक कदम और करीब पहुंच गया है। उसका ओरियन कैप्सूल चंद्रमा तक पहुंचा है। 50 साल पहले नासा के अपोलो कार्यक्रम के बाद से यह पहली बार है, जब कोई कैप्सूल चंद्रमा तक गया है।
देश के पूर्वी भाग में स्थित शहरों कोलकाता एवं गुवाहाटी में चंद्रोदय के समय ग्रहण की पूर्णावस्था चल रही होगी। कोलकाता में चंद्रोदय के समय से लेकर पूर्णावस्था के अंत तक की अवधि 20 मिनट की होगी तथा चंद्रोदय के समय से लेकर ग्रहण की आंशिक अवस्था के अंत तक की अवधि 1 घंटा 27 मिनट की होगी।
Moon Lighting: आखिर मून लाइटिंग क्या है। क्या कभी आपने इसके बारे में सुना है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) एन गणपति सुब्रमण्यम ने कहा है कि ‘मूनलाइटिंग’ करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
चांद हर साल पृथ्वी से 3.8 सेमी दूर होता जा रहा है। दरअसल, 1969 में नासा के अपोलो में 11 अभियान मेंचांद हर साल पृथ्वी से 3.8 सेमी दूर होता जा रहा है। दरअसल, 1969 में नासा के अपोलो 11 अभियान में चंद्रमा पर जो रिफ्लेक्टर्स लगाए गए थे, उनसे इसका पता चला है।
Moon Lighting: क्या मून लाइटिंग के बारे में आपने कभी सुना है। नाम से तो यह भी कैंडिल लाइटिंग जैसा ही आपको कुछ लग रहा है। क्या मून लाइटिंग भी कैंडिल लाइटिंग जैसी कोई रोमांस से जुड़ी चीज है, जिसे लेकर आज देश भर में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं या फिर ये कुछ और है।
Mining on Moon: धरती की कोख में सोना, चांदी से लेकर, हीरे-मोती, लोहा, कीमत पत्थर, कोयला, बालू समेत असंख्य रत्न हैं। मगर अब दुनिया भर में तेजी से हो रहे खनन के चलते धीरे-धीरे धरती की कोख खाली होने लगी है। ऐसे में अब इंसानों ने चांद पर खनन करने का रास्ता तैयार किया है।
World News: वैसे तो चीन हर प्रयोग अपना गोपनीय रखता है। वो मसला अंतरिक्ष से जुड़ा हो या डिफेंस अपने काम को काफी ही छिपाकर रखता है। हालांकि इस बार चीनी वैज्ञानिकों ने एक नया किर्तीमान स्थापित कर दिखाया है।
India's Moon Mission: इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन (इसरो) ने एक ऐसी तकनीकि ईजाद की है जिससे कि अब हर अंतरिक्ष यानि की सुरक्षित लैंडिंग की जा सकेगी। इसरो के वैज्ञानिकों ने जुलाई 2019 में मिशन मून-2 की चंद्रमा पर लैंडिंग कराते समय लैंडर के भटक जाने के बाद सबक लेते हुए यह तकनीकि विकसित करने में सफलता पाई है।
NASA Artemis 1 Mission: नासा का आर्टेमिस-1 मिशन करीब आधी सदी के बाद मनुष्यों को चंद्रमा की यात्रा कराकर वापस लाने के एक महत्वपूर्ण कदम की ओर अग्रसर है। इस मिशन को 29 अगस्त 2022 को रवाना किया जाना है और नासा की अतंरिक्ष प्रक्षेपण प्रणाली और ऑरियन क्रू कैप्सूल के लिए यह महत्वपूर्ण यात्रा होने वाली है।
Mini Moon: हमारे सौर मंडल में कई चंद्रमा हैं, शायद इसके बार में आपको जानकारी नहीं होगी। हालांकि हम पृथ्वी से सिर्फ एक ही दिखाई देती है क्योंकि केवल एक प्राकृतिक उपग्रह पृथ्वी की परिक्रमा करता है।
आज तक, सैटेलाइट और रॉकेटों के मलबे से पृथ्वी की सतह (या वायुमंडल में हवाई यातायात) को नुकसान पहुंचने की संभावना को नगण्य माना गया है। ऐसे अंतरिक्ष मलबे के अधिकांश अध्ययनों ने निष्क्रिय सैटेलाइट द्वारा कक्षा में उत्पन्न जोखिम पर ध्यान केंद्रित किया है, जो कार्यशील सैटेलाइट के सुरक्षित संचालन में बाधा डाल सकता है।
जापान की क्योटो यूनिवर्सिटी और काजिमा कंस्ट्रक्शन एक ग्लास बनाने वाले हैं। इसका मतलब है कि इंसान एक आर्टिफिशियल स्पेस हैबिटेट में रहेगा। जिसकी ग्रैविटी पृथ्वी के बराबर होगी।
China on NASA Claim: चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं है कि नासा प्रशासक ने तथ्यों की अनदेखी करते हुए चीन पर निशाना साधा है।
‘कैप्स्टन’ उपग्रह का सफर पहले से ही कई मायने में असामान्य रहा है। इस उपग्रह को 6 दिन पहले न्यूजीलैंड के माहिआ प्रायद्वीप से प्रक्षेपित किया गया था। इसे रॉकेट लैब कंपनी ने अपने छोटे से इलेक्ट्रॉन रॉकेट से प्रक्षेपित किया था।
जीवन में सुख और शांति के लिए ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पूजा की जाती है। ये दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है। इसके साथ ही इस दिन दान करना बेहद शुभ माना जाता है।
सूर्य और चंद्रमा का एक कुंडली के एक ही भाव में होना कई तरह के फल देता है। यहां जानिए।
चंद्रमा अगर कुंडली में कमजोर है तो व्यक्ति मन पर कंट्रोल नहीं रख पाता। दुविधा और परेशानी हावी रहती है और बीमारियों का हमला होता है।
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