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आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार आज चंद्र दर्शन निषेध है, आज चंद्र दर्शन करने से कलंक लगता है। जानें मान्यता।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि यह प्रक्रिया अपराह्न 12 बजकर 45 मिनट पर शुरू हुई और एक बजकर 15 मिनट पर ऑर्बिटर से ‘विक्रम’ अलग हो गया।
अंतरिक्ष उत्साहियों के लिए चंद्रमा पर मानव मिशन भेजना हमेशा एक बड़ा सपना रहा है, और इस क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों स्पेस एक्स के सीईओ रलोन मस्क, ब्लू ऑरिजिन के सीईओ जेफ बेजोस और वर्जिन गैलेक्टिस के संस्थापक सर रिचर्ड ब्रानसन के साथ ही नासा का लक्ष्य मनुष्य को गहरे अंतरिक्ष में भेजना है, जिसके लिए चंद्रमा आने वाले सालों में एक पड़ाव का काम करेगा।
चंद्रयान-2 चांद की कक्षा में चक्कर लगा रहा है। इसी दौरान ''चंद्रयान-2'' ने पहली चांद की फोटो ली।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि मंगलवार को चंद्रयान-2 को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित करते समय हमारे दिल की धड़कनें लगभग थम सी गई थीं।
इसरो के मुताबिक ये स्टेज मिशन के सबसे मुश्किल स्टेज में से एक था क्योंकि अगर सेटेलाइट चंद्रमा पर तेज गति वाले वेग से पहुंचता, तो वो इसे उछाल देता और ऐसे में वो गहरे अंतरिक्ष में खो जाता ।
चंद्रयान-2 में तीन हिस्से हैं - ऑर्बिटर, लैंडर 'विक्रम' और रोवर 'प्रज्ञान'। ऑर्बिटर करीब सालभर चांद की परिक्रमा कर शोध को अंजाम देगा। वहीं, लैंडर और रोवर चांद की सतह पर उतरकर प्रयोग का हिस्सा बनेगा।
‘चंद्रयान-2’ बुधवार को धरती की कक्षा छोड़ देगा और फिर यह चांद पर पहुंचने के लिए ‘चंद्रपथ’ पर अपनी यात्रा शुरू कर देगा।
दुनिया इस साल मानव के चांद पर कदम रखने की 50वीं वर्षगांठ मना रही है, इसी आलोक में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि वह एक अन्य कार्यक्रम के तहत इस दिशा में एक बार फिर बड़ी उपलब्धि हासिल करने को तैयार है।
अनुसंधान ने स्पेस में भी युवाओं के लिए करियर के रास्ते खुल गए हैं।
भारत अंतरिक्ष में बड़ी छलांग लगाने जा रहा है। भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) अपने महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 को लॉन्च करने जा रही है।
इसरो के मुताबिक इस अभियान का उद्देश्य चंद्रमा की उत्पत्ति और क्रमिक विकास को समझने के लिये विस्तृत अध्ययन करना है। आइए आपको बताते हैं चंद्रयान-2 से भारत को होंगे क्या फायदे।
स्पूतनिक ने कहा, "चंद्रयान-2 की कुल लागत करीब 12.4 करोड़ डॉलर है जिसमें 3.1 करोड़ डॉलर लांच की लागत है और 9.3 करोड़ डॉलर उपग्रह की। यह लागत एवेंजर्स की लागत की आधी से भी कम है। इस फिल्म का अनुमानित बजट 35.6 करोड़ डॉलर है।"
इतिहास के पन्नों में 20 जुलाई की तारीख एक ऐसी घटना के साथ दर्ज है, जिसने चांद को कवियों की कल्पनाओं और रूमानियत के नफीस एहसास से निकालकर हकीकत की पथरीली जमीन पर उतार दिया।
isro moon mission Chandrayaan-2 launch at 2:43 pm on Monday July 22, 2019 । 22 जुलाई को Chandrayaan-2 को किया जाएगा लॉन्च, ISRO ने ठीक की खामी
बताया जा रहा है अगर जुलाई में चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण टल जाता है तो फिर सितंबर या अक्टूबर में ऐसा संभव हो पायेगा। इसकी वजह लांच विंडो का सही समय है।
इसरो के मुताबिक इस अभियान का उद्देश्य चंद्रमा की उत्पत्ति और क्रमिक विकास को समझने के लिये विस्तृत अध्ययन करना है। आइए आपको बताते हैं चंद्रयान-2 से भारत को होंगे क्या फायदे।
जिस तरह भारत चांद पर कदम रखने जा रहा ठीक उसी तरह बॉलीवुड में भी चांद पर कई गाने बनाए गए हैं। सुनिए ये खास गानें।
भारत अंतरिक्ष में बड़ी छलांग लगाने जा रहा है। भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) अपने महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 को लॉन्च करने जा रही है।
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