नासा ने चंद्रमा पर पानी की खोज करने वाले अपने मिशन को टाल दिया है। नासा ने इसके लिए चांद पर एक लैंडर भेजने की तैयारी की थी। मगर अब अचानक अपनी योजना को रद्द कर दिया है।
चीन अंतरिक्ष अधिकारियों ने कहा है कि चंद्रमा से लाए गए नमूनों के अध्ययन के लिए वे दुनियाभर के वैज्ञानिकों का स्वागत करते हैं लेकिन इस रिसर्च में अमेरिका के साथ उनकी कुछ सीमाएं हैं।
चीन के चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम के मुख्य डिजाइनर वु वेरेन ने कहा, ‘‘यदि चांग-6 मिशन अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहता है तो यह वैज्ञानिकों को चंद्रमा के दूरस्थ हिस्से के वातावरण और भौतिक संरचना को समझने के लिए सीधे तौर पर पहली बार साक्ष्य उपलब्ध कराएगा।’’
जापान के स्पेसक्राफ्ट कागुया ने चांद की सतह से एक वीडियो रिकॉर्ड किया है जो कि सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में चांद की सतह से पृथ्वी अस्त होते हुए दिख रही है।
अगर सबकुछ ठीक रहा तो 50 से अधिक वर्ष बीत जाने के बाद फिर से चांद पर मानवों के कदम जल्द पड़ेंगे। हालांकि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का 2024 का यह मून मिशन तकनीकी वजहों से एक साल के लिए स्थगित हो गया है। अब यह 2025-26 में चांद के लिए रवाना होगा। चांद पर पहलीबार 20 जुलाई 1969 को मानव ने पहला कदम रखा था।
चंद्रयान 3 ने चंद्रमा पर पहली बार प्राकृतिक भूकंपीय गतिविधियों के रिकॉर्ड किया है। इसरो के अनुसार चांद की सतह पर प्रज्ञान रोवर और लैंडर विक्रम ने भूकंपीय गतिविधियों को दर्ज किया है। इसरो ने कहा कि यह घटना प्राकृतिक प्रतीत होती है। इसके सभी स्रोतों की जांच की जा रही है।
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चांद की सतह का तापमान क्या है और ये किस प्रकार बदलता है। इस बारे में अब तक दुनिया को कोई जानकारी नहीं है। मगर भारत द्वारा भेजे गए चंद्रयान 3 के पेलोड विक्रम लैंडर ने चांद की सतह का भ्रमण करके दिन भर चांद की मिट्टी के ताप का आकलन किया। अब इसे इसरो ने ग्राफ के तौर पर प्रस्तुत किया है।
चांद पर भारत के चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद अब लोगों में इस बात की जिज्ञासा है कि भारत अपना कोई इंसान चांद पर भेजेगा या नहीं? जानें इस बारे में क्या है जनता की राय।
चंद्रयान-3 दो दिन बाद ही चांद की सतह पर उतरने वाला है। इससे पहले चंद्रयान ने चांद की कुछ तस्वीरें भेजी हैं जिसे इसरो ने शेयर किया है। देखें तस्वीरें-
भारत के लिए आज का दिन बेहद खास है। चंद्रयान 3 आज चांद की कक्षा में चांद से कुछ ही दूरी पर होगा। ये कब और कहां लैंड करेगा..जानिए पूरी डिटेल्स-
इसरो के चंद्रयान-2 मिशन के ऑर्बिटर की मदद से चांद की नई जानकारियां लगातार सामने आ रही हैं। अब पता चला है कि चांद की सतह पर हाइड्रॉक्सिल और वाटर मॉलिक्यूल्स (पानी के अणु) मौजूद हैं।
चीन का चंद्रयान ‘चांग ई 5’ चांद की सतह से नमूने लेने के बाद सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आया है। चांद से 40 से अधिक वर्ष बाद नमूने पृथ्वी पर लाए गए हैं।
भारत के दूसरे चंद्र अभियान चंद्रयान-2 के आज बुधवार (22 जुलाई) को अपने प्रक्षेपण के एक साल पूरा करने के अवसर पर इसरो ने कहा है कि इसके सभी आठ उपकरण बखूबी काम कर रहे हैं।
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